शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने कोर कमेटी का पुनर्गठन किया गया है। इस कमेटी से बागी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया गया है और पुराने व नए सहित कुल 23 सदस्य शामिल किए गए हैं। इसके अलावा चार एक्स ऑफिसियो विशेष आमंत्रित सदस्यों को भी कोर कमेटी में जगह दी गई है।शिअद के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि पार्टी की कोर कमेटी के प्रस्ताव के अनुसार कोर कमेटी का पुनर्गठन किया गया है। अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल को पुनर्गठन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
इससे पहले बागी नेताओं को हटाने के मकसद से 23 जुलाई को कोर कमेटी भंग करने का फैसला लिया गया था। इस तरह कोर कमेटी से जिन बागी नेताओं को हटाया गया है, उनमें प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जागीर कौर, सिकंदर सिंह मलूका, गुरप्रताप सिंह वड़ाला और सुखदेव सिंह ढींढसा आदि नेता शामिल है। इससे पहले इन नेताओं को पार्टी की अनुशासन कमेटी की तरफ से पार्टी से निष्कासित भी कर दिया गया था।
लोकसभा चुनाव के बाद जून माह में पुरानी कोर कमेटी की अंतिम बैठक हुई थी, जिसमें ये सभी बागी नेता शामिल थे। नई कोर कमेटी में दो नेताओं को शामिल किया गया है, जिसमें नरेश गुजराल और बलदेव सिंह खेहरा शामिल है। बलदेव सिंह खेहरा फिलौर से पूर्व विधायक रह चुके हैं, जबकि नरेश गुजराल पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। इनके अलावा जिन नेताओं को कोर कमेटी में शामिल किया गया है, उनमें हरजिंदर सिंह धामी, बलविंदर सिंह भूंदड़, गुलजार सिंह रणीके, जनमेजा सिंह सेखों, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, हीरा सिंह गाबड़िया, बिक्रम सिंह मजीठिया, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, अनिल जोशी, शरनजीत सिंह ढ़िल्लों, सोहन सिंह ठंडल, परमजीत सिंह सरना, मंजीत सिंह जीके, इकबाल सिंह झूंदा, प्रो. विरसा सिंह वल्टोहा, गुरबचन सिंह बब्बेहाली, डॉ. सुखविंदर सुक्खी, लखबीर सिंह लोधीनंगल, एनके शर्मा, मनतार सिंह बराड़ और हरमीत सिंह संधू शामिल हैं।
डॉ. चीमा ने बताया कि संसद में पार्टी के नेता, अध्यक्ष यूथ अकाली दल, अध्यक्ष स्त्री अकाली दल और अकाली दल की लीगल विंग के अध्यक्ष इसके एक्स ऑफिसियो सदस्य होंगें।
बता दें कि शिअद के बागी गुट की तरफ से पार्टी प्रधान सुखबीर बादल के इस्तीफे की मांग की जा रही थी। इसके अलावा बागी नेताओं की तरफ से शिरोमणि अकाली दल सुधार लहर भी शुरू की गई है। यही कारण है कि पार्टी की तरफ से पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता का हवाला देकर बागियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, जिनमें गुरप्रताप सिंह वडाला, बीबी जागीर कौर, प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा, परमिटर सिंह ढींढसा, सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, सुरिंदर सिंह ठेकेदार और चरनजीत सिंह बराड़ शामिल थे।