सिटी दर्पण
गुवाहाटी, 15 जुलाईः असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सीएए पर बड़ा बयान दिया है। सरमा ने कहा है कि 2015 के बाद आए लोगों को नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों के अनुसार निर्वासित किया जाएगा। उन्होंने कहा किअभी तक केवल दो लोगों ने आवेदन किया है। कोई भी व्यक्ति जो 2015 से पहले भारत आया है, उसे CAA के अनुसार नागरिकता के लिए आवेदन करने का पहला अधिकार है। सीएम ने कहा कि उन्होंने कहा कि अगर वे आवेदन नहीं करते हैं तो हम उनके लिए मामला दर्ज करेंगे। इसलिए यह एक वैधानिक निर्देश है। हम 2015 के बाद आए लोगों को निर्वासित करेंगे।
अब तक असम में 1971 से पहले के आठ लोगों ने CAA के तहत आवेदन किया है। इनमें केवल दो ही साक्षात्कार के लिए उपस्थित हुए हैं।
हिमंता बिस्वा सरमा, असम मुख्यमंत्री
इंटरव्यू को नहीं पहुंचे तीन
यह सरमा द्वारा मार्च में दिए गए उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि CAA पूरी तरह से महत्वहीन होगा क्योंकि राज्य में सबसे कम आवेदन होंगे। उन्होंने कहा कि अब तक केवल दो लोगों ने आवेदन किया है जो 2015 से पहले आए थे। पांच आवेदनों में से तीन सुनवाई में उपस्थित नहीं थे और केवल दो ने सीएए के लिए आवेदन किया है। मुख्यमंत्री की टिप्पणी केंद्र सरकार द्वारा सीएए के लिए नियमों की अधिसूचना के बाद आई है, जिसका उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करना है। ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) और 30 स्वदेशी संगठनों ने गुवाहाटी, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर सहित राज्य भर में कई स्थानों पर कानून की प्रतियां जलाकर सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।