इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति वर्मा के स्थानांतरण के फैसले के विरोध में हाईकोर्ट के वकीलों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। वकीलों का कहना है कि न्यायमूर्ति वर्मा की कार्यशैली निष्पक्ष और न्यायप्रिय रही है, और उनका अचानक तबादला न्यायिक स्वतंत्रता पर सवाल खड़ा करता है।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों ने इस स्थानांतरण के खिलाफ एकजुटता दिखाई और इसे न्यायपालिका की स्वायत्तता को प्रभावित करने वाला कदम बताया। वकीलों का मानना है कि इस तरह के फैसले न्यायिक प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
बार एसोसिएशन ने घोषणा की है कि जब तक इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया जाता, तब तक वकील अदालत में पेश नहीं होंगे। इस हड़ताल से न्यायिक कार्यों पर असर पड़ सकता है, जिससे कई मामलों की सुनवाई प्रभावित होने की संभावना है।
वकीलों ने न्यायपालिका और सरकार से अपील की है कि न्यायमूर्ति वर्मा के स्थानांतरण के फैसले को पारदर्शी तरीके से पुनः जांचा जाए, ताकि न्यायिक स्वतंत्रता और पारदर्शिता बनी रहे।