मुख्यमंत्री ने बायो सी0एन0जी0 प्लाण्ट तथा फाफामऊ में गंगा नदी पर निर्माणाधीन स्टील ब्रिज का निरीक्षण किया
स्नान घाटों की तैयारियों को परखने के क्रम में संगम ऐरावत घाट और संगम नोज घाट तथा किले के समीप तैयार हो रहे वी0आई0पी0 घाट का निरीक्षण किया
स्वच्छ और सुव्यवस्थित महाकुम्भ की परिकल्पना के साथ नैनी में प्रदेश का पहला एम0एस0डब्ल्यू0 बायो सी0एन0जी0 प्लाण्ट क्रियाशील होने को तैयार : मुख्यमंत्री
यह बायो प्लाण्ट स्वच्छ प्रयागराज-सुव्यवस्थित महाकुम्भ के संकल्प की दिशा में एक प्रयास, जो महाकुम्भ के बाद भी प्रयागराज नगर के लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा
हर एक तीर्थयात्री का स्नान सुरक्षित हो, इसके लिए व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं होनी चाहिए
महाकुम्भ को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त रखा जा रहा, इसे लेकर जागरूकता बढ़ाई जाए
घाट प्रबन्धन और श्रद्धालुओं के सहयोग के लिए 05 हजार कुम्भ सेवा मित्र की तैनाती की गई, इनका विधिवत प्रशिक्षण कराया जाए
मुख्यमंत्री ने त्रिवेणी संगम पहुंचकर संगम-पूजन तथा बड़े हनुमान जी का दर्शन किया
लखनऊ, 31 दिसम्बर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद प्रयागराज में महाकुम्भ-2025 की तैयारियों के दृष्टिगत बायो सी0एन0जी0 प्लाण्ट का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ और सुव्यवस्थित महाकुम्भ की परिकल्पना के साथ नैनी में प्रदेश का पहला एम0एस0डब्ल्यू0 बायो सी0एन0जी0 प्लाण्ट क्रियाशील होने को तैयार है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह बायो प्लाण्ट स्वच्छ प्रयागराज-सुव्यवस्थित महाकुम्भ के संकल्प की दिशा में एक प्रयास है, जो महाकुम्भ के बाद भी प्रयागराज नगर के लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा। प्रदेश में म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट आधारित इस पहले सी0एन0जी0 प्लाण्ट से 200 परिवारों को रोजगार प्राप्त हुआ है। पी0पी0पी0 मॉडल पर संचालित होने वाले इस प्लाण्ट का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘वेस्ट टू वेल्थ’ की अवधारणा को साकार करता यह प्लाण्ट आर0एन0जी0 (नवीकरणीय प्राकृतिक गैस) परियोजना, अत्याधुनिक और नवीनतम तकनीक के साथ नगर निगम के ठोस कचरे को बायोगैस में संसाधित करने के लिए सबसे उन्नत और कुशल सुविधाओं में से एक है।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि नगर निगम द्वारा संचालित इस परियोजना के अन्तर्गत प्रयागराज शहर में घरों, होटल-रेस्टोरेंट्स और मंदिरों से हर दिन निकलने वाले औसतन 200 टन गीले कचरे से लगभग 21,500 किलो बायो सी0एन0जी0 और 209 टन जैविक खाद बनेगी। प्लाण्ट की कुल क्षमता 343 टन प्रति दिन उत्पादन की है। हर दिन प्लाण्ट से 21.5 टन बायो सी0एन0जी0 के साथ 109 टन ठोस जैविक खाद और 100 टन तरल जैविक खाद बनेगी। इससे 56,700 टन वार्षिक कार्बन उत्सर्जन में कमी आ सकेगी।
मुख्यमंत्री जी ने फाफामऊ में गंगा नदी पर निर्माणाधीन सिक्सलेन पुल के विकल्प के रूप में बन रहे स्टील ब्रिज का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस बार के महाकुम्भ में यह स्टील ब्रिज तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए संगम तक आवागमन का सबसे सहज साधन होगा। स्टील ब्रिज से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, अयोध्या, गोरखपुर, लखनऊ, दिल्ली, उत्तराखण्ड, राजस्थान की ओर से महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को काफी सहूलियत मिलेगी। उन्हें नगर में नहीं जाना पड़ेगा। गंगा किनारे रिवर फ्रण्ट रोड से यह वाहन सीधे महाकुम्भ मेला में प्रवेश कर सकेंगे। भारत सरकार के सौजन्य से बन रहे इस स्टील ब्रिज के लोड टेस्टिंग का काम भी पूरा हो गया है। लगभग 450 मीटर लम्बे दो लेन के इस स्टील ब्रिज में 4,500 टन लोहे का प्रयोग हुआ है। इसके लिए तीन कि0मी0 की एप्रोच रोड का भी निर्माण कराया गया है।
इसके पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने स्नान घाटों की तैयारियों को परखने के क्रम में संगम ऐरावत घाट और संगम नोज घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि हर एक तीर्थयात्री का स्नान सुरक्षित हो, इसके लिए व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। महाकुम्भ को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त रखा जा रहा है, कैरी बैग से लेकर होर्डिंग-बैनर तक कहीं भी प्लास्टिक नहीं, जो कुछ होगा सब बायोडीग्रेडेबल होगा। इसे लेकर जागरूकता भी बढ़ाई जाए। घाट प्रबन्धन और श्रद्धालुओं के सहयोग के लिए
05 हजार कुम्भ सेवा मित्र की तैनाती की गई है। इनका विधिवत प्रशिक्षण भी कराया जाए। मुख्यमंत्री जी ने किले के समीप तैयार हो रहे वी0आई0पी0 घाट का भी निरीक्षण किया और यहीं से त्रिवेणी संगम पहुंचकर संगम-पूजन तथा बड़े हनुमान जी का दर्शन किया।