क्राउड मैनेजमेण्ट को बेहतर बनाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को ड्यूटी पर तैनात किया जाए : मुख्यमंत्री
पार्किंग स्पेस बढ़ाया जाए, यह सुनिश्चित किया जाए कि संगम स्नान के लिए श्रद्धालुओं को कम से कम चलना पड़े
आगामी 03 फरवरी को बसंत पंचमी के अमृत स्नान को जीरो इंसिडेण्ट बनाने के लिए सभी अधिकारी कार्य करें
देश और दुनिया महाकुम्भ की व्यवस्थाओं और इसकी भव्यता की सराहना कर रही
महत्वपूर्ण स्थलों पर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को ट्रैफिक व्यवस्था की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए
कहीं भी भीड़ एक-दूसरे को क्रॉस न करे, हर अधिकारी की जवाबदेही तय की जाए
प्रमुख स्नान पर्वों और उसके पहले और बाद में किसी तरह का कोई वी0आई0पी0 प्रोटोकॉल नहीं लागू होगा
साइनेजेज को ऊँचाई पर स्थापित करें और वहां प्रकाश की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
संवेदनशील स्थलों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए
संदिग्ध लोगों का पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाए
मेला क्षेत्र में सड़कों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव हो
लखनऊ : 01 फरवरी, 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज प्रयागराज मेला प्राधिकरण के आई0सी0सी0सी0 सभागार में आगामी बसंत पंचमी को होने वाले अमृत स्नान की तैयारियों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री जी ने समीक्षा बैठक में मौनी अमावस्या के दिन घटी घटना के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो लोग विगत 29 जनवरी को क्राउड मैनेजमेण्ट में फेल रहे, उन्हें हटाकर उनकी जगह नए और वरिष्ठ अधिकारियों को ड्यूटी पर तैनात किया जाए। पार्किंग स्पेस को बढ़ाया जाए और ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कि संगम स्नान के लिए श्रद्धालुओं को कम से कम चलना पड़े। उन्होंने कहा कि आगामी 03 फरवरी को बसंत पंचमी के अमृत स्नान को जीरो इंसिडेण्ट बनाने के लिए सभी अधिकारी कार्य करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश और दुनिया महाकुम्भ की व्यवस्थाओं और इसकी भव्यता की सराहना कर रही है। आमजन भी प्रदेश सरकार और मेला प्रशासन की प्रशंसा कर रहा है। बसंत पंचमी के अमृत स्नान को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए कुशल अधिकारियों की तैनाती की जाए, जिनकी व्यवस्था को बेहतर बनाने में रुचि हो। अधिकारी में ड्यूटी का जज्बा होना चाहिए। इसी जज्बे के लिए पुलिस कर्मियों की लगातार एक महीने ट्रेनिंग कराई गई थी। महत्वपूर्ण स्थलों पर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को ट्रैफिक व्यवस्था की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आवश्यकतानुसार सेक्टरों की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए तत्काल सेक्टर मजिस्ट्रेट को चेंज किया जाए। उनके स्थान पर वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया जाए। जो भी अधिकारी, कर्मचारी प्रमुख स्थलों पर तैनात किए जाएं, उनका व्यवहार लोगों के प्रति अच्छा होना चाहिए। अभद्र व्यवहार करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि टीम लीडर अच्छा होना चाहिए। विपरीत परिस्थितियों में भी चुनौतियों का सामना करने की आदत डालें। यदि आवश्यक हो तो पुलिस की काउंसिलिंग करें, लेकिन पब्लिक के साथ अच्छा व्यवहार करें। हमारे पास फोर्स की कोई कमी नहीं है। पूरे मेला क्षेत्र में 75 हजार से अधिक पुलिस फोर्स उपलब्ध करायी गई है।
मुख्यमंत्री जी ने यू0पी0पी0सी0एल0 के अध्यक्ष श्री आशीष गोयल और एस0टी0एफ0 हेड श्री अमिताभ यश को ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रोड को जाम न होने दें। कहीं भी भीड़ एक-दूसरे को क्रॉस न करे। हर अधिकारी की जवाबदेही तय की जाए। इसके अलावा दो अधिकारी कंट्रोल रूम से व्यवस्था की निगरानी करें। शेष अधिकारी बॉर्डर, शहर और मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें। कार्यरत अधिकारियों के लिए वहीं पर टेण्ट और खाने पीने की व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ को लेकर लोगों में उत्साह है। बहुत दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। प्रदेश सरकार ने बहुत पहले से इसके लिए वृहद स्तर पर तैयारियां की हैं। 6-लेन सड़कें बनाई गई हैं। पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। यदि पार्किंग कम लगती है, तो आसपास के किसानों से जमीन लेकर वहां पार्किंग स्पेस बढ़ाना सुनिश्चित करें। किसी भी स्थिति में प्रमुख स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं को बहुत अधिक पैदल न चलना पड़े। इसके अलावा, ऐसी व्यवस्था बनाएं कि गाड़ियां जाम में न फंसे। जनता के बीच यह बात जानी चाहिए कि प्रमुख स्नान पर्वों और उसके पहले और बाद में किसी तरह का कोई वी0आई0पी0 प्रोटोकॉल नहीं लागू होगा।
मुख्यमंत्री जी ने झूंसी के पास टीकरमाफी में क्राउड मैनेजमेण्ट की स्थिति को ठीक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आने-जाने वाले श्रद्धालु कदापि आमने-सामने न हों। टीकरमाफी वैकल्पिक मार्ग नहीं हो सकता। उन्होंने टीकरमाफी पर एक राजपत्रित अधिकारी के नेतृत्व में सी0आर0पी0एफ0 के व्यवस्थापन पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर कोई संगम में स्नान करना चाहता है। यह लोगों की आस्था है और हमें उसका सम्मान करना चाहिए। लेकिन हर किसी को संगम नोज पर नहीं भेजा जा सकता। खासतौर पर प्रमुख स्नान पर्वों में, जब पूरे देश और दुनिया से लोग यहां पर आ रहे हैं। ऐसे में वैकल्पिक रूप से ऐरावत घाट का नाम संगम नम्बर-02 किया जा सकता है, क्योंकि वह भी संगम का ही क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि जो लोग जबर्दस्ती करते हैं, उन्हें समझाएं कि यह आपका आयोजन है।
मुख्यमंत्री जी ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि बसों को तिरछा या बेतरतीब खड़ा न किया जाए। इससे जाम की स्थिति पैदा होती है। लोगों की आवाजाही बाधित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने प्लानिंग के साथ रणनीति बनाने के निर्देश दिए। व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए जितने अच्छे अधिकारियों की आवश्यकता है, वह शासन से उपलब्ध कराई जाएगी। किसी को जनता के साथ खिलवाड़ करने का कोई हक नहीं है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बसंत पंचमी के अमृत स्नान हेतु सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा कर विभागीय और अन्तरजनपदीय समन्वय बनाकर आयोजन को सफल बनाएं। जिन जगहों पर भी बैरियर लगाए जाएं, उन्हें मजबूती से स्थापित किया जाए। साइनेजेज को ऊँचाई पर स्थापित करें और वहां प्रकाश की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने सैटेलाइट फोन के उपयोग पर जोर दिया। संवेदनशील स्थलों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। यमुना ब्रिज, शास्त्री ब्रिज से किसी भी स्थिति में भीड़ क्रॉस नहीं होनी चाहिए। उन्होंने पाण्टून पुलों को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने रेलवे की व्यवस्थाओं को लेकर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि रेलवे ने बहुत अच्छा काम किया है। स्टेशनों पर अच्छी व्यवस्था की गई, जिसका लाभ यात्रियों को मिला है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देर्शित किया कि रेलवे की व्यवस्था को लेकर कहीं कोई समस्या हो, तो मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया जाए। 03 फरवरी को पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। इसके दृष्टिगत समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं। अधिकारीगण समन्वय के साथ कार्य करें। लोगों का मूवमेण्ट फ्रीक्वेण्ट होना चाहिए। बैरीकेडिंग जहां आवश्यक हो वहां लगाएं। भीड़ के प्रवाह को रोकें नहीं, बल्कि उन्हें बड़े स्पेस में ले जाकर डायवर्ट करें।
मुख्यमंत्री जी ने झूंसी क्षेत्र के आसपास रहने वाले संदिग्ध लोगों के पुलिस वेरिफिकेशन पर भी जोर दिया। अतिक्रमण भी दुर्घटना का कारण बनता है। स्ट्रीट वेण्डर्स उचित स्थानों पर ही अपनी दुकानें संचालित करें। मार्गों पर नियमित रूप से पुलिस पेट्रोलिंग की जाए। क्रेन्स और एम्बुलेंस की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। स्वच्छता पर विशेष बल दिया जाए। सभी टॉयलेट साफ-सुथरे होने चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता हमारी पहचान है। नदियों के किनारे कूड़ा न दिखाई दे। मेला क्षेत्र में सड़कों पर धूल न उड़े, इसके लिए नियमित रूप से पानी का छिड़काव हो।
मुख्यमंत्री जी ने भीड़ के दबाव वाले स्थलों पर विशेष ध्यान देने के निर्देष िंदए। इन क्षेत्रों में अनुभवी और सक्षम अधिकारियों की तैनाती की जाए। साथ ही, पाण्टून पुल पर एक विशेष टीम हमेशा तैनात रहे, ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। इसके अलावा, चेकर्ड प्लेटों को समय-समय पर जांच कर आवश्यकता पड़ने पर बदला जाए। उन्होंने श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए परिवहन निगम और मेला प्रशासन के बीच समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने ए0डी0जी0 जोन को सभी मार्गों को सुगम और भीड़ मुक्त बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। अफवाहों पर नियंत्रण और भीड़ प्रबन्धन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। महाकुम्भनगर में काम करने वाली हर टीम की जिम्मेदारी तय की जाए और वैकल्पिक कर्मचारियों की व्यवस्था की जाए।