चंडीगढ़, 13 मार्च
पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने गैर-मानक और समय सीमा समाप्त हो चुके कृषि उत्पादों पर सख्त कार्रवाई करते हुए फाजिल्का जिले में 111 बैग खाद जब्त किए हैं। इसके अलावा, मलेरकोटला में एक बिना लाइसेंस के बीज विक्रेता के खिलाफ नियमों के उल्लंघन के चलते शिकायत दर्ज की गई है।
फाजिल्का में 111 बैग खाद जब्त
पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने जानकारी दी कि फाजिल्का में मुख्य कृषि अधिकारी की अगुवाई में टीम ने पंजावा मॉडल कोऑपरेटिव एग्रीकल्चर सर्विस सोसायटी लिमिटेड में छापेमारी की। इस दौरान गोदाम में संग्रहीत 111 बैग खाद बरामद किए गए, जो समय सीमा समाप्त होने के बावजूद स्टॉक में रखे गए थे। जब्त किए गए खाद में शामिल हैं:
- पोटाश मोबिलाइजिंग बैक्टीरिया - 25 बैग (हिंदुस्तान बी.ई.सी. टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड)
- पोटाश 14.5 - 45 बैग (मालवा इंडस्ट्रियल एंड मार्केटिंग फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड - मिफको)
- कोरगो जिप्सम - 31 बैग (हिंदुस्तान बी.ई.सी. टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड)
- माइकोराइजा - 10 बैग (मिफको)
इसके अतिरिक्त, गोदाम में यूरिया खाद के साथ जिप्सम खाद भी पाई गई, जिसे जांच के लिए नमूने के रूप में एकत्र किया गया। इस मामले में फर्टिलाइज़र कंट्रोल ऑर्डर 1985 के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।
बिना लाइसेंस के बीज विक्रेता पर कार्रवाई
मलेरकोटला में किसानों की शिकायत के आधार पर संगरूर के मुख्य कृषि अधिकारी की देखरेख में एक अन्य टीम ने मैसर्स संकल्प रिटेल स्टोर पर छापा मारा। किसानों ने आरोप लगाया कि उन्होंने 3,300 रुपये प्रति बैग की दर से मक्का बीज (पायनियर 1899) के 21 बैग खरीदे थे, लेकिन विक्रेता ने बिल देने से इनकार कर दिया।
जांच में पाया गया कि डीलर का बीज लाइसेंस 22 अप्रैल 2024 को समाप्त हो चुका था, फिर भी वह बिना लाइसेंस नवीनीकरण के बीज बेच रहा था। यह सीड (कंट्रोल) ऑर्डर 1983 की धारा 3 और 9 का उल्लंघन है।
इसके अलावा, विक्रेता ने सीड कंट्रोल ऑर्डर 1983 की धारा 18 (1) और 18 (2), और सीड रूल्स 1968 की धारा 38 का भी उल्लंघन किया। इसे ध्यान में रखते हुए, कंपनी के मालिक और प्रतिनिधियों के खिलाफ थाना सिटी-1, मलेरकोटला में शिकायत दर्ज करवाई गई है।
गुणवत्ता नियंत्रण अभियान के तहत कड़ी कार्रवाई
कृषि मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान खाद डीलरों और कंपनियों के 87 लाइसेंस रद्द किए गए हैं, जबकि 8 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
इसी तरह, 116 कीटनाशक डीलरों के लाइसेंस रद्द किए गए और 5 एफआईआर भी दर्ज की गई हैं।
राज्य सरकार द्वारा यह कार्रवाई किसानों को गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद उपलब्ध कराने और नकली व निम्न-गुणवत्ता वाले उत्पादों पर रोक लगाने के उद्देश्य से की जा रही है।