लोकसभा सदस्य ने पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट चुनावों के लिए उपराष्ट्रपति को पत्र लिखा
केंद्र द्वारा सुनियोजित साजिश के तहत पंजाब यूनिवर्सिटी को समाप्त करने की कोशिश
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने केंद्रीयकरण के खिलाफ भी लड़ी थी निर्णायक लड़ाई
चंडीगढ़, 8 नवंबर: सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने केंद्र सरकार द्वारा पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ को सुनियोजित साजिश के तहत समाप्त करने के निरंतर प्रयासों की निंदा करते हुए कहा कि इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मीत हेयर ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी के सम्मान को बनाए रखने के लिए हर मोर्चे पर संघर्ष जारी रहेगा।
संगरूर से लोकसभा सदस्य मीत हेयर ने पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट चुनावों को नहीं करवाने के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जो कि विश्वविद्यालय के चांसलर भी हैं, को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पूर्व में भी पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ को पंजाब से अलग करने के लिए विश्वविद्यालय के केंद्रीयकरण की चाल चली थी, जिसके खिलाफ मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने निर्णायक संघर्ष किया था और केंद्र को अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे। उस समय पंजाब विधानसभा में भी पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के केंद्रीयकरण के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया गया था।
मीत हेयर ने कहा कि अब फिर से विश्वविद्यालय को संचालित करने वाली सीनेट के चुनाव न करवाकर लोकतंत्र का गला दबाया जा रहा है। पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के मुद्दों पर राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मीत हेयर ने उपराष्ट्रपति से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है।
मीत हेयर ने उपराष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा, "पंजाब यूनिवर्सिटी हमारी विरासत है और इस पर किया जाने वाला कोई भी हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पंजाब यूनिवर्सिटी का इतिहास देश की आजादी से पहले का है, यह पंजाब का ताज है। इसलिए मैं निवेदन करता हूँ कि विश्वविद्यालय की सीनेट चुनाव तुरंत करवाए जाएं।"