वर्ष 2025 में आयोजित होने जा रहा प्रयागराज महाकुम्भ अब तक के सभी कुम्भ पर्वों के सापेक्ष कहीं अधिक दिव्य और भव्य होगा: मुख्यमंत्री
मानवता की यह अमूर्त सांस्कृतिक विरासत पूरी दुनिया को सनातन भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परम्परा, विविधतापूर्ण सामाजिक परिवेश और लोक आस्था का साक्षात्कार कराएगी
पवित्र स्थलों में जारी पर्यटन विकास कार्यों को प्रत्येक दशा में आगामी 30 नवम्बर तक पूरे कर लिए जाएं
महाकुम्भ में हर श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा जी में स्नान सुलभ हो, इसके लिए राज्य सरकार संकल्पित
नैमिषारण्य के समग्र विकास के उद्देश्य से राज्य सरकार ने श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद का गठन किया
नैमिषारण्य धाम में यथाशीघ्र वेद विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाएगी, इस सम्बन्ध में बजटीय प्रावधान भी किया गया
मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में तैयार प्रयागराज महाकुम्भ आयोजन की कार्ययोजना समग्रता लिए हुए, इसमें वह सभी अवयव हैं, जो किसी वैश्विक आयोजन की भव्यता और सफलता के लिए आवश्यक: केन्द्रीय मंत्री
महाकुम्भ जैसे वृहद आयोजन पर होलिस्टिक अप्रोच के साथ कार्य किया जाना चाहिए
महाकुम्भ-2025 उ0प्र0 के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का बड़ा अवसर
महाकुम्भ में विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए एप तैयार किया जाएं, साइनेज पर बारकोड भी लगाया जाए, जिसे स्कैन करके पर्यटक संबंधित स्थल की जानकारी तथा मेला क्षेत्र में विविध लोकेशन की जानकारी पा सकें
पुलिस हेल्पलाइन के लिए महाकुम्भ एप में वन टच हेल्प की व्यवस्था सुविधाजनक हो
देश के सभी एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन एवं प्रमुख स्थलों पर महाकुम्भ के एप के क्यू0आर0 कोड को प्रदर्शित किया जाए
मेला क्षेत्र में होने वाले विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और पर्यटन विभाग उ0प्र0, दोनों के परस्पर समन्वय से आयोजित हों
उ0प्र0 के संस्कृति विभाग और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक समिति का गठन किया जाना चाहिए
लखनऊ, 29 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर केन्द्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ प्रयागराज महाकुम्भ-2025, अयोध्याधाम के विकास तथा नैमिषारण्य धाम में पर्यटन विकास के सम्बन्ध में जारी और प्रस्तावित परियोजनाओं की समीक्षा की। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्य सचिव एवं विभिन्न विभागीय अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव ने अपने-अपने विभाग से संबंधित परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 12 वर्षों के अन्तराल के उपरान्त वर्ष 2025 में आयोजित होने जा रहा प्रयागराज महाकुम्भ अब तक के सभी कुम्भ पर्वों के सापेक्ष कहीं अधिक दिव्य और भव्य होगा। मानवता की यह अमूर्त सांस्कृतिक विरासत पूरी दुनिया को सनातन भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परम्परा, विविधतापूर्ण सामाजिक परिवेश और लोक आस्था का साक्षात्कार कराएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2019 कुम्भ में कुल 5,721 संस्थाओं का सहयोग लिया गया था, जबकि महाकुम्भ-2025 में लगभग 10 हजार संस्थाएं एक उद्देश्य के साथ कार्य कर रही हैं। 4,000 हेक्टेयर में विस्तीर्ण 25 सेक्टरों में बंटे महाकुम्भ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। 12 कि0मी0 लम्बाई के घाट, 1850 हेक्टेयर में पार्किंग, 450 किमी चकर्ड प्लेट, 30 पांटून पुल, 67 हजार स्ट्रीट लाइट, 1,50,000 शौचालय, 1,50,000 टेंट के साथ ही 25 हजार से अधिक पब्लिक एकोमडेशन की व्यवस्था की जा रही है। पौष पूर्णिमा, मकर संक्रान्ति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के विशेष स्नान पर्व पर सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने हनुमान मंदिर कॉरिडोर, अक्षयवट पातालपुरी, सरस्वती कूप, भारद्वाज आश्रम, द्वादश माधव मंदिर, शिवालय पार्क, दशाश्वमेध मंदिर, नागवासुकी मंदिर जैसे पवित्र स्थलों में जारी पर्यटन विकास कार्यों से केंद्रीय मंत्री को अवगत कराते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सभी कार्य प्रत्येक दशा में आगामी 30 नवम्बर तक पूरे कर लिए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ में हर श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा जी में स्नान सुलभ हो, इसके लिए राज्य सरकार संकल्पित हैं। नदी में जीरो डिस्चार्ज सुनिश्चित किया जा रहा है।
प्रयागराज महाकुम्भ-2025 की कार्ययोजना का अवलोकन करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में तैयार प्रयागराज महाकुम्भ आयोजन की कार्ययोजना समग्रता लिए हुए है। इसमें वह सभी अवयव हैं, जो किसी वैश्विक आयोजन की भव्यता और सफलता के लिए आवश्यक हैं। नगर विकास, सिंचाई, एन0एच0ए0आई0, पर्यटन, संस्कृति सहित सभी संबंधित विभागों की परियोजनाओं की बारी-बारी से प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि सभी कार्य समय से पूरे हो जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाकुम्भ जैसे वृहद आयोजन में चार बिंदु (सूचना, स्वच्छता, संचार और सुरक्षा) सबसे महत्वपूर्ण हैं, जिन पर होलिस्टिक अप्रोच के साथ कार्य किया जाना चाहिए। हर किसी को सही सूचना मिलना, पूरे क्षेत्र में बेहतर सैनिटेशन व्यवस्था होना, मजबूत संचार तंत्र का होना और सबकी सुरक्षा के लिए प्रबंध होना, महाकुम्भ को सफल आयोजन बनाने के मुख्य कारक बनेंगे।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि महाकुम्भ-2025 उत्तर प्रदेश के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का बड़ा अवसर है। महाकुम्भ में विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए एप तैयार किया जाए। साइनेज पर बारकोड भी लगाया जाए। जिसे स्कैन करके पर्यटक संबंधित स्थल की जानकारी तथा मेला क्षेत्र में विविध लोकेशन की जानकारी पा सकें। उन्होंने कहा कि पुलिस हेल्पलाइन के लिए महाकुम्भ एप में वन टच हेल्प की व्यवस्था सुविधाजनक हो। देश के सभी एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन एवं प्रमुख स्थलों पर महाकुम्भ के एप के क्यू0आर0 कोड को प्रदर्शित किया जाए।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि महाकुम्भ में आने वाले लोग प्रयागराज के अतिरिक्त अन्य पर्यटन स्थलों की ओर भी जाना चाहेंगे और उत्तर प्रदेश में इसके दृष्टिगत अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में पर्यटन विभाग द्वारा टूअर प्लान तैयार किया जाए। हमारा प्रयास हो कि प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण किन्तु अल्पज्ञात स्थलों का चिन्हांकन करते हुए इस ओर पर्यटकों को आकर्षित करने का भी प्रयास किया जाए। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री ने भारत सरकार के स्वदेश दर्शन योजना में उत्तर प्रदेश के नए पर्यटन स्थलों को जोड़ने की आवश्यकता बताई और कहा कि इस सम्बन्ध में प्रस्ताव यथाशीघ्र भेज दिया जाए। महाकुम्भ में पूरे भारत की संस्कृति का दर्शन हो, इसके लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय तैयारी कर रहा है। बेहतर आयोजन के लिए यह उचित होगा कि मेला क्षेत्र में होने वाले विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश, दोनों के परस्पर समन्वय से आयोजित हों। इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक समिति का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने महाकुम्भ में होने वाले हर सांस्कृतिक आयोजन के व्यापक प्रचार प्रसार के भी निर्देश दिए, साथ ही यह भी कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थल मेला क्षेत्र में ऐसी जगह हो जहां अधिकाधिक श्रद्धालु और पर्यटक आसानी से पहुंच सकें।
नैमिषारण्य पर्यटन विकास की परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 88 हजार ऋषियों की पावन तपःस्थली नैमिषारण्य के समग्र विकास के उद्देश्य से राज्य सरकार ने हाल ही में श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद का गठन किया है। यह वह स्थली है जहां हमारे ऋषियों ने सनातन ज्ञान को लिपिबद्ध करने का अनुपम कार्य किया था। राज्य सरकार यहां धार्मिक पर्यटन विकास की सभी संभावनाओं को प्रोत्साहित कर रही है। स्वदेश दर्शन-2 योजना के तहत इस पवित्र स्थल को सम्मिलित किया गया है। नैमिषधाम के पुनरुद्धार के बाद यहां देश-दुनिया से पर्यटकों/श्रद्धालुओं का आगमन तेजी से बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन आस्था को सम्मान और वैदिक ज्ञान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जनपद सीतापुर स्थित पावन नैमिषारण्य धाम में यथाशीघ्र वेद विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाएगी। इस सम्बन्ध में बजटीय प्रावधान भी किया गया है। वेद विज्ञान अध्ययन केन्द्र की स्थापना से वेदों एवं पुराणों में संरक्षित ज्ञान को आम जन के बीच ले जाने हेतु अध्ययन कार्य किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीमसार स्थित पर्यटक आवास गृह को पी0पी0पी0 मोड पर चलाने की योजना पर काम हो रहा है। इससे पर्यटकों को भी सुविधा होगी और राजस्व संग्रह भी हो सकेगा। उन्होंने कहा कि नैमिषारण्य-मिश्रिख में चक्रतीर्थ के प्रमुख प्रवेश द्वारों व अन्य द्वारों को कॉरीडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है। माँ ललिता देवी कॉम्प्लेक्स का निर्माण हो रहा है। एंट्रेंस पवेलियन, विजिटर फैसिलिटी सेंटर, आरती के लिए वेदियों का निर्माण, मिश्रिख में महादेव मंदिर और आश्रम परिसर में श्रद्धालु सुविधा विकास के कार्यों सहित तय परियोजना के सभी कार्य पर्यटन विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसी तरह, सीताकुण्ड का जीर्णोद्धार, यात्री भवन, पर्यटक आवास आदि निर्माण कार्य भी हो रहे हैं। पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यहां हेलीपोर्ट का भी निर्माण कराया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री जी ने निर्माण कार्यों को तय अवधि में पूरा किए जाने के निर्देश दिए।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने अयोध्याधाम विकास के लिए तैयार विजन डॉक्यूमेंट-2047 की प्रगति की समीक्षा भी की। ‘नव्य अयोध्या’ के लिए हो रहे कार्यों पर प्रसन्नता जताते हुए केंद्रीय मंत्री ने परियोजनाओं की समयबद्धता पर जोर दिया।
इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।