रूस और यूक्रेन के बीच ब्लैक सी (काला सागर) को लेकर एक अहम समझौता हुआ है, जिसका प्रभाव व्यापार और सुरक्षा दोनों पर देखने को मिलेगा। यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां से अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक जहाजों का आवागमन होता है और कई देशों की अर्थव्यवस्था इससे प्रभावित होती है।
इस समझौते का सबसे बड़ा असर व्यापार पर पड़ेगा। ब्लैक सी के रास्ते अनाज, तेल और अन्य जरूरी सामानों का निर्यात होता है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के कारण यह आपूर्ति प्रभावित हो रही थी, जिससे वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बनी हुई थी। इस समझौते से उम्मीद है कि अब व्यापारिक जहाज सुरक्षित रूप से आवागमन कर सकेंगे, जिससे खाद्य आपूर्ति और ऊर्जा निर्यात सुचारू हो सकेगा।
सुरक्षा के नजरिए से यह समझौता बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ब्लैक सी में रूस और नाटो देशों के बीच तनाव बढ़ रहा था, जिससे सैन्य संघर्ष का खतरा मंडरा रहा था। इस समझौते से तनाव कम होने की उम्मीद है और दोनों देशों के बीच बातचीत का एक नया रास्ता खुल सकता है।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता कितना प्रभावी रहेगा, यह आने वाले समय में ही साफ हो पाएगा। यदि दोनों देश इसका पालन करते हैं, तो यह न केवल व्यापार के लिए बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है।