राशि शुभ दिनाँक : 5,7,11,14,16,21,22,25,30
राशि प्रतिकूल दिनाँक : 1,2,8,9,17,18,26,27
स्वास्थ्य: इस वर्ष आप शनि की अढ़ैया के साथ-साथ राहू के अष्टम गोचर के प्रभाव में रहेंगे। वात रोगों में वृद्धि हो सकती हैं। हड्डियों के रोग उत्पन्न हो सकते हैं। वर्ष के प्रथम महीने में ही आपको स्वास्थ्य का खास ध्यान देने की आवश्यकता है। गठिया और घुटनों के दर्द से पीड़ित जातकों की समस्या बढ़ने वाली है। वाहन चलाते समय विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता रहेगी। आपकी जीवनशैली अव्यवस्थित हो सकती है। मई-जून के महीने में आपको स्वास्थ्य के प्रति गम्भीर रहना चाहिये। हर तीन महीने में रूटीन चेकअप अवश्य करवा लें।
आर्थिक स्थिति: आपके अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं। राहू के अष्टम भाव में गोचर के कारण आपको अचानक धन लाभ और अचानक धन हानि का सामना करना पड़ेगा। आपको मकान और वाहन सुख प्राप्त होगा। आय के नवीन स्तोत्र विकसित होंगे। मार्च-जून के बीच गुरु की दृष्टि आय स्थान में होने से आपको निवेशों का लाभ मिलेगा। जमीन के क्रय-विक्रय से बहुत लाभ नहीं होगा। आभूषण और कपड़े खरीद सकते हैं। सितम्बर में शनि का ढैया के कारण आर्थिक नुकसान हो सकता है।
कौटुम्बिक एवं सामाजिक: केतू के द्वितीय भाव में गोचर के कारण आपकी वाणी से लोग आहत हो सकते हैं। चतुर्थ भाव में शनि और गुरु की युति के कारण घर में शान्ति का वातावरण रहेगा। समाज में आपकी छवि एक बुद्धिमान व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत होगी। कानूनी विवादों से दूर रहने का प्रयास करें। बच्चों की पढ़ाई से सन्तुष्ट रहेंगे। जुलाई से सितम्बर के बीच में आपको सन्तान सुख भी प्राप्त हो सकता है। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
प्रणय जीवन: दाम्पत्य जीवन में प्रेम रहेगा। अविवाहितों के लिये नये रिश्ते आ सकते हैं। दाम्पत्य जीवन में संघर्ष है तो किसी तीसरे को मध्यस्थ के रूप में न रखें। प्रेम विवाह को परिवार की अनुमति मिल सकती है। जीवनसाथी को कुछ उपहार दे सकते हैं। वैवाहिक जीवन आमतौर पर सामान्य ही रहेगा। अप्रैल के बाद विवाह के योग प्रबल होंगे। अवैध सम्बन्धों से दूर रहना आपके लिये हितकर होगा। अपनी भावनाओं को शुद्ध रखें। वर्ष के उत्तरार्ध में आपकी दाम्पत्य समस्याओं का निवारण होगा।
विद्यार्थी जीवन: व्यापार में पार्टनरशिप से आपको बचना चाहिये। आपको अनावश्यक खर्चों से सावधान रहना होगा। शोध सम्बन्धी कार्यों के लिये वर्ष उत्तम है। वर्ष का पूर्वार्ध शिक्षा के लिये अनुकूल नहीं है। आपको विदेश यात्रा भी करनी पड़ सकती है। भारे उद्योगों से जुड़े जातकों को कर्ज लेने से बचना चाहिये। सरकारी अधिकारियों के ऊपर काम का काफी दबाव रहेगा। प्राइवेट जॉब में आपकी आय बढ़ सकती है। नवम्बर के बाद उच्च शिक्षा में सफलता मिलेगी। जुलाई-अगस्त में लापरवाही से जॉब में उच्चाधिकारियों से बहसबाजी हो सकती है।
समाधान: नित्य महामृत्युंजय मन्त्र की एक माला जा जप करें। शनिवार को बहते जल में नारियल प्रवाहित करें।
राशि स्वामी: शुक्र, राशि नामाक्षर: र, त, नक्षत्र चरण नामाक्षर: रा, री, रु, रे, रो, ता, ती, तू, ते, आराध्य भगवान: श्री दुर्गा माता, भाग्यशील रंग: सफेद, भाग्यशील अंक: 2, 7, अनुकूल दिशा: पश्चिम, राशि धातु: लोहा, चाँदी, राशि शुभ रत्न: हीरा, राशि अनुकूल रत्न: हीरा, पन्ना तथा नीलम,
राशि अनुकूल वार: शुक्रवार, शनिवार तथा बुधवार, राशि स्वभाव: चर, राशि तत्व: वायु और राशि प्रकृति: सम।