सिटी दर्पण
मॉस्को, 05, सितंबर: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह यूक्रेन युद्ध में 'लाल रेखा' को पार न करे। रूसी विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि वॉशिंगटन मॉस्को के साथ आपसी संयम की भावना खोने लगा है। उन्होंने इसे खतरनाक बताया। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ने तास ने यह जानकारी दी है। लावरोव ने कहा कि 'अमेरिका ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति पर अपनी खुद की 'रेड लाइन' को पार कर लिया है।' उन्होंने आगे कहा कि 'उन्हें (अमेरिका) समझना चाहिए कि हमारी रेड लाइन्स मजाक बनाने के लिए नहीं है। वे अच्छी तरह से जानते हैं कि वे कहां हैं।'
लावरोव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यूक्रेन को हथियार उपलब्ध कराने के संभावित परिणामों को वॉशिंगटन समझेगा। उन्होंने कहा, 'मुझे पूरा विश्वास है कि वहां महत्वपूर्ण प्रभाव वाले उचित लोग बचे हुए हैं और मुझे उम्मीद है कि अमेरिका के हितों को ध्यान में रखा जाएगा।'
संघर्ष रोकने की पहल को अमेरिका का समर्थन
इस बीच अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा है कि अमेरिका किसी भी देश का स्वागत करता है जो यूक्रेन में संघर्ष समाप्त करने में मदद करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, 'कोई भी देश जो इस युद्ध को समाप्त करने में मदद करने के लिए तैयार है और राष्ट्रपति जेलेंस्की के विशेषाधिकारों, यूक्रेनी लोगों के विशेषाधिकारों, न्यायपूर्ण शांति के लिए उनकी योजना को ध्यान में रखते हुए ऐसा करता है, तो हम निश्चित रूप से ऐसी भूमिका का स्वागत करेंगे।'
पुतिन ने दिए शांति के संकेत
गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहली बार यूक्रेन में शांति का संकेत दिया है। उन्होंने भारत का नाम उन तीन देशों में लिया, जो यूक्रेन में संघर्ष रोकने को लेकर गंभीर है। पुतिन ने भारत के अलावा ब्राजील और चीन का जिक्र किया और कहा कि यूक्रेन के मामले पर वह अपने इन दोस्तों के साथ संपर्क में हैं। पुतिन ने कहा, 'हम अपने मित्रों और भागीदारों का सम्मान करते हैं जो इस संघर्ष से जुड़े मुद्दों को ईमानदारी से हल करना चाहते है। मुख्य रूप से भारत, चीन और ब्राजील। मैं इस मुद्दे पर अपने सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में हूं।' पुतिन की टिप्पणी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा के दो सप्ताह के भीतर आई है। यूक्रेन दौरे पर पीएम मोदी ने राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से बात की थी और संघर्ष को रोकने के लिए प्रयास को समर्थन देने की बात कही थी।