डीजीपी गौरव यादव ने ए.एन.टी.एफ. मुख्यालय में स्थापित इस अत्याधुनिक सुविधा का किया उद्घाटन
यह विशेष यूनिट नशीले पदार्थों से संबंधित डेटा, संचार, वित्तीय लेनदेन और नशा तस्करी की प्रोफाइलों का विश्लेषण करेगी: डीजीपी पंजाब
चंडीगढ़, 14 नवंबर: एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ए.एन.टी.एफ.) की संचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने आज ए.एन.टी.एफ. मुख्यालय में नई स्थापित अत्याधुनिक स्पोर्ट सर्विसिज़ यूनिट (एस.एस.यू.) का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर डीजीपी पंजाब के साथ विशेष डीजीपी ए.एन.टी.एफ. कुलदीप सिंह, विशेष डीजीपी आंतरिक सुरक्षा आर.एन. ढोके, ए.डी.जी.पी ए.एन.टी.एफ. नीलभ किशोर और ए.डी.जी.पी एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (ए.जी.टी.एफ.) प्रमोद बान भी उपस्थित थे।
डीजीपी गौरव यादव ने अपने एक्स हैंडल (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में बताया कि आधुनिक तकनीक और उन्नत खुफिया क्षमताओं से लैस #ए.एन.टी.एफ. अब #पंजाब के भविष्य को नशीले पदार्थों की चपेट से बचाने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह विशेष यूनिट नशीले पदार्थों से जुड़े डेटा, संचार, वित्तीय लेनदेन और तस्करी की प्रोफाइलों का विश्लेषण करते हुए ए.एन.टी.एफ. की क्षमता को अधिक सटीक और प्रभावी जानकारी के साथ मजबूत करेगी।
यह सुविधा डीजीपी पंजाब द्वारा 11 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित ए.एन.टी.एफ. की इंटेलिजेंस एंड टेक्निकल यूनिट (एस.आई.टी.यू.) के उद्घाटन के कुछ महीनों बाद स्थापित की गई है। यह इकाई नशे से संबंधित डेटा, संचार, सोशल मीडिया के रुझानों, वित्तीय लेनदेन और तस्करों की विस्तृत प्रोफाइलिंग के बारीकी से विश्लेषण के लिए तैयार किए गए आधुनिक सॉफ्टवेयर सिस्टमों से लैस है।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि 1.28 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित की गई स्पोर्ट सर्विसिज़ यूनिट में अत्याधुनिक सुविधाएं हैं, जिसमें अपग्रेडेड कार्यालय क्षेत्र और आधुनिक बुनियादी ढांचा शामिल है। उन्होंने कहा कि यह यूनिट ए.एन.टी.एफ. की संचालन कुशलता को समर्थन देने और राज्य में नशे की तस्करी की समस्या से निपटने के लिए इसकी क्षमता को और मजबूत करने हेतु स्थापित की गई है।
गौरतलब है कि ए.एन.टी.एफ. की क्षमता को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इस साल अप्रैल में 14.6 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था, जिसमें से लगभग 11 करोड़ रुपये ए.एन.टी.एफ. के तकनीकी बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए रखे गए थे, जबकि 3 करोड़ रुपये इसके भौतिक ढांचे की मजबूती के लिए निर्धारित किए गए थे।