मुख्यमंत्री का दक्षिण भारत की रीति से स्वागत कर उन्हें कुम्भ का प्रतीक स्वरूप नारियल भेंट किया गया
मुख्यमंत्री ने भी शंकराचार्य जी का अंगवस्त्र और फल भेंटकर अभिनंदन किया
मुख्यमंत्री ने श्री कल्याण सेवा आश्रम पहुंचकर सद्गुरुदेव बाबा कल्याण दास जी महाराज से भेंट की
मुख्यमंत्री ने महाकुम्भनगर स्थित श्री गुरुगोरक्षनाथ अखाड़ा पहुंचकर धर्म ध्वजा की पूजा की, सभी संतों को प्रसाद ग्रहण कराया और स्वयं भी प्रसाद ग्रहण किया
श्रृंगेरी पीठ के पूज्य शंकराचार्य के प्रयागराज आगमन से महाकुम्भ को पूर्णता मिल रही : मुख्यमंत्री
शंकराचार्य जी ने महाकुम्भ की व्यवस्थाओं और सुविधाओं की प्रशंसा की
लखनऊ, 25 जनवरी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज महाकुम्भनगर में श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य जगदगुरु श्री श्री विधुशेखर भारती जी महाराज से भेंट कर उनका सम्मान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री जी का दक्षिण भारत की रीति से स्वागत किया गया और उन्हें कुम्भ का प्रतीक स्वरूप नारियल भेंट किया गया। मुख्यमंत्री जी ने भी शंकराचार्य जी का अंगवस्त्र और फल भेंटकर अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रृंगेरी पीठ के पूज्य शंकराचार्य के प्रयागराज आगमन से बहुत आनंद की अनुभूति हो रही है। उनके आगमन से महाकुम्भ को पूर्णता मिल रही है। लंबे अंतराल के बाद दक्षिण की श्रृंगेरी पीठ का महाकुम्भ के महाआयोजन में आगमन हो रहा है। इससे महाकुम्भ की शोभा और अधिक बढ़ गई है। यह आनंद का विषय है कि इस महाकुम्भ में श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य 05 दिन का प्रवास करेंगे। यह हमारे लिए आशीर्वाद की तरह है। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन शंकराचार्य जी के आभारी हैं। कुम्भ जैसे आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने में शंकराचार्य जी की उपस्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी।
मुख्यमंत्री जी ने श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य जी को महाकुम्भ की व्यवस्था, संतों की भागीदारी और वैश्विक स्तर पर लोगों के आगमन से जुड़ी सभी जानकारियां प्रदान कीं। शंकराचार्य जी ने मुख्यमंत्री द्वारा महाकुम्भ के विषय में दी गई जानकारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए महाकुम्भ में की गई व्यवस्थाओं और सुविधाओं की प्रशंसा की। अपनी सेवा में लगे लोगों को भी उन्होंने आशीर्वाद दिया।
मुख्यमंत्री जी को शंकराचार्य जी ने दक्षिण पीठ की परंपरा के विषय में जानकारी प्रदान की। शंकराचार्य जी ने बताया कि औपचारिक रूप से दक्षिण से कोई शंकराचार्य 150 वर्षों के बाद महाकुम्भ में सम्मिलित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि 05 दिन के प्रवास के अवसर पर वह शास्त्रार्थ के साथ ही, अमावस्या पर शंकराचार्यों के साथ त्रिवेणी संगम स्नान में भी सम्मिलित होंगे। उन्होंने अपने प्रवास और इसके बाद कार्यक्रमों के विषय में भी बताया। मुख्यमंत्री जी ने शंकराचार्य जी से काशी प्रवास के अवसर पर शास्त्रार्थ सभा और प्रवचन करने का भी निवेदन किया। इस पर शंकराचार्य जी ने अपनी सहमति दी। अन्नपूर्णा मंदिर में कार्यक्रम को लेकर भी शंकराचार्य जी की ओर से सहमति प्रदान की गई।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री जी सेक्टर-19 स्थित अमरकंटक के श्री कल्याण सेवा आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने सद्गुरुदेव बाबा कल्याण दास जी महाराज से शिष्टाचार भेंट की और उनके साथ व्यक्तिगत चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री जी ने महाकुम्भ में सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं और सुविधाओं के विषय में भी उनसे बातचीत की।
ज्ञातव्य है कि मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक में कल्याण सेवा आश्रम वर्ष 1977 से जन सेवा, समाज सेवा आध्यात्मिक एवं धार्मिक गतिविधियों को अपना उद्देश्य बनाकर निरंतर कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी भ्रमण के दौरान महाकुम्भनगर स्थित श्री गुरुगोरक्षनाथ अखाड़ा पहुंचे। यहां उन्होंने धर्म ध्वजा की पूजा की। मुख्यमंत्री जी ने सभी संतों को प्रसाद ग्रहण कराया और स्वयं भी प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर उन्होंने देश भर से आए सिद्ध-योगेश्वरों से विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
योगी महासभा के विशिष्ट उपाध्यक्ष महंत बालक नाथ योगी जी ने बताया कि यह अखाड़ा स्वयं मुख्यमंत्री जी का है। यह अखाड़ा नाथ सम्प्रदाय गुरु गोरक्षनाथ जी की परंपरा का है। जब से यहां धर्मध्वजा की स्थापना हुई, तब से भारत के विभिन्न स्थानों से सिद्ध-योगेश्वर यहां पहुंच रहे हैं। इनके रहने, सोने और प्रसाद की व्यवस्था यहां पर है। आज का प्रसाद हमारे अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ जी की ओर से था, क्योंकि यह उनका ही अखाड़ा है। सभी साधुओं के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई है। इस अवसर पर सभी अखाड़ों के आचार्य महामण्डलेश्वर उपस्थित थे।