अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से कड़े आव्रजन नीतियों की तैयारी कर रहे हैं। 2017 में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कुछ मुस्लिम-बहुल देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया था, लेकिन इस बार उनकी योजना कहीं अधिक व्यापक है। न्यूयॉर्क टाइम्स की 14 मार्च की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन करीब 43 देशों के नागरिकों पर अमेरिका आने की पाबंदी लगाने पर विचार कर रहा है। इस बार प्रतिबंध अलग-अलग स्तरों पर लागू किए जाएंगे, जिससे हर देश पर प्रभाव अलग होगा।
ट्रंप यात्रा प्रतिबंध क्यों लगाना चाहते हैं?
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है। उनका मानना है कि कुछ देश अपने नागरिकों से जुड़ी पर्याप्त जानकारी साझा नहीं करते, जिससे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। ट्रंप के अनुसार, कुछ देशों से आने वाले लोग आतंकवाद, अपराध, घृणास्पद विचारधारा और गैर-कानूनी आव्रजन को बढ़ावा दे सकते हैं। इसी कारण से उन्होंने अपने प्रशासन को निर्देश दिया था कि ऐसे देशों की एक सूची तैयार की जाए, जिनके नागरिकों पर आंशिक या पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
किन देशों पर लग सकती है पाबंदी?
2017 में लागू किए गए प्रतिबंधों में ईरान, इराक, सीरिया, यमन, लीबिया, सोमालिया और सूडान जैसे मुस्लिम-बहुल देशों को निशाना बनाया गया था। इस बार लिस्ट का दायरा काफी बड़ा हो सकता है और इसमें विभिन्न श्रेणियों में देशों को रखा जाएगा। संभावित प्रतिबंधित देशों में अफगानिस्तान, नाइजीरिया, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया, वेनेजुएला और कुछ अफ्रीकी तथा एशियाई देश शामिल हो सकते हैं।
क्या पाकिस्तान पर भी लगेगा बैन?
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान का नाम अभी फाइनल सूची में नहीं है, लेकिन अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और आव्रजन एजेंसियां इस पर विचार कर रही हैं। पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की संभावना इस बात पर निर्भर करेगी कि वह अमेरिका को अपने नागरिकों की पारदर्शी जानकारी उपलब्ध कराता है या नहीं। यदि पाकिस्तान सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो उसे प्रतिबंधित देशों की सूची में शामिल किया जा सकता है।
ट्रंप के पिछले प्रतिबंधों से यह नीति कितनी अलग होगी?
2017 में ट्रंप ने सिर्फ 7 मुस्लिम देशों पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन इस बार यात्रा प्रतिबंधों का दायरा काफी व्यापक होगा। 2018 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप के प्रतिबंधों को मंजूरी दी थी, लेकिन 2021 में राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस नीति को खत्म कर दिया था। अगर ट्रंप 2024 में दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो वे इस प्रतिबंध को फिर से लागू कर सकते हैं और इसे पहले से भी ज्यादा कठोर बना सकते हैं।
क्या होगा प्रतिबंधित देशों पर असर?
- अमेरिका जाने वाले यात्रियों को कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरना होगा।
- कुछ देशों के नागरिकों के लिए वीजा प्रोसेस बेहद मुश्किल हो सकता है।
- यदि कोई देश सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करता, तो उसकी नागरिकता बेचने की नीति पर भी असर पड़ सकता है।
- ट्रंप प्रशासन जरूरत के हिसाब से लिस्ट में बदलाव भी कर सकता है।
- डोनाल्ड ट्रंप 2024 में सत्ता में वापसी की कोशिश कर रहे हैं, और उनकी संभावित नीति में आव्रजन नियंत्रण एक बड़ा मुद्दा होगा। अगर वह फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो 43 देशों के नागरिकों के लिए अमेरिका का सफर मुश्किल हो सकता है। पाकिस्तान का नाम अभी पक्की सूची में नहीं है, लेकिन अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियां इस पर विचार कर रही हैं। अब सबकी नजर इस पर है कि ट्रंप की नीतियां कैसे आगे बढ़ती हैं और उनका वैश्विक प्रभाव क्या होगा।