*कहा ,गायों के संरक्षण के लिए उठाए जा रहे बड़े कदम*
चंडीगढ़ , 7 जनवरी -हरियाणा के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने गौ सेवा और पशुधन के संरक्षण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कई नई योजनाओं की घोषणा की। पंचकूला में आयोजित गौ सेवा सम्मान समारोह में उन्होंने गौशालाओं के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार गौवंश संरक्षण और पशुपालन क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति कर रही है। उन्होंने गौवंश के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार गायों के संरक्षण, कल्याण और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
श्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि गाय हमारे सांस्कृतिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। गाय का दूध डायबिटीज और हृदय रोगों जैसी गंभीर बीमारियों में लाभकारी सिद्ध हुआ है। उन्होंने राज्य के पशुपालकों और किसानों की मेहनत की सराहना करते हुए बताया कि हरियाणा में वार्षिक दूध उत्पादन 122 लाख टन तक पहुंच गया है। प्रति व्यक्ति, प्रतिदिन 1105 ग्राम दूध उपलब्धता के साथ हरियाणा देश में तीसरे स्थान पर है, जबकि राष्ट्रीय औसत केवल 471 ग्राम है।
हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने पशुओं को मुंह खुर और गलघोटू जैसी बीमारियों से बचाने के लिए संयुक्त वैक्सीन अपनाई है। इसके अलावा, राज्य ने 2030 तक ब्रूसैला रोग को खत्म करने के लिए एक विशेष अभियान भी शुरू किया है।
पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना के तहत बड़े पशुओं का बीमा मात्र ₹100 से ₹300 और छोटे पशुओं का ₹25 में किया जा रहा है। अनुसूचित जाति के पशुपालकों के लिए यह बीमा मुफ्त है। राज्य सरकार हरियाणा, साहीवाल और बेलाही जैसी देशी नस्लों के संरक्षण के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि बेहतरीन नस्ल वाली गायों के लिए ₹20,000 तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, क्योंकि ये नस्लें राज्य की जलवायु के अनुकूल और रोग प्रतिरोधक क्षमता में बेहतर हैं।
गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए पंचकूला के सुखदर्शनपुर में हरियाणा गौवंश अनुसंधान केंद्र स्थापित किया गया है। यहां गाय के गोबर और मूत्र से जैविक पेंट, हवन सामग्री, गमले, ईंटें, और दीये जैसे उत्पाद बनाए जा रहे हैं। इन उत्पादों के निर्माण के लिए सरकार अनुदान भी देती है।
पशुपालन मंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 में जहां राज्य में केवल 215 पंजीकृत गौशालाएं थीं, वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 683 हो गई है। इन गौशालाओं में 4.5 लाख बेसहारा गौवंश का संरक्षण किया जा रहा है। वर्ष 2024-25 के बजट में हरियाणा गौ सेवा आयोग के लिए ₹510 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो 2014-15 के मात्र ₹2 करोड़ के मुकाबले काफी अधिक है।
उन्होंने कहा कि गाय का गोबर और गोमूत्र जैविक खेती के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। गोबर से तैयार वर्मी कम्पोस्ट रासायनिक खादों का उत्कृष्ट विकल्प है, जो मिट्टी की उर्वरता और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
श्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि हरियाणा में गौ-वंश संरक्षण व गौसंवर्धन अधिनियम-2015 के तहत गौ हत्या पर 10 साल की सजा और ₹1 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने गौशाला प्रतिनिधियों से भी अनुरोध किया कि वे राज्य सरकार के ‘बेसहारा गौवंश मुक्त हरियाणा अभियान’ को सफल बनाने में सहयोग करें।