सिटी दर्पण
इंफाल, 17 नवंबर: मणिपुर में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। दरअसल हिंसा के मद्देनजर एनपीपी ने भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। जानकारी के मुताबिक एनपीपी ने राज्य में जारी हिंसा को रोकने लिए सीएम एन बीरेन सिंह की कोशिशों पर सवाल भी खड़े किए हैं। नेशनल पीपुल्स पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार को राज्य में लंबे समय से चल रही अशांति के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
एनपीपी ने जेपी नड्डा को लिखा पत्र
नेशनल पीपुल्स पार्टी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में लिखा- नेशनल पीपुल्स पार्टी मणिपुर राज्य में मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करना चाहती है। पिछले कुछ दिनों में, हमने स्थिति को और बिगड़ते देखा है, जहाँ कई निर्दोष लोगों की जान चली गई है और राज्य के लोग भारी पीड़ा से गुज़र रहे हैं। हमें दृढ़ता से लगता है कि सीएम बीरेन सिंह के नेतृत्व में मणिपुर राज्य सरकार संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रही है। वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर राज्य में बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस लेने का फैसला किया है।
राज्य में भाजपा सरकार पर नहीं पड़ेगा असर
मणिपुर में फिलहाल भाजपा नीत सरकार पर एनपीपी के समर्थन लेने के बाद भी कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि 60 विधानसभा सीट वाले राज्य में भाजपा के पास 37 सीटें हैं। इस तरह से भाजपा राज्य में बिना किसी समर्थन के सरकार चला सकती है, क्योंकि बहुमत के लिए भाजपा को किसी से समर्थन की जरूरत नहीं है। वहीं अन्य पार्टियों की बात करें तो इसमें नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच सीटें, एनपीपी सात, जनता दल (यू) एक, निर्दलीय उम्मीदवार तीन, कांग्रेस के पास पांच सीटें और कुकी पीपुल्स अलायंस के पास विधानसभा में दो सीटें हैं।
मणिपुर पर गृह मंत्री ने बुलाई अहम बैठक
पिछले कुछ दिनों से मणिपुर में रह-रहकर हिंसा की खबरें आ रही हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अफसरों के साथ मणिपुर की हालत को लेकर अहम बैठक भी की है। इस बैठक में अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की, इसके अलावा गृह मंत्री कल इस मुद्दे पर विस्तृत बैठक करेंगे।