सिटी दर्पण
चंडीगढ़, 28 नवंबरः
पंजाब कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू कैंसर के मामले में दिए गए बयान में बुरी तरह फंस गए हैं।
दरअसल, आयुर्वेदिक तरीके से कैंसर का इलाज बताने के रूप में नींबू पानी, कच्ची हल्दी और दालचीनी का सेवन करने की सलाह देने को लेकर उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने लेटर लिखकर 860 करोड़ रुपए का नोटिस भेजा है।
सोसाइटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने इस बाबत कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू का 40 दिन में कैंसर की चौथी स्टेज की बीमारी खत्म करने का दावा किया है। सोसायटी ने कहा कि यह दावा कैंसर मरीजों को भ्रम में डाल रहा है। इसके कारण लोगों का एलोपेथी दवाइयों से भरोसा उठ रहा है।
कैंसर से जूझ रही थी नवजोत कौर
नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू साल 2022 से कैंसर की बीमारी से जूझ रही थी। नवजोत सिंह सिद्धू कहते भी हैं कि वह उस दौरान जेल में थे जब उन्हें नवजोत कौर की कैंसर की बीमारी का पता चला। नवजोत कैंसर की चौथी स्टेज पर थी। ऐसे में उन्होंने कैंसर को मात दी है। जो वाकई किसी चमत्कार से कम नहीं है।
बीते कुछ दिनों से सिद्धू काफी एक्टिव भी हो गए हैं। वह नवजोत के साथ पंजाब की गलियों में भी घूमते नजर आए। इससे पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर उन्होंने बताया कि नवजोत ने किस तरह से 40 दिनों के भीतर कैंसर की जंग जीती। यही विवाद बाद में उनकी परेशानी का सबब बन गया।
सिद्धू ने बयान में क्या कहा था
दरअसल, कुछ समय पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रेसकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा था कि अब मेरी पत्नी (नवजोत कौर) कैंसर से आजाद हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने कहा था कि इसके पांच फीसदी भी चांस नहीं है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस पर जोर देते हुए कहा कि यह प्रेस वार्ता इसलिए भी जरूरी है ताकि मैं आप लोगों से साझा कर सकूं कि कैसे नवजोत चालीस दिन में कैंसर से जंग जीतकर वापस आ गईं।
इस बीच नवजोत सिंह ने कहा कि नवजोत कौर का कैंसर चौथी स्टेज में चला गया था। डॉक्टरों ने 3 फीसदी तक के चांस बताए थे। मैं उस दौरान रोजाना चार-चार, पांच-पांच घंटे पढ़ता था। नवजोत ने कहा कि बहुत से लोग पूछते हैं कि आपके पास तो करोड़ो रुपए हैं। लेकिन एक आम आदमी कैसे इलाज कराए।
उन्होंने कहा कि नीम के पत्तों के क्या पैसे, कच्ची हल्दी के क्या पैसे नींबू और सिरके के क्या पैसे। ये चार-पांच चीजें थी जिनसे मैंने अनुभव किया कि कैंसर को मात दी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए कॉर्बोहाइड्रेट, रिफाइंड, समोसे जलेबी मेदा इत्यादि से भी परहेज करना चाहिए। इस तरह सिद्धु के अनुसार लाइफस्टाइल में बदलाव कर नीम-हल्दी और नींबू से 40 दिन में कैंसर को हराया गया है।
सिद्धू के बयान को किया खारिज
सिद्धू के इस बयान पर मानो मेडिकल क्षेत्र में तहलका मच गया। टाटा मेमोरियल अस्पताल के पूर्व और वर्तमान के मिलाकर कुल 262 कैंसर विशेषज्ञों द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा गया है कि सिद्धू ने अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया है। इसमें कहा गया है कि इनमें से कुछ उत्पादों पर अनुसंधान जरूर चल रहा है, लेकिन वर्तमान में एंटी-कैंसर तत्व के रूप में उनके उपयोग की सिफारिश करने के लिए कोई क्लीनिकल डाटा नहीं है।
सोसायटी ने क्या की मांग?
छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी डॉक्टर सोलंकी ने कहा कि सोसाइटी ने लीगल नोटिस भेजकर सात दिनों के भीतर इलाज के दस्तावेज पेश करने और माफी मांगने की मांग की है। अगर ऐसा नहीं किया तो 100 मिलियन डॉलर यानी कि 850 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का दावा किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने लिखा है कि नवजोत कौर सिद्धू अपने पति के दावों के समर्थन में कोई प्रमाणित दस्तावेज या चिकित्सकीय प्रमाण नहीं रखती हैं। वे प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इस पर स्पष्टीकरण दें, क्योंकि इससे बाकी कैंसर मरीज भ्रमित हो रहे हैं। सिद्धू के कथनों पर भरोसा कर अपने जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।