सिटी दर्पण
नई दिल्ली, 14 मार्चः
जी-7 देशों की बैठक का समापन वैश्विक अर्थव्यवस्था और व्यापार नीतियों पर गंभीर चर्चाओं के साथ हुआ। हालांकि, इस बैठक में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ (शुल्क) नीति छाई रही, जिससे वैश्विक व्यापार पर पड़ने वाले प्रभावों पर विशेष जोर दिया गया।
बैठक में शामिल सात प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं—अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान—के नेताओं ने व्यापार और आर्थिक सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। हालांकि, चर्चा के केंद्र में ट्रंप की टैरिफ नीति रही, जिसने पहले भी वैश्विक व्यापार को प्रभावित किया था। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो उनकी संरक्षणवादी नीतियां व्यापार संतुलन को और प्रभावित कर सकती हैं।
यूरोपीय देशों और कनाडा ने विशेष रूप से चिंता व्यक्त की कि अमेरिका की संभावित टैरिफ नीतियां उनके उद्योगों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके अलावा, बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध, वैश्विक मुद्रास्फीति, जलवायु परिवर्तन और डिजिटल व्यापार से जुड़े मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
अमेरिका ने इस बैठक में भरोसा दिलाया कि वह अपने सहयोगी देशों के साथ आर्थिक संबंध मजबूत बनाए रखेगा। लेकिन, ट्रंप की नीतियों को लेकर अनिश्चितता ने जी-7 देशों के बीच चिंता बढ़ा दी है।
अंततः, जी-7 नेताओं ने व्यापार को संतुलित और निष्पक्ष बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई, लेकिन ट्रंप की टैरिफ नीतियों के प्रभाव को लेकर बहस बनी रही। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में अमेरिकी नीतियों का वैश्विक व्यापार पर क्या असर पड़ता है।