सिटी दर्पण
नई दिल्ली, 17 अप्रैल: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है. रिजल्ट जारी होने के साथ ही टॉपर्स लिस्ट भी जारी की गई है. यूपीएससी के इस परीक्षा में टॉप 1 से लेकर 10 रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों में से कोई IIT, NIT और DU से पढ़ाई की है. इनमें से सबसे अधिक डीयू से पढ़ाई करने वाले उम्मीदवार है. इसके बाद आईआईटी और एनआईटी के उम्मीदवार है. आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.
यूपीएससी में टॉप 1 रैंक आदित्य श्रीवास्तव (UPSC Topper Aditya Srivastava)
यूपीएससी की परीक्षा में टॉप करने वाले आदित्य श्रीवास्तव आईआईटी-कानपुर से पढ़ाई की है. उन्होंने IIT कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं. उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले आदित्य ने अपनी स्कूली शिक्षा सीएमएस लखनऊ की अलीगंज ब्रांच से पूरी की है. आईआईटी से आदित्य ने बीटेक और फिर एमटेक की डुअल डिग्री हासिल की हैं.
यूपीएससी टॉप 2 रैंक लाने वाले अनिमेष प्रधान (Animesh Pradhan)
यूपीएससी की परीक्षा में टॉप 2 रैंक हासिल करने वाले अनिमेष मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले हैं. उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राउरकेला से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की है. उनका संस्थान इंजीनियरिंग कैटेगरी के तहत नवीनतम NIRF 2023 में 16वें स्थान पर है.
यूपीएससी टॉप 3 रैंक डोनुरु अनन्या रेड्डी (Donuru Ananya Reddy)
अनन्या रेड्डी दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से जियोग्राफी में ग्रेजुएट हैं. उन्होंने यूपीएससी-सीएसई की परीक्षा में टॉप 3 रैंक हासिल की है. एनआईआरएफ रैंकिंग में कॉलेज टॉप स्थान पर रहा. वर्ष 2021 में ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने हैदराबाद में यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी थी.
यूपीएससी टॉप 4 पीके सिद्धार्थ रामकुमार (PK Sidharth Ramkumar)
केरल के रहने वाले सिद्धार्थ यूपीएससी की परीक्षा में चौथे स्थान पर रहे हैं. उन्होंने अपनी पढ़ाई केरल विश्वविद्यालय से की है. यहां से वह आर्किटेक्ट में ग्रेजुएट हैं. वह हैदराबाद में आईपीएस अकादमी में ट्रेनिंग ले रहे हैं.
यूपीएससी टॉप 5 रुहानी (Ruhani)
यूपीएससी की परीक्षा में टॉप 5 रैंक हासिल करने वाली रुहानी दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएट हैं. उन्होंने अपने छठे प्रयास में यूपीएससी एग्जाम क्रैक करने में सफल रहे हैं. रुहानी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की हैं. उन्होंने भारतीय आर्थिक सेवा अधिकारी के रूप में नीति आयोग में दो साल तक काम भी किया है.
यूपीएससी टॉप 6 सृष्टि डबास (Srishti Dabas)
दिल्ली की रहने वाली सृष्टि ने पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की हैं. वह वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय में ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर की रूप में कार्यरत हैं. उन्होंने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में भी काम किया है. उनके पिता भी दिल्ली पुलिस में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर थे. उन्होंने पहले प्रयास में ही टॉप 10 में जगह बनाई है.
यूपीएससी टॉप 7 अनमोल राठौड़ (Anmol Rathore)
जम्मू-कश्मीर की रहने वाली अनमोल ने गुजरात की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट की हैं. उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की हैं. किश्तवाड़ की लड़की ने पिछले साल जेकेएएस परीक्षा में भी टॉप किया था. वह जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के तहत JKAS ऑफिसर के तौर पर ट्रेनिंग ले रही हैं.
यूपीएससी टॉप 8 आशीष कुमार (Ashish Kumar)
आशीष कुमार ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर (IIT Kharagpur) से डुअल डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा को पास करने में सफल रहे हैं. वह खाना पकाने को अपनी ताकत में से एक मानते हैं.
यूपीएससी टॉप 9 नौशीन (Nausheen)
नौशीन ने अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी सीएसई की परीक्षा उत्तीर्ण की है. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की रहने वाली नौशीन दिल्ली विश्वविद्यालय के खालसा कॉलेज से पढ़ाई पूरी की हैं. नौशीन के पिता प्रसार भारती में डायरेक्टर हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं.
यूपीएससी टॉप 10 ऐश्वर्यम प्रजापति (Aishwaryam Prajapati)
ऐश्वर्यम प्रजापति ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड से बीटेक की डिग्री हासिल की हैं. प्रजापति ने अपने दूसरे प्रयास में परीक्षा उत्तीर्ण की. उत्तर प्रदेश के महाराजगंज की रहने वाली ऐश्वर्यम प्रजापति ने अपनी स्कूली शिक्षा रानी लक्ष्मीबाई सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की है.
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पेश है इन मेधावियों की कहानी, उन्हीं की जुबानी :
महिलाओं के लिए करना है काम
10वीं रैंक प्राप्त करने वाली ऐश्वर्यम प्रजापति का कहना है कि मेरे पिता डॉ. आरके प्रजापति हार्टीकल्चर विभाग में संयुक्त निदेशक और मां उर्मिला प्रजापति को अपनी सफलता का श्रेय देना चाहती हूं। मैंने एनआईटी उत्तराखंड से बीटेक की पढ़ाई की है। मुख्य परीक्षा के लिए मेरा विषय समाजशास्त्र था। मेरा मानना है कि सिविल सेवा में सफलता के लिए टू द प्वाइंट पढ़ना अहम है। मैंने बिना कोचिंग के परीक्षा में सफलता हासिल की है।
दूसरे प्रयास में मिली 38वीं रैंक
38वीं रैंक प्राप्त करने वाले अनिमेष वर्मा ने बताया कि मैं मूल रूप से हरदोई जिले का निवासी हूं। मेरे पिता डॉ. सर्वेश कुमार उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। मां रेखा वर्मा गृहिणी हैं। मैंने जयपुरिया से 12वीं तक की पढ़ाई की है। इसके बाद आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। मेरा मानना है कि सिविल सेवा के सिलेबस में क्या पढ़ना है से ज्यादा क्या नहीं पढ़ना है, के बारे में जानना ज्यादा जरूरी है।
दूसरे प्रयास में मिली सफलता
48वीं रैंक प्राप्त करने वाले अंशुल हिंडल का कहना है कि मैं इस समय लखनऊ में पीसीएस की ट्रेनिंग कर रहा हूं। पीसीएस में सफलता हासिल करने के बाद आईएएस की तैयारी कर रहा था। मेरे पिता हरपाल सिंह जो एलआईसी से सेवानिवृत्त हैं, ने हमेशा मुझे प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया। मेरी मां मुनेस सिंह गृहिणी हैं। मैंने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसलिए मैं अपनी सेवा के दौरान लोगों को तकनीक का लाभ देकर ज्यादा से ज्यादा सेवा करना चाहता हूं।
नायब तहसीलदार ने हासिल की सफलता
118वीं रैंक हासिल करने वाले सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने बताया कि मैं इस समय लखनऊ सदर में नायब तहसीलदार पद पर तैनात हूं। यह मेरा अंतिम प्रयास था। दो बार प्रारंभिक और चार बार साक्षात्कार देने के बाद मेरा चयन हुआ। मेरा मानना है कि सिविल सेवा में सफलता हासिल करने के लिए धैर्य बेहद जरूरी है। मैं अपने पिता एके श्रीवास्तव, मां सुषमा श्रीवास्तव और बहन अदिति को इसका श्रेय दूंगा। मैं मूलरूप से बनारस का रहने वाला हूं।
आंसर राइटिंग पर करें फोकस
212वीं रैंक प्राप्त करने वाले अमितेज पांगती का कहना है कि सिविल की मुख्य परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए आंसर राइटिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसका मैंने जमकर अभ्यास किया था। साथ ही पिछले कुछ साल के पेपर से भी अभ्यास किया। मैंने जयपुरिया स्कूल से 12वीं तक की परीक्षा पास करने के बाद आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया है। इसके बाद मैंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। मेरे पिता कर्नल टीडीएस पांगती और मां मीता साह को मैं अपनी सफलता का श्रेय देना चाहता हूं।
अपने विषय पर होनी चाहिए पकड़
416वीं रैंक प्राप्त करने वाले आदित्य हरदेव उपाध्याय का कहना है कि मैंने मुख्य परीक्षा गणित विषय के साथ दी। मेरा मानना है कि परीक्षा के लिए विषय पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए। साथ ही जो पढ़ा जाए उस पर कमांड हो। सब कुछ पढ़ने से ज्यादा अहम है अच्छी से तरह से पढ़ना। मेरे पिता सूर्य प्रकाश उपाध्याय अपर शासकीय अधिवक्ता और मां प्रतिभा उपाध्याय शिक्षक हैं। मेरी बहन आयुषी उपाध्याय वर्ष 2019 में बोर्ड सीबीएसई टॉपर रह चुकी है। मैंने आईआईटी रुड़की से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।
सफलता के लिए मेहनत ही विकल्प
859वीं रैंक प्राप्त करने वाले गौरव सिंह का कहना है कि मेरे पिता आईपीएस राजू बाबू सिंह वर्ष 2017 में एसपी कुशीनगर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। मेरा मानना है कि सिविल सेवा में सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसलिए धैर्य खोए बिना हमेशा मेहनत करनी चाहिए।
आत्मविश्वास और लगन का मिला फल
15वीं रैंक प्राप्त करने वाली महानगर की कुणाल रस्तोगी का कहना है कि दो बार असफल हुआ पर टूटा नहीं। आत्मविश्वास और मेहनत का फल मिला और सफल हुआ। सीएमएस कानपुर रोड शाखा से 12वीं की परीक्षा 96 फीसदी अंकों से उत्तीर्ण कर बिट्स पिलानी से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई 2021 में पूरी की और 2021 में ही सिविल सेवा परीक्षा पहली बार दी। सेल्फ स्टडी के साथ ही कई टेस्ट सीरीज जॉइन कीं जिससे फायदा मिला। पिता पुनीत रस्तोगी आईपीएस हैं और एडीजी बीएसएफ के पद पर दिल्ली में तैनात हैं और मां नीता रस्तोगी गृहिणी हैं।
सिलेबस को अच्छे से पढ़ा
197वीं रैंक हासिल करने वाले मृणाल कुमार का कहना है कि यूपीएससी के सिलेबस के लगातार अध्ययन की देन है कि चौथे प्रयास में आखिर सफलता मिल ही गई। 12वीं की पढ़ाई शहर के एक स्कूल से की है। बीटेक केमिकल इंजीनियरिंग से किया। वर्ष 2019 से तैयारी करना शुरू किया था। सिलेबस को अच्छे से पढ़ने से सफलता मिली है। पिता हरीश कुमार भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त हैं। मां उमा गृहिणी हैं। वर्ष 2019 से तैयारी शुरू की थी।
तीसरे प्रयास में मिली सफलता
आशियाना की रहने वाली सम्यक चौधरी ने परीक्षा में 704वीं रैंक हासिल की है। उनका कहना है कि 2021 और 2022 में लगातार दो बार यूपीएससी में असफलता मिली। मेहनत जारी रखी, तीसरे प्रयास में सफलता मिली। पिता सुनील कुमार चौधरी आईएएस हैं और बचपन से उन्हीं को काम करते देखा। सीएमएस कानपुर रोड से 12वीं करने के बाद दिल्ली से इकनॉमिक्स ऑनर्स और एमए इन इकनॉमिक्स किया। तैयारी पर फोकस रखा, एक ही चीज को बार-बार पढ़ने की आदत डाली। आठ से दस घंटे हर हाल में पढ़ा।
इंजीनियरिंग बैकग्राउंड का रहा जलवा
सिविल सेवा परीक्षा में एक बार फिर से इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले विद्यार्थियों ने सफलता हासिल की। इसके अलावा सफलता हासिल करने वाले ज्यादातर अभ्यर्थी अंग्रेजी माध्यम के ही हैं। हां, मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय के रूप में इंजीनियरिंग के बजाय मानविकी के विषय लेने वाले अभ्यर्थियों की संख्या ज्यादा रही।
ज्यादातर ने कोचिंग नहीं, ऑनलाइन तैयारी की
सिविल सेवा में सफलता हासिल करने वाले ज्यादातर अभ्यर्थियों ने कोचिंग का सहारा नहीं लिया। कुछ अभ्यर्थियों ने विषय की परीक्षा के लिए जरूर इसकी मदद ली। वहीं ज्यादातर अभ्यर्थियों का कहना था कि उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग कर तैयारी की। इस दौरान पूर्व वर्षों में आए हुए पेपर हल करने का भी उनको काफी फायदा मिला।