सिटी दर्पण
अंकारा, 07 सितंबर: तुर्की के खलीफा के नाम से मशहूर राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने इजरायल के खिलाफ मुस्लिम देशों के गठबंधन बनाने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा कि इस्लामी देशों को इजरायल के बढ़ते विस्तारवाद के खतरे के खिलाफ गठबंधन बनाना चाहिए। उनका यह बयान इजरायली कब्जे वाले वेस्ट बैंक में बस्तियों के विस्तार के विरोध में प्रदर्शन में भाग लेने वाली एक तुर्की-अमेरिकी महिला की हत्या के बाद आया है। फिलिस्तीनी और तुर्की के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि इस महिला की मौत इजरायली सैनिकों की गोलीबारी में हुई है।
इजरायल के खिलाफ गठबंधन बनाने की तैयारी
इस्तांबुल के पास इस्लामिक स्कूल एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में एर्दोगन ने कहा, "इजरायली अहंकार, इजरायली डाकुओं और इजरायली सरकार समर्थित आतंकवाद को रोकने वाला एकमात्र कदम इस्लामिक देशों का गठबंधन है।" उन्होंने कहा कि मिस्र और सीरिया के साथ संबंधों में सुधार के लिए तुर्की ने हाल ही में जो कदम उठाए हैं, उनका उद्देश्य "विस्तारवाद के बढ़ते खतरे के खिलाफ एकजुटता को बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि इजरायलल से लेबनान और सीरिया को भी खतरा है।
मुस्लिम देशों को साध रहा तुर्की
एर्दोगन ने इस सप्ताह अंकारा में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी की मेजबानी की। इस दौरान उन्होंने गाजा युद्ध और दोनों देशों के तनावपूर्ण संबंधों को नरम करने की कोशिश भी की। पिछले 12 साल में यह पहला मौका था, जब कोई मिस्र का राष्ट्रपति तुर्की पहुंचा था। 2020 में तुर्की ने संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब सहित कई देशों के साथ तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयास शुरू किए थे। एर्दोगन ने यह भी कहा था कि तुर्की सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को तनाव घटाने के लिए अपने देश आमंत्रित करेगा। तुर्की ने 2011 में सीरियाई गृहयुद्ध के शुरू होने के बाद अपने संबंधों को तोड़ लिया था।
इस्लामी देशों का नेता बनना चाहते हैं एर्दोगन
एर्दोगन की कोशिश खुद को इस्लामी देशों का नेता बनाने की है। उनकी इसी महत्वकांक्षा के कारण 2020 में सऊदी अरब के साथ संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। एर्दोगन को तुर्की का नया तानाशाह भी कहा जाता है। उनके शासनकाल में सैन्य तख्तापलट की भी कोशिश हुई थी, जिसे उन्होंने बर्बरतापूर्वक कुचल दिया था। उन्होंने तख्तापलट की आड़ में अपने सभी राजनीतिक विरोधियों का सफाया भी कर दिया था। एर्दोगन कश्मीर मुद्दे पर सिर्फ इस्लामी राष्ट्र होने के कारण पाकिस्तान का साथ देते हैं।