सिटी दर्पण,
नई दिल्ली, 27 फरवरीः राज्यसभा की 15 सीटों के लिए तीन राज्यों में मंगलवार को हुए चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई. राजनीतिक दलों ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगाए.
उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के 'सियासी ड्रामे' ने पूरे देश का ध्यान खींचा.यूपी में सत्तारूढ़ बीजेपी ने जहां विपक्षी दल समाजवादी पार्टी को झटका दिया. वहीं, हिमाचल प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस के किले में सेंध लगा दी.
कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी ने हिमाचल प्रदेश में बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को जीत की बधाई दी. वहीं बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, "हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री के पास अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं रह गया है."
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के विधायकों ने पाला बदला. ऐसे में यहां बीजेपी के आठवें उम्मीदवार को भी जीत मिल गई. बीजेपी के सात उम्मीदवारों की जीत पहले ही तय मानी जा रही थी. वहीं, समाजवादी पार्टी के तीन में से दो उम्मीदवार राज्यसभा के लिए चुने गए.
भारतीय चुनाव आयोग ने जनवरी में अधिसूचना जारी करके 15 राज्यों में 56 सीटों के लिए चुनावों की घोषणा की थी.
हालांकि, इनमें से चुनाव सिर्फ तीन राज्यों हुए. बाकी 41 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए.
इन चुनाव के पहले 250 सीटों वाली राज्य सभा में एनडीए के पास 109 सांसद थे. वहीं, विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के पास 89 सांसद थे.
हिमाचल प्रदेश में क्या हुआ?
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यसभा चुनाव में हार स्वीकार करके बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को जीत की बधाई दी.
उन्होंने कहा, "मैं हर्ष महाजन को बधाई देता हूं लेकिन उनकी पार्टी से एक बात पूछना चाहता हूं कि वो अपने अंदर झांककर देखे और इस पर विचार करे कि जब 25 सदस्यों वाली पार्टी 43 सीटों वाली पार्टी के ख़िलाफ़ कैंडिडेट खड़ा करे तो उसका एक संदेश ही है कि हम बेशर्मी से वो करेंगे जिसकी इज़ाज़त कानून नहीं देता है.''
संवाददाता के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में एक सीट के लिए चुनाव हुआ. कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बनाया था जबकि बीजेपी ने हर्ष महाजन को उतारा था .
लेकिन सिंघवी हार गए. राज्य में कांग्रेस की सरकार स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में है. उसके पास 68 में से 40 विधायक हैं. राज्यसभा सांसद चुने जाने के लिए पहली वरीयता के 35 वोटों की ज़रूरत थी.
हर्ष महाजन दो साल पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए थे. 30 साल से ज़्यादा का राजनीतिक अनुभव रखने वाले हर्ष महाजन पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिवंगत दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह के क़रीबी थे.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया है कि कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की.
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "जब किसी ने अपना ईमान ही बेच दिया तो उस पर क्या कहना. जो विधायक कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर चुनकर आए. वे भारतीय जनता पार्टी को अपने क्षेत्रों में हराकर आए हैं."
"यहां उन्होंने पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के ख़िलाफ़ वोट दिया. आपको क्या लगता है कि ये नाराज़गी जताने की वोटिंग है. ये किस चीज़ की वोटिंग है, आपको उसके बारे में मेरे से ज़्यादा पता होगा."
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधने की कोशिश की है.
उन्होंने लिखा, "आज जो परिणाम आया है उसके बाद हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए. अब उनके पास सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं रह गया है."
इस चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले.
मतगणना के समय आपत्ति की वजह से कुछ समय के लिए वोटों की गिनती रोकनी पड़ी थी.
कर्नाटक में क्या हुआ?
बीबीसी के सहयोगी पत्रकार इमरान कुरैशी के मुताबिक कर्नाटक में चार सीटों के लिए चुनाव हुए. इसमें से एक सीट बीजेपी और तीन सीटों पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई है.
कांग्रेस के अजय माकन ने 47 और सयैद नासिर हुसैन ने 47 वोट हासिल करके जीत दर्ज की है. वहीं, जीसी चंद्रशेखर को 45 वोटों के साथ जीत मिली है.
बीजेपी के उम्मीदवार नारायण कृष्णसा भांडगे ने 47 वोटों के साथ जीत दर्ज की है.
हालांकि, बीजेपी ने अपने उम्मीदवार के लिए 48 वोट आवंटित किए थे. इसमें से एक बीजेपी विधायक ने कांग्रेस के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया.
वहीं, जेडीएस उम्मीदवार के लिए सिर्फ 18 मत आवंटित हुए थे. लेकिन जेडीएस उम्मीदवार कुपेंद्र रेड्डी को 36 वोटों के साथ हार का सामना करना पड़ा.
कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने कहा है कि वह बीजेपी विधायकों एसटी सोमशेखर और शिवराम हेब्बर के ख़िलाफ़ पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने पर शिकायत दर्ज कराएंगे.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह बीजेपी आलाकमान को भी पत्र लिखकर इनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की अपील करेंगे.
सोमशेखर ने बीजेपी के उम्मीदवार की जगह कांग्रेस के उम्मीदवार को वोट दिया है. वहीं, हेब्बर मतदान प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए.
उत्तर प्रदेश में क्या हुआ?
कर्नाटक की तरह उत्तर प्रदेश में भी क्रॉस वोटिंग हुई. उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए 10 सांसद चुने गए हैं. इनमें आठ बीजेपी और दो समाजवादी पार्टी के हैं.
यूपी के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने चुनाव नतीजे घोषित होने के पहले दावा किया कि यूपी में 'बीजेपी के आठों प्रत्याशी प्रचंड बहुमत से जीत रहे हैं.'
चुनाव परिणाम घोषित हुए तो यही नतीजा सामने आया.
राज्यसभा मतदान से पहले ही समाजवादी पार्टी के चीफ़ व्हिप मनोज पांडे ने इस्तीफ़ा दे दिया.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, "हमारी राज्यसभा की तीसरी सीट दरअसल सच्चे साथियों की पहचान करने की परीक्षा थी और ये जानने की कि कौन-कौन दिल से पीडीए के साथ और कौन अंतरात्मा से पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ है. अब सब कुछ साफ़ है, यही तीसरी सीट की जीत है."
वहीं, मनोज पांडे ने इस्तीफ़ा देकर कहा, “राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप हमेशा रहेगा. मुझे जनता जनार्दन ने चुना है. और मैं उनके बारे में ही सोचूंगा”