Wednesday, January 15, 2025
BREAKING
Weather: गुजरात में बाढ़ से हाहाकार, अब तक 30 लोगों की मौत; दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश की चेतावनी जारी दैनिक राशिफल 13 अगस्त, 2024 Hindenburg Research Report: विनोद अदाणी की तरह सेबी चीफ माधबी और उनके पति धवल बुच ने विदेशी फंड में पैसा लगाया Hindus in Bangladesh: मर जाएंगे, बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे... ढाका में हजारों हिंदुओं ने किया प्रदर्शन, हमलों के खिलाफ उठाई आवाज, रखी चार मांग Russia v/s Ukraine: पहली बार रूसी क्षेत्र में घुसी यूक्रेनी सेना!, क्रेमलिन में हाहाकार; दोनों पक्षों में हो रहा भीषण युद्ध Bangladesh Government Crisis:बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट, सेना की कार्रवाई में 56 की मौत; पूरे देश में अराजकता का माहौल, शेख हसीना के लिए NSA डोभाल ने बनाया एग्जिट प्लान, बौखलाया पाकिस्तान! तीज त्यौहार हमारी सांस्कृतिक विरासत, इन्हें रखें सहेज कर- मुख्यमंत्री Himachal Weather: श्रीखंड में फटा बादल, यात्रा पर गए 300 लोग फंसे, प्रदेश में 114 सड़कें बंद, मौसम विभाग ने 7 अगस्त को भारी बारिश का जारी किया अलर्ट Shimla Flood: एक ही परिवार के 16 सदस्य लापता,Kedarnath Dham: दो शव मिले, 700 से अधिक यात्री केदारनाथ में फंसे Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी की सब-कैटेगरी में आरक्षण को दी मंज़ूरी

लेख

संघीय भारत के समक्ष बढ़ती चुनौतियाँ : सुभाष गोयल, समाज सेवक एवं एम.डी.वर्धान आर्युवेदिक आर्गेनाइजेशन

February 02, 2022 08:46 PM

चंडीगढ़: 26 जनवरी, 1950 को जब भारतीय संविधान लागू हुआ तो यह एक ऐसे राष्ट्र के लिये एक बड़ा कदम था जो न्याय, समता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के आदर्शों की प्राप्ति की लालसा रखता था। संविधान में समता पर दिया गया समग्र जोर संघीय भावना और विचारों के ईर्द-गिर्द निर्मित सभी व्यवस्थाओं में नजर आता है। दुर्भाग्य से हाल के वर्षों में आरोप लगते रहे हैं कि भारत में संघीय व्यवस्था और संस्थानों पर सबसे गहरे हमले हुए हैं।

यह सच है कि राज्यों और केंद्र की संबंधित विधायी शक्तियाँ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 245 से 254 तक वर्णित हैं। संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची भी शक्तियों के न्यायसंगत वितरण की पुष्टि करती हैं, जहाँ सरकार के प्रत्येक स्तर का अपना अधिकार क्षेत्र निश्चित है जो उन्हें संदर्भ-संवेदनशील निर्णयन में सक्षम बनाता है। अनुच्छेद 263 में संघ और राज्यों के बीच व्यवहार के सुचारू संक्रमण और विवादों के समाधान के लिये एक अंतर-राज्य परिषद की स्थापना का उपबंध किया गया है।अनुच्छेद 280 में संघ और राज्यों के बीच वित्तीय संबंधों और शर्तों को परिभाषित करने हेतु वित्त आयोग के गठन का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही, जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिये 73वें और 74वें संशोधनों के माध्यम से स्थानीय स्वशासन निकायों के गठन के प्रावधान शामिल किये गए। यह भी सच है कि पूर्ववर्ती योजना आयोग के पास राज्यव्यवस्था की संघीय प्रकृति से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिये हमेशा एक अवसर रहता था और वह राज्यों की विभिन्न विकासात्मक आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील रहा था। अंतर-राज्य न्यायाधिकरण, राष्ट्रीय विकास परिषद और अन्य कई अनौपचारिक निकायों ने संघ, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच परामर्श के माध्यम के रूप में कार्य किया है।

अब गर हम देश की संघीय भावना को बनाए रखने के मार्ग में आने वाली चुनौतियाँ की बात करें तो इस में कोई दो राय नहीं है कि योजना आयोग को समाप्त कर दिया गया है, पिछले सात वर्षों में अंतर-राज्य परिषद की केवल एक बार बैठक हुई है और राष्ट्रीय विकास परिषद की कोई बैठक ही नहीं हुई है। इतना ही नहीं दोषपूर्ण वस्तु एवं सेवा कर ने पहले ही राज्यों को उपलब्ध अधिकांश स्वायत्तता का हरण कर लिया है और देश की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को उसकी प्रकृति में एकात्मक बना दिया है। जी एस टी व्यवस्था के अंतर्गत राज्यों को प्राप्त मुआवजे की गारंटी का महामारी काल में केंद्र सरकार द्वारा बार-बार उल्लंघन किया गया। राज्यों को उनके बकाया का भुगतान करने में देरी से आर्थिक मंदी का प्रभाव और सघन हुआ। यह भी सच है कि पिछले कुछ वर्षों में संबंधित राज्यों को संदर्भित किये और उनका परामर्श लिये बिना केंद्र सरकार के स्तर से कई महत्त्वपूर्ण एवं राजनीतिक रूप से संवेदनशील निर्णय लिये गए हैं, जैसे: अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर के राज्य विधानमंडल से किसी परामर्श के बिना ही हटा दिया गया। संसद ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को लागू करने के लिये राज्य सूची के विषय "कृषि" का अधिनियमन किया और अपने अधिकार क्षेत्र से परे जाते हुए इन्हें राज्यों पर लागू कर दिया। नई शिक्षा नीति 2020 को भी राज्यव्यवस्था की संघीय प्रकृति के अतिक्रमण के रूप में चिह्नित किया गया है।इसके अतिरिक्त, बी एस एफ का अधिकार क्षेत्र असम, पश्चिम बंगाल और पंजाब में इन राज्यों से किसी परामर्श के बिना ही विस्तारित कर दिया गया।राज्यों को कोविड-19 प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं, जैसे परीक्षण किटों की खरीद, टीकाकरण, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के उपयोग और अनियोजित राष्ट्रीय लॉकडाउन में बेहद सीमित भूमिका ही सौंपी गई। इतना ही नहीं, कोविड की दूसरी लहर के दौरान अपूर्ण तैयारी के कारण आलोचना की शिकार हुई केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य को 'राज्य सूची का विषय' बताते हुए विफलता का दोष राज्यों पर थोपने का प्रयास किया।

अब मौजूदा हालात में संघवाद को महत्त्व देना समय की मांग है। भारत के राष्ट्रीय चरित्र की रक्षा के लिये भारत की राजव्यवस्था के संघीय स्वरूप को सचेत रूप से महत्त्व देना आवश्यक है। राज्य सरकारों को विशेष रूप से संघवाद के कोण पर ध्यान केंद्रित करते हुए मानव संसाधनों की तैयारी पर विचार करना चाहिये जो केंद्र द्वारा प्रस्तुत परामर्श प्रक्रियाओं में जवाब तैयार करने में उनका समर्थन कर सके। केवल संकट की स्थिति में एक-दूसरे तक पहुँचने के बजाय मुख्यमंत्रियों को इस मुद्दे पर नियमित संलग्नता के लिये एक मंच का निर्माण करना चाहिये। भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में संघवाद के स्तंभों (राज्यों की स्वायत्तता, केंद्रीकरण, क्षेत्रीयकरण आदि) के बीच एक उचित संतुलन की आवश्यकता है। अत्यधिक राजनीतिक केंद्रीकरण या अराजक राजनीतिक विकेंद्रीकरण से बचना चाहिये क्योंकि दोनों ही भारतीय संघवाद को कमजोर बनाते हैं।

Have something to say? Post your comment

और लेख समाचार

रूसी शासन की निशानियां मिटा रहा यूक्रेन:नागरिकों ने देश में बने सोवियत काल के 60 स्मारक तोड़े, इसमें रेड आर्मी कमांडर की मूर्ति शामिल

रूसी शासन की निशानियां मिटा रहा यूक्रेन:नागरिकों ने देश में बने सोवियत काल के 60 स्मारक तोड़े, इसमें रेड आर्मी कमांडर की मूर्ति शामिल

जमीन के धधकते 'पाताल' से बाहर लौटा वैज्ञानिक, जो बताया वह जानकर दंग रह जाएंगे

जमीन के धधकते 'पाताल' से बाहर लौटा वैज्ञानिक, जो बताया वह जानकर दंग रह जाएंगे

सूरत डायमंड बोर्स का आज इनॉगरेशन करेंगे मोदी:ये दुनिया का सबसे बड़ा ऑफिस कॉम्प्लेक्स, डायमंड मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेडिंग का वन-स्टॉप हब

सूरत डायमंड बोर्स का आज इनॉगरेशन करेंगे मोदी:ये दुनिया का सबसे बड़ा ऑफिस कॉम्प्लेक्स, डायमंड मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेडिंग का वन-स्टॉप हब

जब दुनिया के सबसे छोटे कद के शख्स से मिला विश्व का सबसे लंबा आदमी, कमाल का था नज़ारा

जब दुनिया के सबसे छोटे कद के शख्स से मिला विश्व का सबसे लंबा आदमी, कमाल का था नज़ारा

जब सऊदी प्रिंस ने अपने 80 बाजों के लिए बुक कर ली थी फ्लाइट, पक्षियों के लिए बनवाया था पासपोर्ट

जब सऊदी प्रिंस ने अपने 80 बाजों के लिए बुक कर ली थी फ्लाइट, पक्षियों के लिए बनवाया था पासपोर्ट

चीन में भीषण ट्रेन हादसा, भारी बर्फबारी के कारण टकराईं दो मेट्रो; 515 लोग घायल

चीन में भीषण ट्रेन हादसा, भारी बर्फबारी के कारण टकराईं दो मेट्रो; 515 लोग घायल

देश में निरंतर बढ़ती असमानता के लिए देश के नेता, कर्मचारी और हम सब लोग बराबर के जिम्मेदार : डॉ. दलेर सिंह मुल्तानी, सिविल सर्जन (सेवानिवृत्त)

देश में निरंतर बढ़ती असमानता के लिए देश के नेता, कर्मचारी और हम सब लोग बराबर के जिम्मेदार : डॉ. दलेर सिंह मुल्तानी, सिविल सर्जन (सेवानिवृत्त)

आओ अपने आयुर्वेद को जानें -4 : डॉ. राजीव कपिला

आओ अपने आयुर्वेद को जानें -4 : डॉ. राजीव कपिला

गरीब कौन ? : डॉ. दलेर सिंह मुल्तानी, सिविल सर्जन (सेवानिवृत्त)

गरीब कौन ? : डॉ. दलेर सिंह मुल्तानी, सिविल सर्जन (सेवानिवृत्त)

आओ अपने आयुर्वेद को जानें -3: डॉ. राजीव कपिला

आओ अपने आयुर्वेद को जानें -3: डॉ. राजीव कपिला