चंडीगढ़ , 11 अक्टूबर - श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के "काय चिकित्सा विभाग" द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमा और मुख्य वक्ता जामनगर आईटीआरए काय चिकित्सा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मंदीप गोयल रही।
कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने कहा कि आज संसार में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसे मानसिक स्वास्थ्य की अवश्यकता न हो। हर दूसरा-तीसरा व्यक्ति मानसिक बीमारी से ग्रस्त है उसका कारण लाइफ स्टाल में हो रहा बदलाव है। मानसिक विकारों में सोच, भावनात्मक और व्यवहार में भारी गड़बड़ी होना है। वैसे मानसिक विकार कई तरह के होते है। प्रभावी रोकथाम और उपचार भी मौजूद है मगर अधिकांश लोग इससे अनभिज्ञ ही रहते है जिसकी वजह से व्यक्ति को जान का जोखिम उठाना पड़ता है। तनाव प्रबंधन का अभ्यास करना और जरूरत पड़ने पर सहायता लेना स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी है।
मुख्य वक्ता डॉ. मंदीप ने कहा कि वर्तमान समय में 60 प्रतिशत जनसंख्या कार्यशील है, हर सात में से एक युवा मानसिक रोग से ग्रसित है जिसका मुख्य वजह भय, तनाव, कार्य संतुलन का न बनना और अधिक महत्वाकांक्षाओं को करने का संघर्ष है। उन्होंने मानसिक तनाव से उत्पन्न होने वाले गंभीर रोगों के प्रारंभिक लक्षणों जैसे चिंता, क्रोध, अवसाद, भय और चिकित्सा को विस्तार से बताया। इसके साथ ही मानस समस्याओं में बचाव के लिए व्यक्ति को जीवन शैली में बदलाव, प्रतिदिन योगासन एवं प्राणायाम और सदाचार का जीवन शैली में प्रयोग करना चाहिए और विषय विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए। इस अवसर पर रजिस्ट्रार कृष्ण कुमार जाटियान, डीन एकेडमिक अफेयर्स डॉ. जेके पंडा, प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना, काय चिकित्सा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. नेहा लांबा, सहायक प्रो. डॉ. नीलम व अन्य अध्यापक गण भी मौजूद थे।