कब क्या हुआ
ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव सुबह सेमिनार हॉल में बरामद.
पुलिस के मुताबिक़, बलात्कार और हत्या की ये घटना रात तीन से सुबह छह बजे के बीच हुई थी.
इसके बाद डॉक्टरों ने घटना के ख़िलाफ़ प्रदर्शन शुरू कर दिया.
पुलिस ने टास्क फोर्स बनाई. जांच शुरू होने के छह घंटे के भीतर अभियुक्त संजय रॉय को गिरफ़्तार किया. सीसीटीवी के अलावा पुलिस को सेमिनार हॉल से एक टूटा हुआ ब्लूटूथ इयरफोन मिला था. ये अभियुक्त के फ़ोन से कनेक्ट हो गया था. इसी के ज़रिए पुलिस संजय को गिरफ़्तार करने में सफल रही थी.
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष का इस्तीफ़ा.
कोलकाता हाई कोर्ट ने मामले में जांच के सही से ना होने की बात कही और केस सीबीआई को सौंपा.
14 और 15 अगस्त की दरमियानी रात कोलकाता समेत कई जगहों पर महिला संगठनों और सिविल सोसाइटी से जुड़े लोगों ने 'रीक्लेम द नाइट' का नारा देकर महिलाओं के सड़क पर उतरने का आह्वान किया.
14- 15 अगस्त की रात आरजी कर अस्पताल में डॉक्टरों के धरना स्थल पर अज्ञात लोगों ने हमला किया.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सड़क पर उतरकर मार्च निकाला. इस मार्च की बीजेपी और कई लोगों ने आलोचना की.
सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया
कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेने के बाद सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ़ के लिए सुरक्षा बंदोबस्त के अभाव पर चिंता व्यक्त की और एक राष्ट्रीय टास्कफोर्स का गठन किया.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा सीआईएसएफ ने संभाली.
डॉक्टरों ने 11 दिनों के जारी हड़ताल को वापस लिया.
डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले के ख़िलाफ़ छात्रों ने राज्य सचिवालय यानी 'नबान्न भवन' तक विरोध मार्च की अपील की. इस विरोध मार्च के दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई.
एक नए छात्र संगठन 'पश्चिम बंग छात्र समाज' ने इस विरोध मार्च को 'नबान्न अभियान' नाम दिया था. प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफ़े की मांग की.
विरोध प्रदर्शन में बल प्रयोग करने और छात्रों को गिरफ़्तार करने के ख़िलाफ़ बीजेपी ने 12 घंटे के बंगाल बंद का आह्वान किया. सत्तारूढ़ टीएमसी ने आरोप लगाया कि बीजेपी राज्य में 'अराजकता पैदा करना चाहती है.'
सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ़्तार कर लिया. गिरफ़्तार होने वालों में अस्पताल में सामान आपूर्ति करने वाले दो ठेकेदार बिप्लब सिंघा और सुमन हाज़रा के अलावा संदीप घोष के बॉडीगार्ड अफ़सर अली ख़ान भी शामिल थे.
इसके अलावा स्थानीय टाला थाना के प्रभारी अभिजीत मंडल को साक्ष्य मिटाने के प्रयास के आरोप में सीबीआई ने गिरफ़्तार किया.
घटना के एक महीने के भीतर पश्चिम बंगाल विधानसभा में सर्वसम्मति से अपराजिता महिला और बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक क़ानून संशोधन) विधेयक, 2024 पारित.
इस विधेयक में महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाले अपराधों को लेकर भारतीय न्याय संहिता, 2023, (बीएनएस) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) और बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए बने पॉक्सो क़ानून, 2012 में संशोधन किए गए हैं.
ममता सरकार को इस मामले में अपने नेताओं के विरोध का सामना भी करना पड़ा.
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसद जवाहर सरकार ने आरजी कर अस्पताल में बलात्कार-हत्या मामले के बाद जन आंदोलन को देखते हुए ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर अपने इस्तीफ़े की पेशकश कर दी.
आंदोलन और प्रदर्शन के क़रीब एक महीने बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से मुलाक़ात की. मुख्यमंत्री ने छात्रों की मांगों पर ग़ौर करने को कहा और इस पर कार्रवाई करने को लेकर समय मांगा.
कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को राज्य सरकार ने उनके पद से स्थानांतरित कर दिया.
मुख्य अभियुक्त संजय रॉय के ख़िलाफ़ सीबीआई ने 7 अक्तूबर को ही आरोप पत्र दाख़िल कर दिया.
तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष और मामले में अभियुक्त बनाए गए कोलकाता के टाला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अभिजीत मंडल को ज़मानत मिल गई.
डॉक्टरों की मांगें
सितंबर में जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से छात्रों की मुलाक़ात हुई तो सरकार से आंदोलनकारियों ने जो मांगे रखीं, उसके बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय ने जानकारी साझा की थी. उसके अनुसार-
- पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ़) की पहली मांग सीबीआई के अधिकार क्षेत्र में आती है. राज्य सरकार जांच पूरी करने और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हर संभव मदद करेगी.
- कोलकाता पुलिस पर कार्रवाई की मांग के मद्देनज़र कमिश्नर ऑफ़ पुलिस और डिप्टी कमिश्नर नॉर्थ का ट्रांसफ़र किया जाएगा.
- स्वास्थ्य सेवाओं के मौजूदा डीएमई और डीएचएस को भी ट्रांसफ़र किया जाएगा.
- अस्पताल में सीसीटीवी, वॉशरूम वग़ैरह के लिए 100 करोड़ रुपये के फ़ंड को मंज़ूरी दी गई है.
- डब्ल्यूबीजेडीएफ़ के प्रतिनिधियों ने डीसी सेंट्रल पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई न करने और स्वास्थ्य सचिव का तबादला न होने पर असहमति जताई.
इस बीच, दिसंबर 2024 में पीड़िता के पिता ने हाईकोर्ट में एक और याचिका दाख़िल की. उनका कहना था कि 'सीबीआई ने इस मामले में अब तक उनकी पत्नी का बयान दर्ज नहीं किया है. न ही अदालत में उनकी गवाही हुई है.'
सीबीआई ने जो मामला दर्ज किया है उसमें कुल 123 गवाहों के नाम हैं. मगर इनमें से अधिकारियों सहित कुल 50 लोगों की ही दिसंबर 2024 के अंतिम सप्ताह तक गवाही हो पाई थी.
पश्चिम बंगाल में बना नया क़ानून