मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न स्थानों से आए संत-महात्माओं एवं आचार्यों का अभिवादन किया
महाकुम्भ एकता का संदेश देने वाला देश और दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन : मुख्यमंत्री
प्रधानमंत्री जी का सन्देश है कि ‘महाकुम्भ का संदेश, एकता से ही अखण्ड रहेगा देश’
दुनिया में कोई देश ऐसा नहीं, जो 45 करोड़ लोगों को एक अस्थायी शहर में आमंत्रित करके उन्हें एकता के सूत्र में जोड़ने का संदेश देता हो
भारत सुरक्षित तो हर पंथ-हर सम्प्रदाय सुरक्षित, इसलिए एकता का संदेश आवश्यक
भारत को विकास की बुलन्दियों को छूना है, तो लोग अपने दायित्वों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करें
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज महाकुम्भनगर में अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ-योगी महासभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महाकुम्भ एकता का संदेश देने वाला देश और दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन है। महाकुम्भ में पूरी दुनिया से आए लोगों को हम सभी को एक ही संदेश देना है, जिसके बारे में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का कहना है कि ‘महाकुम्भ का संदेश, एकता से ही अखण्ड रहेगा देश’। भारत सुरक्षित है, तो हम सभी सुरक्षित हैं। भारत सुरक्षित है तो हर पंथ, हर सम्प्रदाय सुरक्षित है। यदि भारत पर कोई संकट आएगा, तो भारत के अंदर कोई भी पंथ और सम्प्रदाय सुरक्षित नहीं रहेगा। इसलिए एकता का संदेश आवश्यक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक पवित्र भाव से महाकुम्भ का आयोजन हो रहा है। कोटि-कोटि श्रद्धालु आ रहे हैं। आज यहां लगभग दो करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं। श्रद्धालुओं का लगातार आगमन हो रहा है। विगत 10 दिनों में पावन त्रिवेणी संगम में 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। अगले 35 दिनों में यह संख्या 45 करोड़ पहुंचने वाली है। दुनिया में कोई देश ऐसा नहीं है, जो 45 करोड़ लोगों को एक अस्थायी शहर में आमंत्रित करके उन्हें एकता के सूत्र में जोड़ने का संदेश देता हो। महाकुम्भनगर में कोई भी भूखा नहीं सो सकता। यहां अखाड़ों एवं विभिन्न षिविरों में आशीर्वाद के साथ ही प्रसाद भी प्राप्त होता है। यहां किसी की जाति, पंथ, सम्प्रदाय और नाम नहीं पूछा जा रहा है। दुनिया में अन्य सम्प्रदाय एवं उपासना विधि हो सकती हैं, लेकिन धर्म एक ही है-मानव धर्म।
यह हमारा सौभाग्य है कि हमें महाकुम्भ के आयोजन से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के दिन श्रद्धालु माँ गंगा, माँ यमुना और माँ सरस्वती की पावन त्रिवेणी के संगम पर डुबकी लगाकर अभिभूत हो रहे थे। उन श्रद्धालुओं के सकारात्मक संदेषों ने पूरी दुनिया की आँखें खोलने का कार्य किया है। प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि यह सदी भारत की सदी है। इसका मतलब यह है कि हर क्षेत्र में भारत को विकास की बुलन्दियों को छूना है। यह तभी होगा, जब उस क्षेत्र से जुड़े हुए प्रतिनिधि अपने दायित्वों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत से सनातन संस्कृति दुनिया में अपने सद्भाव के माध्यम से पहुंची। दक्षिण-पूर्व एशिया के अनेक देशों में पहुंचे भारतवासियों ने अपने कार्य, व्यवहार तथा भारत के मूल्यों और आदर्शों से वहां के समुदाय को अपनी ओर आकर्षित किया है। दुनिया के कई देशों ने भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण व भगवान बुद्ध की परम्परा को स्वीकार किया है और इस परम्परा से जुड़कर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं। दुनिया के अनेक देश किसी न किसी रूप में भारत के साथ जुड़ते हुए दिखाई देते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज देष में जितना सकारात्मक माहौल है, उतनी ही चुनौतियां भी हैं। देश व समाज की एकता को खण्डित नहीं होने देना है। कुछ लोग हमें बांटना चाहते हैं। ऐसे लोगों के किसी भी षड्यंत्र में हमें नहीं पड़ना है। हम अपने स्तर से कोई भी नकारात्मक टिप्पणी न करें। वर्ष 2025 की शुरुआत में महाकुम्भ का भव्य आयोजन हो रहा है। यह बहुत अच्छा अवसर है। हमें पूरी दुनिया में एकता का संदेश देना है। जन-जागरण के माध्यम से समाज को जोड़ते जाइये। जितनी मजबूती के साथ आपका कार्य होगा, उतना मजबूत समाज बनेगा। समाज मजबूत होगा, तो राष्ट्र की अखण्डता को दुनिया की कोई ताकत चुनौती नहीं दे पाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न स्थानों से आए संत-महात्माओं एवं आचार्यों का अभिवादन किया।