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उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री एन0बी0टी0 संवाद कार्यक्रम ‘विकास, विरासत और महाकुम्भ’ में सम्मिलित हुए

November 26, 2024 10:29 PM
महाकुम्भ प्रयागराज 2025 हम सभी के लिए उ0प्र0 की विरासत व विकास की यात्रा तथा सनातन धर्म के भव्य और दिव्य आयोजन को पूरी दुनिया के सामने रखने का एक अवसर : मुख्यमंत्री
 
महाकुम्भ प्रयागराज 2025 डिजिटल स्वच्छता, डिजिटल सुरक्षा, डिजिटल पार्किंग की दिशा में आगे बढ़ रहा
 
इस बार श्रद्धालुओं और पर्यटकों को डिजिटल महाकुम्भ के दर्शन होंगे, लोग महाकुम्भ 2025 की पूरी मैपिंग डिजिटल रूप से देख सकेंगे
 
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने उ0प्र0 के मूल को ढूंढ कर प्रदेश की विरासत व विकास को आगे बढ़ाने का कार्य किया, हर भारतवासी गौरव की अनुभूति कर रहा
 
राज्य सरकार ने विरासत को पहचाना और उसको सम्मान देने का कार्य किया
 
महाकुम्भ प्रयागराज 2025 का मेला क्षेत्र लगभग 4000 हेक्टेयर में विस्तृत, 25 सेक्टर में विभाजित
 
पार्किंग के लिए 1850 हेक्टेयर भूमि की व्यवस्था
 
550 शटल बसें तथा उ0प्र0 परिवहन निगम की 7000 से अधिक बसें लोगों की सुविधा के लिए संचालित होंगी, 07 स्थानों पर बस स्टैंड बनाए जा रहे
 
गंगा जी में पहली बार रिवर फ्रंट का निर्माण किया जा रहा, 09 पक्के स्नान घाट, 12 किलोमीटर तक अस्थाई घाटों का निर्माण किया जा रहा
 
01 लाख 50 हजार शौचालयों को बनाने की प्रक्रिया पूर्ण की गई
 
1,60,000 पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए टेन्ट की व्यवस्था
 
महाकुम्भ प्रयागराज 2025 में श्रद्धालुओं की संख्या 35 से 40 करोड़ तक हो सकती है
 
पर्यटकों की संख्या के मामले में आज उ0प्र0 नंबर एक पर
 
आज नैमिषारण्य फिर से प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में लोगों के सामने
 
देश में सबसे ज्यादा एक्सप्रेस-वे का नेटवर्क उ0प्र0 में, सर्वाधिक एयरपोर्ट उ0प्र0 के पास
 
विगत साढ़े सात वर्षों में प्रदेश सरकार ने उ0प्र0 की प्रति व्यक्ति आय और जी0डी0पी0 को 02 गुने से अधिक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की
उ0प्र0 रेवेन्यू सरप्लस स्टेट के रूप में स्थापित
 
मुख्यमंत्री ने आरोग्य वाटिका कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया

लखनऊ, 26 नवम्बर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि महाकुम्भ प्रयागराज 2025 हम सभी के लिए उत्तर प्रदेश की विरासत व विकास की यात्रा तथा सनातन धर्म के भव्य और दिव्य आयोजन को पूरी दुनिया के सामने रखने का एक अवसर है। प्रदेश सरकार इस अवसर पर देश व दुनिया के लोगों को महाकुम्भ प्रयागराज के लिए आमंत्रित कर रही है और उनके स्वागत व सम्मान के लिए पूरा उत्तर प्रदेश वहां पर तैयार रहेगा। महाकुम्भ प्रयागराज 2025 डिजिटल स्वच्छता, डिजिटल सुरक्षा, डिजिटल पार्किंग की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस बार श्रद्धालुओं और पर्यटकों को डिजिटल महाकुम्भ के दर्शन होंगे। लोग महाकुम्भ 2025 की पूरी मैपिंग डिजिटल रूप से देख सकेंगे।
मुख्यमंत्री जी आज यहां एन0बी0टी0 संवाद कार्यक्रम ‘विकास, विरासत और महाकुम्भ’ में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने संविधान दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संविधान तीन स्तम्भों पर आधारित है, जिसका आधार संवाद है। उत्तर प्रदेश में भारत की आत्मा निवास करती है। उत्तर प्रदेश भारत की विरासत का प्रतिनिधित्व करता है, क्योंकि यहां भारत की सबसे अधिक विरासत की परम्पराएं मौजूद हैं। जब भी कोई व्यक्ति, समाज व राष्ट्र अपनी विरासत और मूल्यों को ढूंढ कर उससे कुछ प्रेरणा प्राप्त करके आगे बढ़ेगा, तो सफलता के नित नए प्रतिमान स्थापित करेगा। जो लोग अपने मूल को विस्मृत करके अपने अनुसार उत्तर प्रदेश की यात्रा को आगे बढ़ा रहे थे, उन्होंने उत्तर प्रदेश के सामने पहचान का संकट खड़ा किया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश के मूल को ढूंढ कर प्रदेश की विरासत व विकास को इस प्रकार आगे बढ़ाने का कार्य किया, जिस पर हर भारतवासी गौरव की अनुभूति कर रहा है। काशी में श्री काशी विश्वनाथ धाम के विकास व देव दीपावली के आयोजन ने पूरे देश और दुनिया का ध्यान काशी की ओर आकर्षित किया। अयोध्या में दीपोत्सव, मथुरा-वृंदावन में रंगोत्सव के भव्य आयोजन ने वहां की एक नई पहचान बनायी है। यह सभी कार्यक्रम क्रमिक रूप से आगे बढ़ाए गए तथा इनसे देश और दुनिया को जोड़ने का कार्य किया गया।
वर्ष 2017 से पूर्व अयोध्या, काशी, मथुरा-वृंदावन में जिज्ञासु लोगों़ की संख्या कम होती थी। वहां पर श्रद्धा भाव के साथ कुछ हजार लोग आते थे और दर्शन करके चले जाते थे। वहां कोई बेहतर व्यवस्था नहीं थी। प्रयागराज कुम्भ को गंदगी, भगदड़ और अव्यवस्था का पर्याय बना दिया गया था। जबकि आज इन स्थानों पर देश और दुनिया के लोग आकर्षित हो रहे हैं। यह इसलिए हो पा रहा है क्योंकि आज लोगों को सुरक्षा, सुव्यवस्था व बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुविधा प्राप्त हो रही है। साथ ही, इसके पीछे ईमानदारी व प्रतिबद्धता के साथ निरन्तर किये गये कार्य हैं। परिणामस्वरूप आज उत्तर प्रदेश के सामने पहचान का संकट नहीं है। क्योंकि राज्य सरकार ने विरासत को पहचाना और उसको सम्मान देने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ प्रयागराज 2025 पौष पूर्णिमा 13 जनवरी, 2025 से प्रारम्भ होकर महाशिवरात्रि 26 फरवरी, 2025 तक चलेगा। मकर संक्रांति 14 जनवरी, मौनी अमावस्या 29 जनवरी, बसन्त पंचमी 03 फरवरी, माघी पूर्णिमा 12 फरवरी तथा महाशिवरात्रि 26 फरवरी की तिथि के अनुसार महाकुम्भ का आयोजन होगा। 45 दिनों तक चलने वाला यह आयोजन दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक आयोजन है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमने जब अपनी विरासत को सम्मान दिया उसे पहचाना, तो दुनिया भी उसके पीछे-पीछे दौड़ पड़ी। आज दुनिया हमारी विरासत को सम्मान दे रही है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से यूनेस्को ने कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता प्रदान की है।  पहले हम योग से भागते थे, तो दुनिया हमसे भागती थी। हमारी योग परम्परा को दुनिया ने अपने नाम से पेटेंट कराया था। अनेक लोग भारत की ऋषि परम्परा व भारत के अमृत को अपने नाम से लिखवाते व पेटेंट करवाते थे। प्रधानमंत्री जी की पहल से 21 जून की तारीख ‘अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मान्य हो गई। आज दुनिया के 175 देश जब योग की विरासत के साथ जुड़ते हैं, तो लगता है कि भारत की ऋषि परम्परा, प्राचीन आध्यात्मिक धरोहर कहां तक भारत को एक नई पहचान दिला रही है। हर भारतवासी को अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति होती है। इसी विरासत व परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए गए हैं। इन्हीं प्रयासों के क्रम में प्रयागराज महाकुम्भ भी हमारी इसी विरासत का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ 2019 की तुलना में महाकुम्भ प्रयागराज 2025 में मेला क्षेत्र का विस्तार किया गया है। इस बार लगभग 4000 हेक्टेयर में मेला क्षेत्र विस्तृत होगा। जबकि वर्ष 2019 में यह 3200 हेक्टेयर में फैला था। प्रयागराज कुम्भ 2019 से पूर्व के कुम्भ में मेला क्षेत्र 2000 हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल में आयोजित होता था। महाकुम्भ प्रयागराज 2025 में पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टर में विभाजित किया गया है।
मेला क्षेत्र के अलावा पार्किंग के लिए भी अलग से विभिन्न रूट पर कुल 1850 हेक्टेयर भूमि की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। ताकि प्रयागराज में संगम तट तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक 1.5 से 02 किलोमीटर की ही पैदल यात्रा करनी पड़े। 02 से 05 किलोमीटर के दायरे में पार्किंग क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं, जहां पर पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। सरकार द्वारा पार्किंग स्थल से श्रद्धालुओं को इलेक्ट्रिक बसों व अन्य वाहनों द्वारा महाकुम्भ स्थल तक लाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए सरकार ने वहां पर नए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया है। 550 शटल बसें तथा उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की 7000 से अधिक बसें लोगों की सुविधा के लिए संचालित होंगी। 07 स्थानों पर बस स्टैंड भी बनाए जा रहे हैं।
कुम्भ 2019 में 09 आर0ओ0बी0 व 06 अण्डर पास बनाये गये थे। इस बार 14 आर0ओ0बी0 का निर्माण किया जा रहा है। यह निर्माण कार्य लगभग अन्तिम चरणों में है। आगामी 30 नवम्बर तक हर हाल में इन कार्यों को सम्पन्न कर लिया जाएगा। विगत कुम्भ में 04 घाटों का निर्माण किया गया था और इस बार 09 पक्के स्नान घाट बनाए जा रहे हैं। प्रयागराज महाकुम्भ 2025 में गंगा जी में पहली बार रिवर फ्रंट का निर्माण किया जा रहा है। पिछली बार 08 किलोमीटर तक अस्थाई घाटों का निर्माण किया गया था। इस बार 12 किलोमीटर तक अस्थाई घाटों का निर्माण किया जा रहा है। यह सभी कार्य पूरी प्रतिबद्धता के साथ किये जा रहे हैं।
  मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गंगाजल आचमन और स्नान के लिए पूर्णता शुद्ध है। वर्ष 2014 के पूर्व गंगा जी में बी0ओ0डी0 स्तर 22,000 से अधिक हुआ करता था, जो स्नान योग्य भी नहीं था। आज गंगाजल में बी0ओ0डी0 की मात्रा घटकर लगभग 250 से 300 के मध्य रह गई है। अब गंगाजल आचमन करने व स्नान योग्य है। गंगाजल अमृत है। आज गंगा जी में गांगेय डॉल्फिन देखी जा सकती हैं। सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गंगा जी में किसी भी प्रकार का सॉलिड व लिक्विड वेस्ट प्रवाहित न हो। इसके लिए कई एस0टी0पी0 बनाये गये हैं। श्रद्धालुओं को अविरल व निर्मल गंगा जी के दर्शन के लिए विभिन्न प्रयास किये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ प्रयागराज 2025 में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अस्थाई अस्पताल का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इसके अलावा सरकारी व निजी चिकित्सालयों की व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित कराई गई है। प्रयागराज कुम्भ 2019 में 01 लाख 14 हजार अस्थायी शौचालयों का निर्माण कराया गया था, जिनमें नियमित रूप से साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था होती थी। प्रदेश सरकार का प्रयास जीरो लिक्विड डिस्चार्ज का है कि कोई भी सॉलिड व लिक्विड वेस्ट नदी में प्रवाहित न हो। महाकुम्भ प्रयागराज 2025 में प्रदेश सरकार द्वारा 01 लाख 50 हजार शौचालयों को बनाने की प्रक्रिया पूर्ण की गई है।
प्रयागराज कुम्भ 2019 में 80,000 पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए टेन्ट की व्यवस्था की गई थी, इस बार यह संख्या बढ़कर 1,60,000 की गई है। महाकुम्भ में किसी प्रकार का कार्बन उत्सर्जन किसी भी स्तर पर ना हो, इसके लिए पर्याप्त व पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। 40,700 एल0ई0डी0 गत कुम्भ में लगायी गयी थीं। इस बार महाकुम्भ में लगभग 67,000 एल0ई0डी0 स्ट्रीट लाइट्स, 2000 सोलर हाइब्रिड स्ट्रीट लाइट्स और 02 नए विद्युत सब स्टेशन स्थापित किये गए हैं। इसके साथ ही शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए 1,249 किलोमीटर की पेयजल पाइपलाइन और 200 वॉटर ए0टी0एम0 के साथ-साथ 85 नलकूप भी मेला क्षेत्र में स्थापित करने की कार्यवाही युद्धस्तर पर चल रही है।
प्रयागराज कुम्भ 2019 में श्रद्धालुओं की संख्या 23 से 24 करोड़ तक पहुंची थी और इस बार हमारा अनुमान है कि महाकुम्भ प्रयागराज 2025 में श्रद्धालुओं की यह संख्या बढ़कर 35 से 40 करोड़ तक हो जाएगी। 45 दिन में इतने श्रद्धालु व पर्यटक प्रयागराज आएंगे। केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर इन श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए अनेक सुविधाएं विकसित कर रही हैं। सड़क, रेल, वायु सेवा की बेहतरीन कनेक्टिविटी के लिए युद्धस्तर पर कार्य चल रहे हैं। प्रयागराज में सड़कों के चौड़ीकरण का कार्य भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज प्रदेश सरकार ने विरासत के प्रति श्रद्धा और सम्मान की पुनर्बहाली की है। परिणाम है कि वर्ष 2017 में पर्यटकों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर था, जबकि आज उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है। काशी में 10 करोड़ श्रद्धालु प्रतिवर्ष आ रहे हैं। अयोध्या में यह संख्या 08 करोड़ तक पहुंच गई है। मथुरा-वृंदावन में 07 से 08 करोड़ तक यह संख्या पहुंच गई है। अब काशी, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, नैमिषारण्य, मां विंध्यवासिनी धाम, शुकतीर्थ व प्रदेश में ईको टूरिज्म और हेरिटेज के विभिन्न स्थानों में आने वाले पर्यटकों, श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत के वैदिक ज्ञान की परम्परा को लिपिबद्ध करने की सबसे बड़ी संगोष्ठी/चिन्तन का सबसे बड़ा केंद्र नैमिषारण्य था, जो पहले पहचान के संकट से जूझ रहा था। जिस प्रकार पिछली सरकारों ने उत्तर प्रदेश में युवाओं के सामने पहचान का संकट खड़ा किया था, उसी प्रकार पहचान का संकट इन पौराणिक तीर्थ स्थलों के सामने भी खड़ा किया गया। आज नैमिषारण्य फिर से प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में लोगों के सामने आया है। दक्षिण भारत से लोग नैमिषारण्य आकर अपनी परम्पराओं से जुड़ने का कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत का कोई भी भागवत कथावाचक तब तक व्यास तीर्थ पर बैठने का अधिकारी नहीं होता, जब तक वह शुकतीर्थ में जाकर पहले भागवत का वचन न कर ले। भागवत पुराण से जुड़े लोग बड़े श्रद्धाभाव से यहां आते हैं और यहां पर आकर भागवत वाचन करते हैं। पहले शुकतीर्थ से गंगा जी की धारा बहती थी। प्रदेश सरकार ने भागीरथ जैसा प्रयास करके शुकतीर्थ में पुनः गंगा जी की धारा को लाने में सफलता प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश और दुनिया को जोड़ने की सामर्थ्य आज उत्तर प्रदेश में मौजूद है। इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश एक बेहतरीन डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित हुआ है। देश में सबसे ज्यादा एक्सप्रेस-वे का नेटवर्क उत्तर प्रदेश में है। हमारे सभी प्रमुख स्थल प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, मथुरा-वृन्दावन, गोरखपुर 04-लेन व 06-लेन की बेहतरीन कनेक्टिविटी से जुड़ चुके हैं। प्रदेश में रेलवे और वायु सेवा की बेहतरीन कनेक्टिविटी है। उत्तर प्रदेश के पास सर्वाधिक एयरपोर्ट हैं। वाराणसी, अयोध्या में इण्टरनेशनल एयरपोर्ट तथा प्रयागराज में एयरपोर्ट पूर्णतया क्रियाशील है। देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट भी उत्तर प्रदेश इस वर्ष के अंत तक बनाने वाला है। राज्य सरकार लॉजिस्टिक के सबसे अच्छे सेंटर स्थापित करने वाली है। वाराणसी से देश का पहला वॉटर-वे वाराणसी से हल्दिया के बीच प्रारम्भ हो चुका है। इस वॉटर-वे सेवा को प्रयागराज तक आगे बढ़ाने की तैयारी हो रही है। राज्य सरकार अयोध्या में भी इस सेवा को आगे बढ़ाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने देश और दुनिया को आध्यात्मिक दृष्टि से और आर्थिक रूप से समृद्धि की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में योगदान दिया था। पहले उत्तर प्रदेश आर्थिक रूप से बहुत सशक्त था। जब देश स्वतंत्र हुआ था, तब देश की प्रति व्यक्ति आय से उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय अधिक थी। वर्ष 2016-17 तक आते-आते उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रति व्यक्ति आय की एक तिहाई से भी कम रह गई थी। विगत साढ़े सात वर्षों में प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय और जी0डी0पी0 को दोगुने से अधिक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन व विजनरी लीडरशिप के कारण यह सफलता प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज से साढ़े सात वर्ष पूर्व देश की सातवीं-आठवीं अर्थव्यवस्था के रूप में गिना जाता था। आज वही उत्तर प्रदेश देश की दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बन चुका है और नम्बर एक की अर्थव्यवस्था के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ आगे बढ़ रहा है। आज उत्तर प्रदेश के सामने आर्थिक संकट नहीं है, क्योंकि हमने उत्तर प्रदेश के पोटेंशियल को पहचाना है और उसे प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराते हुए आगे बढ़ाने के लिए अनेक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है। यही कारण है कि वर्ष 2017 से पूर्व जिस उत्तर प्रदेश के सामने वेतन देने का संकट था, आज वही उत्तर प्रदेश देश में रेवेन्यू सरप्लस स्टेट के रूप में अपने आपको स्थापित कर चुका है। बड़े से बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्य उत्तर प्रदेश में संपन्न हो रहे हैं। प्रदेश में शासन की योजनाओं का लाभ समाज के हर तबके को बिना भेदभाव के प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने देश और दुनिया को दिव्य एवं भव्य प्रयागराज कुम्भ 2019 सफलतापूर्वक करके दिखाया। सुरक्षा का मॉडल कैसा होना चाहिए, यह प्रदेश सरकार ने राज्य में पर्व और त्योहारों को शांतिपूर्वक ढंग से सम्पन्न करके दिखाया है। सुरक्षा के बेहतरीन वातावरण से उत्तर प्रदेश के सामने पहचान का संकट समाप्त हो गया है। देश में सर्वाधिक मोबाइल फोन का प्रोडक्शन उत्तर प्रदेश कर रहा है। उत्तर प्रदेश ऐसे अनेक क्षेत्रों में अपने कार्यों को बढ़ाते हुए अपनी यात्रा को शानदार तरीके से तय कर रहा है। इन्हीं कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते हुए विरासत के प्रति सम्मान के भाव के साथ विकास में उत्तर प्रदेश दौड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। विकास और विरासत में बेहतर समन्वय से महाकुम्भ प्रयागराज 2025 दिव्यता और भव्यता के साथ एक नई ऊंचाइयों को छुएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ 2019 में मीडिया की सकारात्मक भूमिका देखने को मिली थी, वही सकारात्मक भूमिका अलग-अलग पक्षों को लेकर हमें महाकुम्भ प्रयागराज 2025 में भी देखने को मिलेगी। एक सकारात्मक सोच के साथ मीडिया, विशेष रूप से टाइम्स ग्रुप ने सबसे पहले संवाद के इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कार्य किया। इसके लिए उन्होंने टाइम्स ग्रुप के पदाधिकारियों को बधाई दी।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने ‘आरोग्य वाटिका’ कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।

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