* गुरमीत सिंह खुड्डियां द्वारा नीति के प्रारूप संबंधी आढ़तियों, शेलरों मालिकों के साथ विचार-विमर्श
चंडीगढ़, 26 दिसंबर:
पंजाब सरकार द्वारा कृषि मंडीकरण के बारे में राष्ट्रीय नीति के प्रारूप के किसी भी पक्ष को अनदेखा किए बिना इसके हर पहलू का गहराई से अध्ययन किया जा रहा है, और पंजाब के वरिष्ठ अधिकारियों और कृषि विशेषज्ञों की टीम इस प्रारूप के पिछली सोच और उद्देश्य को जानने की कोशिश कर रही है।
पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने आज पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन स. हरचंद सिंह बरसट और पंजाब सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों सहित प्रदेश के आढ़तियों, राइस मिलरों के साथ इस नीति के प्रारूप पर उनके सुझावों और विचारों को जानने के लिए गहन विचार-विमर्श किया।
दो घंटे से अधिक समय तक चली इस गंभीर चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि प्रारूप में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है, जो कि प्रदेश के किसानों के लिए सबसे जरूरी है, और निजी मंडियों को प्रोत्साहित करने संबंधी धाराएं कृषि उत्पादन मार्केट कमेटी (ए.पी.एम.सी.) मार्केटों को प्रभावित करेंगी। उन्होंने आशंका जताई कि ए.पी.एम.सी. की मंडियों में गड़बड़ी उत्पन्न होने से किसानों और पारंपरिक व्यापारियों का शोषण होगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि आर.डी.एफ. और एम.डी.एफ. पंजाब के व्यापक कृषि बुनियादी ढांचे, विशेषकर मंडियों के ढांचे और इन मंडियों को गांवों से जोडऩे वाली सडक़ों के रख-रखाव के लिए अत्यंत जरूरी हैं।
कृषि मंत्री ने श्री विजय कालड़ा और स. रविंदर सिंह चीमा की अगुवाई वाले आढ़तियों और तरसेम सैनी की अगुवाई वाले राइस मिलरों से अपील की कि वे इस नीति के बारे में अपने सुझाव और चिंताएं पंजाब मंडी बोर्ड को भेजें ताकि केंद्र सरकार को भेजे जाने वाले जवाब में उन्हें भी शामिल किया जा सके।
स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार प्रदेश के किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
इस विचार-विमर्श के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि और किसान कल्याण श्री अनुराग वर्मा, पंजाब राज्य किसान और खेत मजदूर आयोग के चेयरमैन डॉ. सुखपाल सिंह, प्रमुख सचिव खाद्य और नागरिक आपूर्ति श्री विकास गर्ग, सचिव पंजाब मंडी बोर्ड श्री रामवीर, विशेष सचिव कृषि श्री हरबीर सिंह, निदेशक बागवानी श्रीमती शैलेंद्र कौर, निदेशक कृषि श्री जसवंत सिंह, निदेशक शोध, पी.ए.यू. लुधियाना डॉ. अजमेर सिंह ढट और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।