सिटी दर्पण
चंडीगढ़, 29 अप्रैल: मौसम में तेजी से बदलाव का दुष्प्रभाव सेहत पर दिखने लगा है। पिछले कुछ दिनों में तापमान में 10 से 15 डिग्री सेल्सियस तक आई कमी के चलते अस्पतालों की ओपीडी में वायरल संक्रमण के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इससे सबसे ज्यादा छोटे बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। अस्पतालों की ओपीडी में अचानक मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सबसे ज्यादा भीड़ फिजीशियन के पास नजर आ रही है। जीएमएसएच-16 से लेकर सिविल अस्पताल और क्लीनिक में बुखार, सर्दी-जुकाम, गले में संक्रमण और सांस लेने में तकलीफ संबंधी मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा आ रही है। जीएमएसएच 16 में सोमवार को फ्लू और वायरल बुखार की जांच के लिए बनाए गए काउंटर पर मरीजों की लंबी कतार नजर आई। ऐसे में विशेषज्ञ परामर्श के साथ ही मरीजों को बचाव के उपाय भी बता रहे हैं। इसके साथ खानपान में सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
भारतीय बाल अकादमी के अध्यक्ष डॉ. शैलेश मेहता का कहना है कि तापमान में गिरावट के दौरान छोटे बच्चों को पूरी तरह कवर करके रखें, सुबह-शाम को विशेष ध्यान दें। उस वक्त पूरे बाजू के कपड़े पहनाएं। बरसात में वे न भीगें, इसका भी ध्यान रखें। तरल पदार्थ ज्यादा दें, फलों के जूस की जगह सूप दें। गुनगुना पानी पिलाएं।
भारतीय बाल अकादमी की सचिव डॉ. गुंजन बवेजा का कहना है कि मौसम में आए अचानक बदलाव की वजह से हमारा व्यवहार नहीं बदल पाता। गर्मी से आते ही सीधे एसी में चले जाते हैं या कूलर के सामने बैठ जाते हैं। ठंडा पानी पी लेते हैं। बॉडी के टेम्प्रेचर को कंट्रोल नहीं कर पाते। इससे गले का खराब होना व खांसी आना आम है। उसके बाद बुखार आने लगता है। मौजूदा समय में भी ठीक यही हो रहा है।