श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़े ने महाकुंभ नगर में भव्यता और राजसी अंदाज में प्रवेश किया. संतों के रथों, घोड़ों और ऊंटों पर सवार नागा संन्यासी इस यात्रा का मुख्य आकर्षण बने. श्रद्धालुओं ने उनका स्वागत पुष्प वर्षा से किया.
इस बार के महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) में आवाहन अखाड़े ने पर्यावरण की रक्षा के लिए 'वृक्ष लगाओ, सृष्टि बचाओ' का संदेश दिया. अखाड़े के आचार्य स्वामी अरुण गिरी जी ने महाकुंभ में आने वाले भक्तों से वृक्षारोपण का संकल्प लिया और 51 हजार फलदार पौधे प्रसाद के रूप में वितरित किए.
श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा महाकुंभ में सबसे प्राचीन अखाड़ा है, जो अब तक 122 महाकुंभ और 123 कुम्भों का आयोजन कर चुका है. इस अखाड़े का महाकुंभ में प्रवेश काफी ऐतिहासिक माना जाता है.
अखाड़े का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म का प्रचार और धर्म की रक्षा करना है. हालांकि वर्तमान समय में पर्यावरण की रक्षा को भी प्राथमिकता दी जा रही है. इसके लिए आवाहन अखाड़ा ने महाकुंभ में कई धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का आयोजन करेंगे.
अखाड़े के आचार्य स्वामी अरुण गिरी जी ने महाकुंभ में अपनी छावनी प्रवेश यात्रा के दौरान 'वृक्ष लगाओ, सृष्टि बचाओ' का नारा दिया, जो न केवल धार्मिक जागरूकता बल्कि पर्यावरणीय संरक्षण का भी संदेश देता है.