*हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड ने हरियाणा सरस्वती शोध केन्द्र के साथ 3 नए विषय विशेषज्ञों को जोड़ा*
*सरस्वती नदी के किनारे ऐतिहासिक साइट का डाटा भी किया जाएगा संकलित*
चंडीगढ़ 20 दिसंबर। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि अब पौराणिक शास्त्रों, वेदों और अन्य मान्य ग्रंथों से सरस्वती नदी के सम्बन्ध में लिखे गए श्लोकों को एक पुस्तक में संकलित किया जाएगा। सरस्वती नदी के किनारे ऐतिहासिक साइट के डाटा को भी एकत्रित करने के लिए एक पुरातत्ववेता को शोध केन्द्र के साथ जोड़ा गया है। बोर्ड की तरफ से शोध केन्द्र के साथ 3 नए सदस्यों को जोड़ा गया है।
श्री किरमच आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में हरियाणा सरस्वती शोध केन्द्र में एक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने शोध केन्द्र के निदेशक डा. एआर चौधरी एवं अन्य के के साथ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शोध केन्द्र के विस्तार और सरस्वती महोत्सव को लेकर होने वाले अंतरराष्ट्रीय सेमिनार पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आदेशानुसार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में स्थापित किए गए शोध केन्द्र में सरस्वती नदी से सम्बन्धित और शोध कार्यों को करने तथा डाटा एकत्रित करने के लिए तीन विशेषज्ञों को जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी के किनारे पुरातात्विक साइट का डाटा एकत्रित करने के लिए पुरातत्ववेत्ता डा. मनोज कुमार, वेदों और शास्त्रों से संस्कृत के श्लोकों को एक पुस्तक में संकलित करने के लिए संस्कृत विशेषज्ञ डा. रामचंद्र तथा रिमोट सैंसिंग विशेषज्ञ डा. संदीप को शोध केन्द्र के साथ जोड़ा गया है।
हरियाणा सरस्वती शोध केन्द्र के निदेशक डा. एआर चौधरी ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शोध केन्द्र के माध्यम से सरस्वती नदी के इतिहास को सहेजने का अदभुत प्रयास किया जा रहा है। इस विषय को लेकर ही अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव पर 30 जनवरी से 1 फरवरी तक कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। इस सेमिनार के साथ विदेशों से भी विषय विशेषज्ञों को साथ जोड़ा जाएगा।