चंडीगढ़, 8 जनवरी:
पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने यू.टी. सलाहकार के पद को मुख्य सचिव के रूप में नामित करने के फैसले की कड़ी निंदा करते हुए इसे चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकारों को कुचलने वाला कदम करार दिया है।
स्पीकर ने कहा कि इस कदम को चंडीगढ़ की स्थिति के संवेदनशील मुद्दे की घोर अनदेखी के रूप में देखा जा रहा है, जो लंबे समय से पंजाब और केंद्र सरकार के बीच विवाद का विषय रहा है।
श्री संधवां ने जोर देकर कहा कि पुन: नामांकन न केवल प्रशासनिक गड़बड़ है, बल्कि चंडीगढ़ पर पंजाब के वैध अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास भी है।
उन्होंने आगे कहा कि हम केंद्र सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने और पंजाब के लोगों के अधिकारों का सम्मान करने की अपील करते हैं।
इस घटनाक्रम ने पंजाब के नेताओं और नागरिकों के बीच बड़ी बेचैनी पैदा कर दी है, और हर कोई इसे चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकारों को जानबूझकर कमजोर करने की कोशिश के रूप में देख रहा है। पंजाब सरकार हमेशा इस बात पर जोर देती रही है कि चंडीगढ़ राज्य का अभिन्न हिस्सा है, और इसके प्रशासन से संबंधित कोई भी निर्णय राज्य सरकार से परामर्श कर लिया जाना चाहिए।