मुख्यमंत्री ने रामचरितमानस की चौपाई ‘अवध तहाँ जहँ राम निवासू। तहँइँ दिवसु जहँ भानु प्रकासू।।’ से अपने सम्बोधन की शुरुआत की
यह वर्ष अयोध्या के लिए अद्भुत, अलौकिक, अनुपम तथा अद्वितीय, अयोध्या में श्रीरामलला के विराजमान होने के बाद यह पहला दीपोत्सव : मुख्यमंत्री
प्रभु श्रीराम ने पीड़ित और प्रताड़ित लोगों को यह सन्देष दिया है कि अपने पथ से कभी विचलित न हों, संघर्ष करें, उन्हें सफलता जरूर प्राप्त होगी
आज का यह अवसर उन सभी को स्मरण करने का है, जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया
वर्ष 2017 के बाद अयोध्या में विकास के अनेक कार्य हुए
31,000 करोड़ रु0 लागत की परियोजनाएं या तो पूरी हो चुकीं या उन पर युद्धस्तर पर कार्य चल रहा
सनातन धर्म के उत्थान तथा विकास और विरासत के सम्मान के प्रधानमंत्री जी के विजन को धरातल पर उतारने के लिए यह एक शुरुआत
अब अयोध्या को अपने आपको साबित करने की बारी, माँ सीता की अग्नि परीक्षा बार-बार नहीं होनी चाहिए
हजारों वर्ष पहले भगवान श्रीराम पुष्पक विमान से अयोध्या आए थे, उसके बाद से यहां फिर कोई विमान नहीं उतर पाया था, प्रधानमंत्री जी के संकल्प से अयोध्या इस अभिषाप से मुक्त हुई, यहां इण्टरनेषनल एयरपोर्ट बना
आज अयोध्या में प्रतिदिन औसतन 01 लाख श्रद्धालु आ रहे
जिस प्रकार हमारी सरकार ने उत्तर प्रदेष को माफिया से मुक्त करके इसे एक सुरक्षित प्रदेष बनाया, उसी प्रकार हम अयोध्या के मूल स्वरूप
को छेड़े बगैर विकास के मार्ग से सभी बैरियर हटा रहे
सनातन धर्म ने कभी किसी का अहित नहीं किया, बल्कि सबको गले लगाया
प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2014 में देष में रामराज्य के अनुसार शासन व्यवस्था का संचालन प्रारम्भ किया
उ0प्र0, देष की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य, यहां की 25 करोड़ की आबादी आगे बढ़ेगी, तो देष भी आगे बढ़ेगा
उ0प्र0 में प्रभु की कृपा से विरासत का संरक्षण करते हुए विकास की गंगा निरन्तर बहती रहेगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उ0प्र0 में अनुषासन का राज्य तथा विकास की गति और प्रगति की पटकथा लिखी गई : केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री
पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार के प्रयासों से भारत की पहचान पूरे विष्वभर में बढ़ी, दुनिया का भारत की ओर देखने का नजरिया बदला
8वां दीपोत्सव हम सबके लिए संकल्प का दिन है कि भगवान श्रीराम के सुषासन को वापस स्थापित करें
मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में वर्ष 2017 के बाद से अयोध्या में हजारों करोड़ रु0 की परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर विकास कार्य कराया गया : उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक
प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व व मार्गदर्षन में भारत विष्व गुरु तथा विकसित और श्रेष्ठ भारत के रूप में स्थापित होगा : पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री, उ0प्र0
उ0प्र0 टूरिज्म मोबाइल ऐप का लोकार्पण, अयोध्या के महापौर की पुस्तक ‘हृदय में राम’ का विमोचन
दीपोत्सव-2024 के अवसर पर भगवान श्रीराम के आदर्श एवं जीवन दर्शन तथा विभिन्न सामाजिक विषयों से जुड़ी झांकियों सहित भव्य ‘शोभा यात्रा’ का आयोजन
लखनऊ, 30 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद अयोध्या के रामकथा पार्क में दीपावली के अवसर पर आयोजित 8वें दीपोत्सव में भगवान श्रीराम के स्वरूप का राज्याभिषेक किया।
मुख्यमंत्री जी ने ‘अवध तहाँ जहँ राम निवासू। तहँइँ दिवसु जहँ भानु प्रकासू।।’ जौं पै सीय रामु बन जाहीं, अवध तुम्हार काजु कछु नाहीं।।’ से अपने सम्बोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि यह दीपोत्सव का 8वां संस्करण है। यह हमारे लिए अत्यन्त आह्लादित करने वाला क्षण है। दीपोत्सव के प्रथम आयोजन में सन्तों तथा भक्तों का एक ही नारा था कि ‘योगी जी एक काम करो, मन्दिर का निर्माण करो।’ हमने उस समय कहा था कि सनातन धर्म के विष्वास और प्रभु श्रीराम की कृपा से यह कार्य अवष्य होगा। 500 वर्षों के बाद प्रभु श्रीराम अपनी धरा-धाम पर अपने काज को पूरा करने के लिए अपनी कृपा अवष्य बरसाएंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 05 अगस्त, 2020 को अयोध्याधाम में आकर श्रीराम मन्दिर की आधारषिला रखी। उस समय दुनिया कोरोना महामारी से पस्त थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह वर्ष अयोध्या के लिए अद्भुत, अलौकिक, अनुपम तथा अद्वितीय है। 22 जनवरी, 2024 को 500 वर्षों के इंतजार के बाद श्रीरामलला फिर से अपने धाम में अपनी जन्मभूमि में विराजमान हुए हैं। प्रभु श्रीराम ने पीड़ित और प्रताड़ित लोगों को यह सन्देष दिया है कि अपने पथ से कभी विचलित न हों, संघर्ष करें, उन्हें सफलता जरूर प्राप्त होगी। आज का यह अवसर उन सभी को स्मरण करने का है, जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। लगभग साढ़े तीन लाख की संख्या में पूज्य सन्तों और हुतात्माआें ने अपनी शहादत दी। अयोध्या में श्रीरामलला के विराजमान होने के बाद यह पहला दीपोत्सव है। हमने जो कहा, वह करके भी दिखाया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन सरकार जो बोलती है, वह करके दिखाती है। वर्ष 2017 के पहले अयोध्या जी में बिजली नहीं मिलती थी। यहां की सड़कों, घाटों, मठ तथा मन्दिरों की स्थिति खराब थी। उस समय भगवान श्रीराम और सनातन धर्म के अस्तित्व पर प्रष्नचिन्ह् खड़ा किया गया था। लेकिन हमारी सदाषयता को हमारी कायरता नहीं समझा जाना चाहिए। वर्ष 2017 के बाद अयोध्या में विकास के अनेक कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री जी और स्वयं मैंने अयोध्या को दुनिया की सुन्दरतम नगरी बनाने की बात कही थी। आज अयोध्या नगरी चमक रही है और दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। यहां 31,000 करोड़ रुपये लागत की परियोजनाएं या तो पूरी हो चुकी हैं या उन पर युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। सनातन धर्म के उत्थान तथा विकास और विरासत के सम्मान के प्रधानमंत्री जी के विजन को धरातल पर उतारने के लिए यह एक शुरुआत है। आज हमारी काषी चमक रही है। दुनिया भव्य और दिव्य काषी के दर्षन कर रही है। विगत 22 व 23 जनवरी को श्रीरामलला के दर्षन करने आए श्रद्धालुओं की आंखों में खुषी के आंसू हमने देखे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अब अयोध्या को अपने आपको साबित करने की बारी है। माँ सीता की अग्नि परीक्षा बार-बार नहीं होनी चाहिए। हमें इस अभिषाप से बाहर निकलना ही होगा। अयोध्या को दिव्य और भव्य स्वरूप देना होगा। इसके लिए अयोध्याधाम को आगे आना होगा। आज अयोध्याधाम में धर्म पथ, भक्ति पथ, राम पथ तथा जन्मभूमि पथ के नाम से 4-लेन की सड़कें हैं। यहां फ्लाईओवर बने हैं। राम जी की पैड़ी आज हरिद्वार की हर की पैड़ी की भांति विकसित हुई है। यहां एक ओर से जल आता है और दूसरी ओर से निकल जाता है। अयोध्या को देष की पहली सोलर सिटी बना दिया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हजारों वर्ष पहले भगवान श्रीराम पुष्पक विमान से अयोध्या आए थे। उसके बाद से यहां फिर कोई विमान नहीं उतर पाया था। प्रधानमंत्री जी के संकल्प से अयोध्या इस अभिषाप से भी मुक्त हुई। यहां इण्टरनेषनल एयरपोर्ट बना और पूरे देष की कनेक्टिविटी अयोध्या से जुड़ी। कुछ लोगों ने एयरपोर्ट के निर्माण और अयोध्या में सड़कों के चौड़ीकरण पर प्रष्नचिन्ह् खड़े किए। यदि यहां 4-लेन की सड़कें नहीं होती, तो हम यहां आने वाले सभी श्रद्धालुआेंं को सुरक्षित यात्रा और सुगम दर्षन नहीं करा पाते। हमने अयोध्या में विष्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज अयोध्या में प्रतिदिन औसतन 01 लाख श्रद्धालु आ रहे हैं। पीक सीजन में यह संख्या 05 लाख तथा कभी-कभी 35 लाख हो जाती है। जिस प्रकार हमारी सरकार ने उत्तर प्रदेष को माफिया से मुक्त करके इसे एक सुरक्षित प्रदेष बनाया है, उसी प्रकार हम अयोध्या के मूल स्वरूप को छेड़े बगैर विकास के मार्ग से सभी बैरियर हटा रहे हैं। कुछ लोग सनातन धर्म पर कुठाराघात करके भारत की आत्मा को लहू-लुहान करने का कार्य कर रहे हैं। यह लोग भारत में आतंकवाद और नक्सलवाद को भी बढ़ाना चाहते हैं। हमें सनातन धर्म के मार्ग के बैरियर भी हटाने हैं। सनातन धर्म ने कभी किसी का अहित नहीं किया, बल्कि सबको गले लगाया। सनातन धर्म ने दुनिया की सभी जातियों, मतों, सम्प्रदायों को विपत्ति के समय शरण दी तथा उन्हें आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया। हम तब तक विश्राम नहीं लेंगे, जब तक सनातन धर्म के मार्ग में आने वाली बाधाओं को समाप्त न कर दें। ‘राम काज कीन्हे बिनु, मोहि कहां विश्राम।’
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज अयोध्या में सभी खुष हैं। ‘दीपोत्सव’ अयोध्या की ही देन है। त्रेतायुग में इसकी शुरुआत यहीं से हुई थी। इसी स्मृति को जीवन्त बनाए रखने के लिए हमने दीपोत्सव के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है। तुलसीदास जी ने कहा है कि ‘अवधपुरी प्रभु आवत जानी, भई सकल सोभा कै खानी।’ 22 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से जब अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला विराजमान हुए, उस समय अयोध्या इसी प्रकार जगमगा रही थी। इसके माध्यम से भारत ने अपने लोकतंत्र की ताकत का अहसास दुनिया को कराया है। न्यायपालिका के फैसले को एक मजबूत सरकार किस प्रकार मजबूत, षान्तिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से धरातल पर उतारती है, अयोध्या में श्रीराम मन्दिर का निर्माण और श्रीरामलला का विराजमान होना, इसका अप्रतिम उदाहरण है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने अवधपुरी के बारे में कहा है कि ‘जद्यपि सब बैकुण्ठ बखाना, बेद-पुरान बिदित जगु जाना। अवधपुरी सम प्रिय नहिं सोऊ, यह प्रसंग जानइ कोउ कोऊ।।’ अर्थात सबने बैकुण्ठ की बहुत बड़ाई की है। वेद पुराणों में यह प्रसिद्ध है। दुनिया भी इसे जानती है। परन्तु अवधपुरी के समान मुझे (श्रीराम जी को) वह भी प्रिय नहीं है। यह बात बिरले ही जानते हैं। प्रभु श्रीराम फिर कहते हैं ‘जनमभूमि मम पुरी सुहावनि, उत्तर दिसि बह सरजू पावनि।’ क्योंकि यह सुहावनी पुरी मेरी जन्मभूमि है। यह रामचरितमानस में कहा गया है। ‘अति प्रिय मोहि इहाँ के बासी, मम धामदा पुरी सुख रासी।’ अब तक अयोध्या में श्रीरामलला विराजमान हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2014 में देष में रामराज्य के अनुसार शासन व्यवस्था का संचालन प्रारम्भ किया। कल ही प्रधानमंत्री जी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 वर्ष तक की आयु के प्रत्येक बुजुर्ग के लिए 05 लाख रुपये की स्वास्थ्य बीमा की व्यवस्था शुरू की है। अब ऐसे बुजुर्ग कहीं भी इम्पैनल्ड हॉस्पिटल से अपना उपचार करा सकते हैं। वर्ष 2014 के बाद से देष में बहुत परिवर्तन हुए हैं। देष में 04 करोड़ गरीबों के मकान बन रहे हैं। 12 करोड़ गरीबों के घर में शौचालय बनाए गए हैं। 10 करोड़ गरीबों को निःषुल्क गैस कनेक्षन दिए गए हैं। 50 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष 05 लाख रुपये स्वास्थ्य बीमा का कवर मिल रहा है। कोरोना कालखण्ड में 80 करोड़ लोगों के लिए शुरू की गई निःषुल्क राषन की सुविधा आज भी संचालित है। इन योजनाओं का लाभ सभी को बिना किसी भेदभाव के मिल रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ का यह भाव रामचरितमानस में भी दिखायी देता है। भगवान श्रीराम के राजगद्दी पर बैठने के प्रसंग में कहा गया कि ‘दैहिक दैविक भौतिक तापा, राम राज नहिं काहूहि ब्यापा। सब नर करहिं परस्पर प्रीती, चलहि स्वधर्म निरत श्रुति नीती।’ आज इसी तर्ज पर भारत भी चल रहा है। देष में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना विरासत तथा विकास का अद्भुत संगम है। उत्तर प्रदेष, देष की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। यहां की 25 करोड़ की आबादी आगे बढ़ेगी, तो देष भी आगे बढ़ेगा और भारत भी आगे बढ़ेगा। विरासत और विकास के इस अद्भुत समन्वय के लिए ही हमारे प्रयास प्रारम्भ हुए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज काषी, अयोध्या, मथुरा-वृन्दावन, बरसाना, कुषीनगर, श्रावस्ती, कपिलवस्तु, संकिसा तथा कौषाम्बी में विरासत का संरक्षण करते हुए विकास के कार्य निरन्तर आगे बढ़ रहे हैं। यह योजना जारी रहेगी। नैमिषारण्य में वैदिक ज्ञान को लिपिबद्ध करने का कार्य हुआ। 88,000 ऋषियों ने कई वर्षों की साधना के बाद यह कार्य किया। डबल इंजन सरकार आज नैमिषारण्य के विकास के लिए भी कार्य कर रही है। कोई भी भागवतकार तब तक कथाव्यास नहीं बन सकता, जब तक वह शुकतीर्थ में अपनी कथा का वाचन न कर ले। हमारी सरकार शुकतीर्थ का विकास भी कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के तहत अविरल व निर्मल गंगा के कार्य हो रहे हैं। हर घर नल योजना से घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य, षिक्षा, विकास, रोजगार और सुरक्षा के लिए कार्य हो रहे हैं। प्रदेष में कानून-व्यवस्था की सुदृढ़ स्थिति है। यह एक शुरुआत है। प्रधानमंत्री जी ने इसे मंजिल तक पहुंचाने के लिए हमें एक लक्ष्य दिया है। वर्ष 2047 में जब देष अपनी आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, तब हमें कैसा भारत चाहिए। जैसी आज अयोध्या है, वैसी ही काषी और मथुरा भी दिखनी चाहिए। सर्वत्र विकास हो। किसी भी प्रकार के दुःख और दरिद्रता के लिए जगह न हो। नया भारत इस दिषा में मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिस दीपोत्सव के कार्यक्रम को कोरोना जैसी महामारी भी नहीं रोक पायी। प्रभु की लीला से इस वर्ष भी यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस वर्ष श्रंग्वेरपुर में भी यह कार्य आयोजित होने जा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री श्री केषव प्रसाद मौर्य भगवान श्रीराम को श्रंग्वेरपुर से यहां लाए और भरत मिलाप कार्यक्रम के पष्चात पुनः श्रंग्वेरपुर चले गए। श्रंग्वेरपुर भगवान श्रीराम और निषादराज के मिलन की स्थली है। अयोध्या में निषादराज के नाम पर रैनबसेरे का निर्माण हुआ है। यहां के एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2025 में प्रयागराज महाकुम्भ का आयोजन है। यहां करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। इन श्रद्धालुओं के आतिथ्य के लिए अयोध्याधाम को अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करना है। विकास और विरासत के संरक्षण का जो कार्य प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ है, वह उत्तर प्रदेष में रुकेगा नहीं, डिगेगा नहीं। उत्तर प्रदेष में प्रभु की कृपा से विरासत का संरक्षण करते हुए विकास की गंगा निरन्तर बहती रहेगी। मुख्यमंत्री जी ने सभी को दीपोत्सव और दीपावली की बधाई देते हुए प्रार्थना की कि प्रभु श्रीराम सभी व्यक्तिगत, सार्वजनिक व पारिवारिक जीवन में समृद्धि लाएं। हम सभी निरन्तर दीपोत्सव के आयोजन से जुड़ते रहें।
इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेष में अनुषासन का राज्य तथा विकास की गति और प्रगति की पटकथा लिखी गई है। अयोध्या में प्रतिवर्ष आयोजित हो रहे दीपोत्सव में उनके नेतृत्व में नई परिभाषा गढ़ी जा रही है। भारत की संस्कृति को पूरे विष्व के पटल पर आलोकित करने के नए कीर्तिमान रचे जा रहे हैं। आज आयोजित 8वें दीपोत्सव में 28 लाख दीयों को एक साथ प्रकाषमान कर नया कीर्तिमान रचा जाने वाला है। उन्होंने भरोसा जताया कि इन दीपों से उत्सर्जित होने वाला प्रकाष निष्चित रूप से भारत के लिए एक नयी दिषा, एक नयी चेतना का प्रवाह करेगा। भारत के 140 करोड़ लोगों के मन-मस्तिष्क में, बुद्धि में, जीवन में प्रकाष संचारित कर उन्हें आगे बढ़कर भारत को विकसित बनाने की प्रेरणा देगा।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि लंका विजय के बाद भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन के अवसर पर दीपावली का आयोजन किया जाता है। 500 वर्षों बाद प्रभु श्रीरामलला अपने महल में विराजित हुए हैं। ऐसे में इस बार अयोध्या की दीपावली और अधिक प्रासंगिक हो गई है। 500 साल पहले बाबर के सेनापति मीरबाकी ने भगवान श्रीराम मन्दिर को ध्वस्त किया था। उससे पहले 2000 वर्ष का भारत का इतिहास है। भारत की महान संस्कृति, सभ्यता, ऐष्वर्य, सम्पदा, विकास, ज्ञान-विज्ञान से आकर्षित होकर हजारों लोग भारत में आए। भारत को जानने-पहचानने के लिए आने वाले असंख्य लोगों के पदचिन्ह् भारत के कोने-कोने में मिलते हैं। लेकिन कुछ ने ईर्ष्या, डाह तथा कुछ ने भारत की बौद्धिक सम्पदा को नष्ट करने, यहां की अर्थसम्पदा को लूटने के लिए आक्रमण किए। चंगेज खाँ से लेकर मुगल सल्तनत तक लगातार आक्रमण हुए। उसके बाद भारत में डच, फ्रांसीसी, पुर्तगाली, ब्रिटिष आए। सबने सनातन व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने का प्रयास किया। भारत में भगवा वेष धारण कर सनातन परम्परा को प्रवाहमान करने के लिए सन्त परम्परा थी। इस सन्त परम्परा ने भारत की सनातन परम्परा को अक्षुण्ण बनाए रखा। उन्होंने इसके लिए सन्त परम्परा के वाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी सहित कार्यक्रम में उपस्थित साधु-सन्तों को प्रणाम करते हुए अभिनन्दन किया।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 500 साल पहले जब भगवान श्रीराम का मन्दिर तोड़ा गया, उससे पहले सनातन के मान बिन्दुओं की रक्षा के लिए अनेकों लोगों ने अपना जीवन समर्पित किया। लेकिन सन् 1528 में मीरबाकी के भगवान श्रीराम के मन्दिर को तोड़ने से भारत के सौभाग्य का सूर्य अस्त हो गया। तब से लेकर निरन्तर हम पतन की ओर चलते हुए उस स्थान पर आ गए थे कि विष्व में हमारी पहचान धूल-धूसरित हो गई थी। भारत के सौभाग्य का सूर्य भगवान श्रीरामलला के मन्दिर में प्राण-प्रतिष्ठा के साथ फिर से ध्वजारोहण के साथ उदय हुआ।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार के प्रयासों से भारत की पहचान पूरे विष्वभर में बढ़ी। दुनिया का भारत की ओर देखने का नजरिया बदला। भारत ने जिस गति के साथ प्रगति की है, पूरा विष्व विषिष्ट दृष्टि से भारत की ओर देख रहा है। भारत के ज्ञान, ज्ञान परम्पराओं, संस्कृति, योग, आयुर्वेद, चिकित्सा व आयुष पद्धति, विज्ञान, दर्षन तथा सांस्कृतिक परम्पराओं की महत्ता पूरी दुनिया में पुनःस्थापित हो रही है।
भगवान श्रीराम के मन्दिर की स्थापना के बाद जब भारत के सौभाग्य का सूर्य पुनः उदित हो रहा है, हम सौभाग्यषाली हैं कि उस संकल्प के साथ प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देष को विकसित बनाने की दिषा में अग्रसर है। 8वां दीपोत्सव हम सबके लिए संकल्प का दिन है कि भगवान श्रीराम के सुषासन को वापस स्थापित करें। भगवान श्रीराम के आदर्षों का शासन स्थापित करें। इस देष को विष्व का सबसे शक्तिषाली, सम्पन्न और सामर्थ्यषाली देष बनाएं। उन्होंने कहा कि भारत की शक्ति और सामर्थ्य का उद्देष्य विष्व कल्याण है। विष्व कल्याण के लिए जो यह प्रयाण है, यह निष्चित रूप से भारत को विष्व गुरु के रूप में प्रतिष्ठापित करेगा।
उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि 500 वर्षों की तपस्या के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीराम मन्दिर निर्माण के बाद यह पहला दीपोत्सव है। उन्होंने भव्य व दिव्य मन्दिर स्थापना के लिए प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार जताया तथा अयोध्या और उत्तर प्रदेषवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में वर्ष 2017 के बाद से अयोध्या में हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर विकास कार्य कराया गया है।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के मन्दिर के निर्माण के बाद प्रथम दीपोत्सव में सभी को स्वागत करते हुए कहा कि तमाम बाधाओं को दूर कर भव्य और अलौकिक प्रभु श्रीराम मन्दिर के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री जी तथा मुख्यमंत्री जी को बधाई। हम सभी सौभाग्यषाली हैं कि यह क्षण हम सबके जीवन में आया। अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव में प्रतिवर्ष दीप प्रज्ज्वलन का रिकॉर्ड स्थापित किया गया है। इस बार भी 28 लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलित कर विष्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा। उन्होंने विष्वास जताया कि प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व व मार्गदर्षन में भारत विष्व गुरु तथा विकसित और श्रेष्ठ भारत के रूप में स्थापित होगा। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेष, देष की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनेगा। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में विगत 07 वर्षों में उत्तर प्रदेष की छवि बदली है तथा उत्तर प्रदेष में देष व दुनिया के निवेषकों को भरोसा बढ़ा है।
इसके पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने भगवान श्रीराम के आदर्श, जीवन दर्शन तथा विभिन्न सामाजिक विषयों से जुड़ी झांकियों सहित शोभा यात्रा का अवलोकन किया। हेलीकॉप्टर से प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के स्वरूपों का अवतरण हुआ, जिनका प्रदेश के मुख्यमंत्री जी, केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री, उप मुख्यमंत्रीद्वय तथा विशिष्ट महानुभाव ने स्वागत किया। यहीं पर भरत मिलाप का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री जी सहित अन्य विशिष्ट महानुभाव प्रभु श्रीराम का रथ खींचकर रामकथा पार्क के मंच तक लाये। प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के स्वरूप के मंच पर आने पर मुख्यमंत्री जी, केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री, उप मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रिगण तथा साधु-सन्तों ने पूजन-वन्दन एवं आरती की। इस अवसर पर हेलीकॉप्टर द्वारा पुष्प वर्षा का मनमोहक दृश्य प्रस्तुत किया गया, जिससे उपस्थित जनसमुदाय आह्लादित हुआ। कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेष टूरिज्म मोबाइल ऐप का लोकार्पण तथा अयोध्या के महापौर श्री गिरीषपति त्रिपाठी द्वारा रचित पुस्तक ‘हृदय में राम’ का विमोचन किया गया।
दीपोत्सव-2024 के अवसर पर अयोध्या में आज प्रातः सर्वप्रथम भगवान श्रीराम के आदर्श एवं जीवन दर्शन तथा विभिन्न सामाजिक विषयों से जुड़ी झांकियों सहित भव्य ‘शोभा यात्रा’ का आयोजन किया गया। प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने ‘शोभा यात्रा’ का शुभारम्भ झण्डी दिखाकर किया। यह मनोरम शोभा यात्रा साकेत महाविद्यालय से प्रारम्भ होकर अयोध्या के मुख्य मार्गों से होते हुए रामकथा पार्क में सम्पन्न हुई।
‘शोभा यात्रा’ में 11 झांकियां प्रस्तुत की गईं। इनमें (1) पुत्रेष्टि यज्ञ सबको सुरक्षा एवं भयमुक्त समाज (2) गुरुकुल शिक्षा एवं बच्चों को शिक्षा का अधिकार, (3) राम-सीता विवाह एवं बेटियों के विवाह हेतु सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्था, (4) अहिल्या उद्धार एवं मिशन शक्ति, नारी सुरक्षा, नारी सम्मान, नारी स्वावलम्बन, 1090 एवं 1076 की सुविधा, (5) पंचवटी/वन एवं पर्यावरण, (6) रामेश्वरम सेतु एवं उ0प्र0 में पुलों का निर्माण, (7) पुष्पक विमान एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी, बेहतर वायु कनेक्टिविटी, (8) केवट प्रसंग एवं समाज कल्याण, (9) राम दरबार एवं बेहतर कानून व्यवस्था, (10) शबरी-राम मिलन एवं महिला कल्याण तथा (11) लंका दहन एवं अपराधियों एवं भू-माफियाओं के विरुद्ध अभियान दीपोत्सव में प्रमुख रूप से शामिल रहीं। शोभा यात्रा में विभिन्न कलाकारों ने प्रतिभाग किया।
इसके अलावा, पर्यटन विभाग की भी झांकियां शामिल रहीं। झांकियों का भारी जनसैलाब ने अभिवादन तथा अवलोकन किया और कलाकारों तथा झांकियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। झांकियों का संयोजन व प्रदर्शन प्रदेश के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग तथा पर्यटन विभाग द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री श्री केषव प्रसाद मौर्य, कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, जल षक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री श्री सतीष चन्द्र शर्मा, अयोध्या के महापौर श्री गिरीषपति त्रिपाठी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, साधु-सन्तगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा श्रद्धालु उपस्थित थे।