चंडीगढ़, 13 मार्च:
पंजाब सरकार द्वारा नशे के खात्मे के लिए चलाई जा रही मुहिम "युद्ध नशों विरुद्ध" के 13वें दिन पंजाब पुलिस ने 578 स्थानों पर छापेमारी कर 147 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया और 95 एफ.आई.आर. दर्ज की। इस अभियान के तहत अब तक कुल 1821 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ और ड्रग मनी बरामद
छापेमारी के दौरान 2.8 किलो हेरोइन, 7.9 किलो भुक्की, 4960 नशे की गोलियां/इंजेक्शन और 3.78 लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई।
संगठित अभियान के तहत हुई कार्रवाई
यह कार्रवाई पंजाब पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव के निर्देशानुसार सभी 28 पुलिस जिलों में एक साथ की गई। संगरूर में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) एन.आर.आई. मामलों के प्रमुख प्रवीन कुमार सिन्हा ने एसएसपी सरताज सिंह चाहल के नेतृत्व में धूरी शहर के रेलवे ओवरब्रिज के पास बाजीगर बस्ती में छापेमारी की।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आगामी तीन महीनों में पंजाब को नशामुक्त बनाया जाए। इस अभियान की निगरानी के लिए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया गया है।
270 पुलिस टीमों की तैनाती और व्यापक तलाशी अभियान
विशेष डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने बताया कि 103 राजपत्रित अधिकारियों की निगरानी में 2400 से अधिक पुलिसकर्मियों की 270 पुलिस टीमों ने छापेमारी की। इस दौरान 917 संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी ली गई।
तीन-स्तरीय रणनीति से नशे के खिलाफ जंग
विशेष डीजीपी ने बताया कि पंजाब सरकार ने नशे के उन्मूलन के लिए तीन-स्तरीय रणनीति – प्रवर्तन, डी-एडिक्शन और रोकथाम (E-D-P) अपनाई है। इसके तहत:
- 8 नशा पीड़ितों को पुनर्वास और उपचार के लिए प्रेरित किया गया।
- राज्यभर में 158 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए ताकि नशे की रोकथाम सुनिश्चित की जा सके।
पंजाब सरकार और पुलिस विभाग नशा मुक्त राज्य बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से प्रयासरत हैं।