जो किसान आज अन्नदाता कहलाता है, कुछ दिनों बाद पराली जलाने के कारण अपराधी बना दिया जाएगा
पराली जलाने का समाधान खोजने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर कोई न कोई रास्ता निकालना चाहिए
किसानों के हितों की रक्षा के लिए वैकल्पिक फसलों पर एमएसपी की गारंटी की वकालत
पंजाब विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा में किसी भी प्रकार के बदलाव का राज्य सरकार करेगी कड़ा विरोध
चंडीगढ़, 13 नवंबर: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों, उद्योगपतियों, नौकरशाहों और अन्य सहयोगियों से पंजाब को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान किया। आज यहां पंजाब यूनिवर्सिटी में उन्होंने ‘विजन पंजाब’ के बारे में करवाए गए सेमिनार के दौरान संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की उपजाऊ भूमि को महान गुरुओं, संतों-महापुरुषों, पीरों-पैगंबरों और शहीदों का आशीर्वाद प्राप्त है। उन्होंने कहा कि पंजाब पवित्र धरती होने क्स बावजूद पिछली सरकारों की नकारात्मक और उदासीन नीति के कारण विकास की गति में पिछड़ गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के मेहनती किसानों ने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है, लेकिन उन्हें केंद्र सरकार की बेरुखी का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो किसान आज अन्नदाता के रूप में जाने जाते हैं, उन्हें दो हफ्तों के बाद पराली जलाने के कारण आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ेगा। भगवंत सिंह मान ने दोहराया कि किसानों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करना इस समस्या से निपटने का हल नहीं है, क्योंकि इससे उन्हें समाज में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने पराली जलाने के प्रबंधन के लिए स्थायी समाधान विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बड़े-बड़े दावे किए जाने के बावजूद पराली जलाने का अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।
मुख्यमंत्री ने दुख जताया कि यह केवल पंजाब का नहीं बल्कि समूचे उत्तर क्षेत्र का लंबे समय से लटका हुआ मुद्दा है, लेकिन किसानों के पास फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए कोई उचित साधन नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान भी अब पराली नहीं जलाना चाहते, क्योंकि इसका सबसे पहला असर किसानों के परिवारों पर ही पड़ता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार को पराली के निपटारे को सुनिश्चित करने के लिए आपसी सहयोग से एक संयुक्त कार्य योजना तैयार करने की आवश्यकता है।
किसानों के हितों की रक्षा के लिए वैकल्पिक फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) की गारंटी की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए पंजाब ने पानी और उपजाऊ मिट्टी जैसे अपने बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन गंवाने का संताप झेला है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि एक किलो चावल उगाने के लिए लगभग 3500 लीटर पानी की खपत होती है, जिससे राज्य का पानी खतरे की कगार पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के किसान वैकल्पिक फसलें तभी अपना सकते हैं जब उन्हें इन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले और इन फसलों का निश्चित विपणन किसानों को फसली विविधता अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में पंजाब ही एक ऐसा राज्य है जिसकी पूरे विश्व में फ्रेंचाइजी है क्योंकि पंजाबियों ने हर देश और हर क्षेत्र में बड़ा नाम कमाया है। उन्होंने कहा कि पंजाबी स्वभाव से ही मेहनती हैं, जिसके बल पर उन्होंने दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि बोइंग में 45 प्रतिशत इंजीनियर जी.एन.ई., लुधियाना से हैं और फ्लिपकार्ट, ओला, मास्टरकार्ड और अन्य कंपनियों के सी.ई.ओ. भी पंजाबी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन युवाओं में हर क्षेत्र में आगे बढऩे की आंतरिक क्षमता है और उनकी योग्यता का सही उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्र और युवा हवाई जहाज की तरह होते हैं और राज्य सरकार उन्हें जीवन में आगे बढऩे और अपने सपनों को उड़ान देने के लिए एक लॉन्चपैड प्रदान करेगी। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक पंजाब के युवा अपने लक्ष्यों को हासिल नहीं कर लेते। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए ठोस प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देने के लिए राज्य में स्कूल ऑफ एमीनेन्स स्थापित किए गए हैं और इसी तरह सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली को भी उन्नत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रखा और इस प्रकार उनकी प्रगति में बाधाएं डाली। इसके विपरीत भगवंत सिंह मान का उद्देश्य गरीब छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करते हुए उन्हें अधिक से अधिक सक्षम बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका परिणाम सबके सामने है क्योंकि सरकारी स्कूलों के 158 छात्रों ने पहली बार जे.ई.ई. की परीक्षा पास की है। उन्होंने कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत है क्योंकि आने वाले दिनों में ऐसे और परिणाम सामने आएंगे जिसके लिए उनकी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने युवाओं को योग्यता के आधार पर 45000 से अधिक नौकरियां प्रदान की हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आठ हाई-टेक केंद्र खोल रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ये केंद्र युवाओं को यूपीएससी की परीक्षा पास करने और राज्य तथा देश में महत्वपूर्ण पदों पर पहुंचने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य युवाओं को उच्च पदों पर बिठाकर देश की सेवा करने के योग्य बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ राज्य की भावनात्मक, सांस्कृतिक, साहित्यिक और समृद्ध विरासत का हिस्सा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी हमारे क्षेत्र की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था है और इसमें हरियाणा की किसी हिस्सेदारी की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि न तो हरियाणा के किसी कॉलेज को विश्वविद्यालय से मान्यता दी जाएगी और न ही विश्वविद्यालय की सीनेट में पिछले दरवाजे से प्रवेश के लिए हरियाणा के किसी भी प्रयास को सफल होने दिया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने खेद व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय की संरचना को बदलने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन पंजाब सरकार छात्रों के व्यापक हित में ऐसी किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने देगी।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पंजाब-समर्थक और विकासमुखी रुख के कारण विपक्ष के नेता उन्हें निशाना बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। उन्होंने कहा कि यह आलोचना पूरी तरह से तर्कहीन है और विपक्षियों की मनगढ़ंत और गलत मंशा वाले इरादों पर आधारित है। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट किया कि विपक्ष की ऐसी छोटी चालों से वे पंजाब के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने से पीछे नहीं हटेंगे, बल्कि पंजाब और पंजाबियों की भलाई के लिए अनथक मेहनत करेंगे।