पहली बार राज्य सरकार ने गरीबों में विश्वास जगाया कि वे सरकार का अभिन्न अंग हैं
सरकार श्रमिकों को उनके कार्यस्थल के नजदीक आवास उपलब्ध करवाने के लिए एक लाख नए मकान बनाएगी: राज्यपाल
चंडीगढ़, 13 नवंबर- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज 15वीं विधानसभा के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि गरीब से गरीब व्यक्ति का उत्थान सुनिश्चित करना वर्तमान राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर का मानना था कि किसी भी समाज की प्रगति निचले तबकों की प्रगति पर निर्भर है। समाज के सभी पिछडे़ और वंचित वर्गों के कल्याण-उत्थान के लिए हरियाणा सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं तथा उनके सेचुरेशन के कारण लाखों गरीबों को लाभ मिला है। इसमें अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग, हर समाज व हर क्षेत्र के परिवार शामिल हैं।
राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने पहली बार गरीब को यह अहसास करवाया है कि सरकार उसकी है और वह सरकार में है। पिछले 10 वर्षों में प्रदेश की उपलब्धियों और विकास का आधार गरीब का सशक्तिकरण रहा है। लास्ट माइल डिलीवरी पर फोकस ने इन वर्गों का जीवन बदल दिया है। वंचितों की सेवा का यह संकल्प ही सच्चा सामाजिक न्याय है। उन्होंने कहा कि वंचितों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने अनुसूचित जातियों के आरक्षण का दो वर्गों में वर्गीकरण लागू किया है। हैप्पी योजना के तहत प्रदेश के 84 लाख लोगों को प्रतिवर्ष 1000 किलोमीटर तक मुफ्त यात्रा सुविधा दी गई है।
श्रमिकों को उनके कार्यस्थल के निकट आवास उपलब्ध कराने के लिए सरकार एक लाख नए मकान बनाएगी: राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इसे सुनिश्चित करने के लिए एक कदम आगे बढ़ाते हुए श्रमिकों को उनके कार्यस्थल के निकट आवास उपलब्ध कराने के लिए एक लाख नए मकान बनाने की योजना तैयार की गई है।
उन्होंने कहा कि भारत देश में श्रमेव जयते में विश्वास किया जाता है। भारतीय संस्कृति में शिल्पियों व श्रमिकों के प्रति सदा से ही आदर का भाव रहा है। हरियाणा को भी विकास की दृष्टि से देश के अग्रणी राज्यों में लाने में मेहनतकश श्रमिकों का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की बेटी की शादी पर वित्तीय सहायता और कन्यादान योजना में 1 लाख 1 हजार रुपये प्रदान किए जाते हैं। अब बेटी के विवाह से तीन दिन पहले ही 75,000 रुपये की राशि देने की नई पहल की है। शेष 26,000 रुपये की राशि विवाह प्रमाण पत्र जमा कराने के बाद जारी की जाती है।