ईरान और अमेरिका के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ता नजर आ रहा है। हाल ही में ईरान ने परमाणु बम बनाने की धमकी दी है, यह कहते हुए कि अगर अमेरिका ने कोई भी गलत कदम उठाया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ईरानी अधिकारियों का यह बयान क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।
ईरान का बयान और उसकी मंशा
ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि अमेरिका या उसके सहयोगी देशों ने ईरान की संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिश की, तो देश अपने परमाणु कार्यक्रम को तेज कर सकता है और हथियार बनाने की दिशा में कदम उठा सकता है।
अमेरिका-ईरान विवाद की पृष्ठभूमि
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अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौता (Joint Comprehensive Plan of Action - JCPOA) 2015 में हुआ था, लेकिन 2018 में अमेरिका इससे बाहर हो गया।
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इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है।
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अमेरिका का आरोप है कि ईरान गुप्त रूप से परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश कर रहा है, जबकि ईरान इसे ऊर्जा उत्पादन का हिस्सा बताता है।
क्या हो सकते हैं इसके परिणाम?
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अगर ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को हथियारों के स्तर तक बढ़ाता है, तो पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया कड़ी हो सकती है।
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यह कदम मध्य पूर्व की स्थिरता को और कमजोर कर सकता है।
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अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की ओर से सैन्य या आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र और कई यूरोपीय देशों ने इस विवाद को कूटनीतिक तरीके से हल करने की अपील की है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच तनाव किस दिशा में जाता है।