मिशन के तहत आपूर्ति किए जा रहे पानी की मात्रा और गुणवत्ता की वास्तविक समय के आधार पर निगरानी की जाएगी
सिटी दर्पण ब्युरो,श्रीनगर 03 अगस्त 2021-जम्मू-कश्मीर में केंद्र प्रायोजित योजना ‘जल जीवन मिशन‘ के कार्यान्वयन में प्रगति की गति की समीक्षा के लिए आज एक बैठक आयोजित की गई। डॉ. अरुण कुमार मेहता मुख्य सचिव जम्मू-कश्मीर और अतिरिक्त सचिव, जल जीवन मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार ने बैठक में भाग लिया।
आयुक्त सचिव जल शक्ति विभाग और मिशन निदेशक, जल जीवन मिशन सहित सभी जिलों के उपायुक्त और विभाग के संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर अतिरिक्त सचिव ने मिशन की जिलेवार प्रगति और राष्ट्रीय औसत की तुलना में समग्र स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
यह बताया गया कि जल जीवन मिशन डैशबोर्ड के अनुसार, मिशन की स्थापना के बाद से, 4.64 करोड़ परिवारों को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन दिए गए हैं, जो देश के कुल घरों का 24 प्रतिषत है। मिशन ने ग्राम स्तर पर नए कनेक्शनों के समान वितरण द्वारा समावेशन सुनिश्चित किया है।
इसी तरह, जम्मू और कश्मीर में 4,47,882 (24.41 प्रतिषत) परिवारों को अब तक एफएचटीसी से जोड़ा गया है, श्रीनगर और गांदरबल जिलों में सार्वभौमिक कवरेज सुनिश्चित किया गया है। हालांकि, यह उल्लेख किया गया था कि कठुआ, उधमपुर, रामबन, बडगाम, राजौरी, किश्तवाड़, कुलगाम और जम्मू जैसे कुछ जिले पिछड़ रहे हैं और जल जीवन मिशन के तहत योजना कार्यान्वयन और कवरेज में तेजी लाने की जरूरत है। जम्मू-कश्मीर वर्तमान में राष्ट्रीय सूचकांक में 13वें स्थान पर है।
यह भी उल्लेख किया गया कि जम्मू और कश्मीर में 93.86 प्रतिषत स्कूल और 92.25 प्रतिषत आंगनवाड़ी केंद्रों को कार्यात्मक नल कनेक्शन से जोड़ा गया है।
मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को 15 अगस्त 2021 से पहले सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और अस्पतालों को कार्यात्मक पानी के कनेक्शन प्रदान करने का निर्देश दिया। डीसी को जल संरक्षण के विभिन्न पहलूओं पर जागरूकता पैदा करने के लिए समर्पित आईईसी गतिविधियों को शुरू करने के लिए कार्यान्वयन सहायता एजेंसियों (आईएसए) को काम पर रखने के लिए निविदाएं जारी करने के लिए कहा गया।
विभाग को केंद्र शासित प्रदेश में मिशन को तेजी से पूरा करने के लिए जम्मू और कश्मीर में विभिन्न योजनाओं की निविदा में तेजी लाने के लिए कहा गया।
अतिरिक्त सचिव, जेजेएम ने बताया कि मिशन वास्तविक समय के आधार पर मिशन के तहत आपूर्ति किए जा रहे पानी की मात्रा और गुणवत्ता का आकलन करने के लिए एक सेंसर आधारित जल प्रबंधन प्रणाली शुरू करेगा।
सुरक्षित पेयजल का वितरण सुनिश्चित करने के लिए, जल शक्ति विभाग को सलाह दी गई कि वह मोबाइल परीक्षण किट के माध्यम से दिए गए मापदंडों पर पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करने और राष्ट्रीय पोर्टल पर परीक्षण डेटा अपलोड करने के लिए प्रति गांव 5 महिलाओं को प्रशिक्षित करे। जल आपूर्ति के किसी भी रासायनिक या जैविक संदूषण के मामले में, विभाग को सार्वजनिक स्वास्थ्य पर इसके दुष्प्रभावों को रोकने के लिए उपयुक्त हस्तक्षेप के साथ तत्काल उपचार करना चाहिए।
विभाग को विशेष रूप से मानसून के मौसम से पहले और बाद में स्रोत पर पानी की गुणवत्ता का नियमित रूप से परीक्षण करने और सभी स्रोतों और पानी के कनेक्शनों को जियो-टैग करने के लिए कहा गया।
मिशन के तहत आईएसओ मानकों के तहत उपलब्ध कराए जा रहे पानी के गुणवत्ता मानकों की नियमित निगरानी के लिए मुख्य सचिव ने विभाग को जल्द से जल्द सभी जिला परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए एनएबीएल मान्यता प्राप्त करने के लिए कहा। उपायुक्तों को सभी गांवों में जल स्रोत, योजना, कार्यान्वयन एजेंसी और रखरखाव सहायता के विवरण वाले डिस्प्ले बोर्ड लगाने के लिए कहा गया।
मुख्य सचिव ने निदेशक जल जीवन मिशन को आश्वासन दिया कि जम्मू-कश्मीर केंद्र सरकार की उम्मीदों पर खरा उतरेगा और सितंबर 2022 तक सभी घरों में सार्वभौमिक गुणवत्ता वाले पेयजल कनेक्शन प्रदान करेगा।