मुख्यमंत्री ने आगामी 13 दिसम्बर को प्रधानमंत्री जी के प्रस्तावित प्रयागराज भ्रमण कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की
प्रधानमंत्री जी प्रयागराज महाकुम्भ-2025 के औपचारिक शुभारम्भ से पूर्व प्रयागराज को 7,000 करोड़ रु0 से अधिक का उपहार भेंट करेंगे : मुख्यमंत्री
प्रधानमंत्री जी पावन त्रिवेणी संगम का पूजन कर नवनिर्मित भारद्वाज आश्रम कॉरीडोर और श्रृंगवेरपुर धाम कॉरीडोर का लोकार्पण करेंगे
इस वर्ष महाकुम्भ के लिए राज्य सरकार की ओर से 5496.48 करोड़ रु0 की स्वीकृति दी गई, प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने
2,100 करोड़ रु0 का अतिरिक्त सहयोग प्रदान किया
महाकुम्भ से जुड़ी तैयारियों के सभी कार्य आगामी 10 दिसम्बर तक पूरे कर लिए जाएं
महाकुम्भ मेला क्षेत्र 4,000 हेक्टेयर में विस्तारित और 25 सेक्टरों में विभाजित
12 कि0मी0 लम्बाई के घाट, 1,850 हेक्टेयर में पार्किंग, 450 कि0मी0 चकर्ड प्लेट, 30 पाण्टून पुल, 67 हजार स्ट्रीट लाइट, 1,50,000 शौचालय, 1,50,000 टेण्ट के साथ ही 25 हजार से अधिक पब्लिक एकोमडेशन की व्यवस्था की जा रही, 7,000 से अधिक बसें लगाई जाएंगी
लखनऊ, 07 दिसम्बर:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े आध्यत्मिक, सांस्कृतिक समागम प्रयागराज महाकुम्भ-2025 के औपचारिक शुभारम्भ से पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी प्रयागराज को 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का उपहार भेंट करने जा रहे हैं। आगामी 13 दिसम्बर को प्रधानमंत्री जी का प्रयागराज दौरा प्रस्तावित है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी पावन त्रिवेणी संगम का पूजन कर नवनिर्मित भारद्वाज आश्रम कॉरीडोर और श्रृंगवेरपुर धाम कॉरीडोर का लोकार्पण करेंगे।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद प्रयागराज में आगामी 13 दिसम्बर को प्रधानमंत्री जी के प्रस्तावित प्रयागराज भ्रमण कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2019 के कुम्भ में राज्य सरकार ने अपने मद से 2406.65 करोड़ रुपये का व्यय किया था। पूरी दुनिया में इस महाआयोजन के प्रबंधन की प्रशंसा हुई थी। तीर्थयात्रियों की सुविधा और ‘सनातन गर्व महाकुम्भ’ की महत्ता के दृष्टिगत इस बार इसे और विस्तार दिया गया है। इस वर्ष महाकुम्भ के लिए राज्य सरकार की ओर से 5496.48 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, जबकि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अतिरिक्त 2,100 करोड़ रुपये का सहयोग प्रदान किया है। बजट की कोई कमी नहीं है, इसलिए व्यवस्था में कहीं किसी प्रकार का अभाव नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि विभिन्न राज्यों की ओर से महाकुम्भ में अपने शिविर स्थापित करने के अनुरोध मिल रहे हैं। इस सम्बन्ध में यथोचित निर्णय तत्काल हो जाए। इसी प्रकार, महाकुम्भ के दौरान ब्रह्मलीन होने वाले साधु-संतों की समाधि के लिए प्रयागराज में भूमि आरक्षित कर दी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2019 कुम्भ में कुल 5,721 संस्थाओं का सहयोग लिया गया था, जबकि इस बार महाकुम्भ में लगभग 10 हजार संस्थाएं एक उद्देश्य के साथ कार्य कर रही हैं। 4,000 हेक्टेयर में विस्तारित 25 सेक्टरों में बंटे महाकुम्भ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। 12 कि0मी0 लम्बाई के घाट, 1,850 हेक्टेयर में पार्किंग, 450 कि0मी0 चकर्ड प्लेट, 30 पाण्टून पुल, 67 हजार स्ट्रीट लाइट, 1,50,000 शौचालय, 1,50,000 टेण्ट के साथ ही 25 हजार से अधिक पब्लिक एकोमडेशन की व्यवस्था की जा रही है। पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के विशेष स्नान पर्व पर सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में हर श्रद्धालु को अविरल व निर्मल गंगा जी में स्नान सुलभ हो, इसके लिए राज्य सरकार संकल्पित है। नदी में जीरो डिस्चार्ज सुनिश्चित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि सूबेदारगंज ब्रिज, हनुमान मंदिर (फेज-1) सभी चिन्हित 16 क्रिटिकल रोड से जुड़े कार्य, रिवर फ्रण्ट रोड, फाफामऊ-सहसों रोड, सभी 04 थीम आधारित गेट, 84 स्तम्भ, मनकामेश्वर मंदिर और अलोपशंकरी मंदिर के अधूरे कार्य प्रत्येक दशा में 10 दिसम्बर तक पूरे हो जाने चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि टाइमलाइन के दबाव में कार्य की गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने रेलवे प्रतिनिधियों से संवाद करते हुए कहा कि महाकुम्भ में आने वाले तीर्थयात्री, पर्यटक काशी और अयोध्याधाम का भी दर्शन करने जाएंगे। इसके अलावा, चित्रकूट की ओर भी बड़ी संख्या में लोगों के जाने की सम्भावना है। ऐसे में इन पवित्र स्थलों को कनेक्ट करते हुए ट्रेनों की उपलब्धता की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने महाकुम्भ से जुड़ी तैयारियों के लिए डेडलाइन तय करते हुए निर्देश दिया कि आगामी 10 दिसम्बर तक सारे काम पूरे कर लिए जाएं। महाकुम्भ विश्व को सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार कराने का सुअवसर है। यह स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का मानक भी होगा। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि महाकुम्भ को देखते हुए 7,000 से अधिक बसें लगाई जाएंगी। यहां डेढ़ लाख से अधिक शौचालय स्थापित किए जाएंगे। स्वच्छता पर बल देते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि 10 हजार कर्मचारियों की तैनाती कर यहां की साफ-सफाई की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखा जाए।