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लेख

कोविसेल्फ : सेल्फ टेस्टिंग किट-फायदे और चुनौतियां दोनों ही: सुभाष गोयल, समाज सेवक एवं एम.डी.वर्धान आर्युवेदिक आर्गेनाइजेशन

June 02, 2021 08:22 PM

देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का कहर जारी है। कोरोना संक्रमण के कहर के बीच लोगों को कोरोना जांच कराने में दिक्कतें आ रहीं हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने  घर में ही कोविड जांच के लिए भारत के  पहले  स्व-परीक्षण (सेल्फ-टेस्टिंग) रैपिड एंटीजन टेस्ट -कोविसेल्फ किट को मंजूरी दे दी है। इस किट को पुणे स्थित मॉलिक्यूलर कंपनी मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशन्स ने विकसित किया है।इस जांच किट के जरिये अब कोई भी घर बैठे ही कोरोना संक्रमण की जांच कर सकता है। इस कोविसेल्फ किट के बाद अब लोग महज 250 रुपये खर्च कर घर पर ही कोविड टेस्ट कर सकते हैं। देश की सात लाख से ज्यादा फामेर्सी पर इस किट को उपलब्ध कराया जायेगा। मायलैब के अनुसार कोविसेल्फ किट देश की 7 लाख से ज्यादा दवा दुकानों पर मिलने लगेगा। इसके अलावा यह किट कंपनी के आनलाइन फामेर्सी पार्टनर के जरिए भी वितरित की जाएगी। कंपनी के प्रमुख सुजीत जैन के अनुसार कंपनी देश के 90 प्रतिशत इलाकों में इस किट को पहुंचाना चाहती है।
 दूसरी ओर आई सी एम आर जैव चिकित्सा अनुसंधान के निर्माण, समन्वय और प्रचार के लिये भारत में शीर्ष निकाय है तथा यह दुनिया के सबसे पुराने चिकित्सा अनुसंधान निकायों में से एक है।   रैपिड एंटीजन टेस्ट  उपयोग करने के 15 मिनट के भीतर परिणाम देता है। यह परीक्षण एक मोबाइल एप कोविसेल्फ के साथ समन्वित है, जो  आई सी एम आर  पोर्टल पर सकारात्मक मामले की रिपोर्ट को सीधे फीड करने में मदद करेगा। आई सी एम आर ने यह परीक्षण केवल उन लोगों को करने की सलाह दी है जिनमें लक्षण हैं या वे सकारात्मक रोगियों के उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के संपर्क में हैं और जिन्हें घर पर परीक्षण करने की आवश्यकता है।  इस परीक्षण के तहत फेरीवालों, शो मालिकों या यात्रियों के लिये सार्वजनिक स्थानों पर सामान्य स्क्रीनिंग की सलाह नहीं दी जाती है।
रैपिड एंटीजन टेस्ट  नाक से लिये गए स्वैब नमूने का एक परीक्षण है जो एंटीजन (शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रेरित करने वाले बाहरी पदार्थ) की पहचान करता है जो सार्स-कोव-2 वायरस पर या उसके भीतर पाए जाते हैं। यह एक प्वाइंट-आॅफ-केयर परीक्षण है, जिसका उपयोग पारंपरिक प्रयोगशाला प्रणाली के बाहर तत्काल नैदानिक परिणाम प्राप्त करने के लिये किया जाता है। आरटी-पीसीआर की तरह रैपिड एंटीजन टेस्ट भी शरीर द्वारा उत्पादित एंटीबॉडी के बजाय वायरस का पता लगाने का प्रयास करता है। जबकि इसकी प्रणाली भिन्न है, इन दोनों परीक्षण  के मध्य सबसे प्रमुख अंतर समय का है। आरटी-पीसीआर परीक्षण में आरएनए (राइबोन्यूक्लिक एसिड) को रोगी से एकत्र किये गए स्वैब से निकाला जाता है फिर इसे डीएनए (डीआॅक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) में परिवर्तित कर  दिया जाता है, जिसे बाद में परिवर्द्धित  किया जाता है। आरटी-पीसीआर परीक्षण में न्यूनतम 2-5 घंटे का समय लगता है, जबकि रैपिड एंटीजन टेस्ट में परीक्षण करने में अधिकतम 30 मिनट का समय लगता है। इस परीक्षण में स्वैब को त्वरित एकत्रित करना बहुत सरल होता  है और इससे परीक्षण पर होने वाले व्यय तथा लैब में अपॉइंटमेंट आदि का भार कम होता है।  कोविसेल्फ , प्रयोगशाला परीक्षण आर टी-पी सी आर और आर ए टी से सस्ता है। संक्रमण की जाँच के लिये किसी अस्पताल अथवा प्रयोगशाला में जाने या किसी तकनीशियन को घर पर बुलाने के बजाय किसी व्यक्ति द्वारा घर पर स्वयं ही अपनी जाँच करने से दूसरों में वायरस फैलने का जोखिम कम होता है।  स्व-संग्रह की विश्वसनीयता और स्व-परीक्षण लोगों की आवागमन गतिविधियों को कम करने के साथ कोविड -19 के संचरण जोखिम को कम करेगा। स्व-परीक्षण वर्तमान में 24 घंटे कार्यरत रहने वाले उन प्रयोगशालाओं पर से बोझ या दबाव को कम करेगा जिनमें कार्यरत लोग पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं।  
टेस्टिंग किट का ऐसे करें इस्तेमाल:-
कोविसेल्फ को मंजूरी देने के बाद आईसीएमआर ने जांच को लेकर भी एडवाइजरी जारी की है।
एडवाइजरी में कहा गया है कि वे लोग जिनमें लक्षण नजर आ रहे हैं या जो लोग हाल ही में संक्रमितों के संपर्क में आए हैं उनलोगों को ही टेस्ट करना चाहिए।
आईसीएमआर ने कहा बिना वजह जांच किए जाने की जरूरत नहीं है।
जो लोग होम टेस्टिंग करेंगे उन्हें टेस्ट स्ट्रिप पिक्चर खींचनी होगी और उसी फोन से तस्वीर लेनी होगी जिसपर मोबाइल ऐप डाउनलोड होगा।
मोबाइल फोन का डाटा सीधे आईसीएमआर के टेस्टिंग पोर्टल पर स्टोर हो जाएगा।
मरीज की गोपनीयता बरकरार रहेगी।
जिनकी पॉजिटिव रिपोर्ट आएगी उन्हें पॉजिटिव माना जाएगा और किसी टेस्ट की जरूरत नही पड़ेगी।
पॉजिटिव लोगों को होम आइसोलेशन को लेकर आईसीएमआर और हेल्थ मिनिस्ट्री की गाइडलाइन को मानना होगा।
लक्षण वाले जिन मरीजों का रिजल्ट निगेटिव आएगा, उनको आर टी पी सी आर करवाना होगा।
सभी रैपिड एंटीजन निगेटिव सिम्प्टोमेटिक लोगों को सस्पेक्टेड कोविड केस माना जायेगा।
जब तक आर टी पी सी आर का रिजल्ट नही आ जाता तब तक उन्हें होम आईओलेशन में रहना होगा।
कोविड-19 होम टेस्ट किट का कैसे करना है इस्तेमाल
यूजर मैनुअल के अनुसार, नेजल स्वाब को दोनों नॉस्ट्रिल्स में 2 से 4 सेमी तक डालें। इसके बाद स्वाब को दोनों नॉस्ट्रिल्स में 5 बार तक घुमाएं। स्वाब को पहले से भरे हुए ट्यूब में डालें और बचे हुए स्वाब को तोड़ दें।
ट्यूब का ढक्कन बंद करें।
बाद में टेस्ट कार्ड पर ट्यूब दबाक एक के बाद एक दो बूंदें डालें।
नतीजों के लिए 15 मिनट का इंतजार करें।
कोई भी नतीजा जो 20 मिनट के बाद आए, उसे अवैध समझा जाए।
टेस्ट कार्ड पर दो सेक्शन होंगे. जिनमें से एक कंट्रोल सेक्शन और एक टेस्ट सेक्शन होगा।
अगर बार केवल कंट्रोल सेक्शन सी पर नजर आए, तो नतीजा नेगेटिव है। अगर बार कंट्रोल सेक्शन और टेस्ट सेक्शन (टी) दोनों पर आए, तो इसका मतलब है कि एंटीजन का पता चल गया है और टेस्ट पॉजिटिव है।
यह सच है कि किफायती रैपिड टेस्ट बड़े पैमाने पर जनसमुदाय की निगरानी के उद्देश्य को पूरा करने में मदद कर सकते हैं, फिर चाहे अन्य परीक्षणों की तुलना में सटीक परिणाम प्राप्त करने में इनकी संवेदनशीलता कम हो।  इस प्रकार की गई जाँचों के परिणामों की विश्वसनीयता चिंता का एक प्रमुख विषय बनी हुई है। इसमें सही ढंग से नमूना एकत्र नहीं होने या स्वैब स्टिक के दूषित होने की संभावना अधिक होती है।
इसके अलावा त्वरित एंटीजन परीक्षणों के गलत  नकारात्मक होने की संभावना अधिक होती है। यदि कोई कोविड-संक्रमित व्यक्ति लक्षणहीन है और इसके परीक्षण का परिणाम नकारात्मक आ जाता है, तो इससे उस व्यक्ति के अंदर सुरक्षा की गलत धारणा बन सकती है। स्वास्थ्य पेशेवरों और प्रयोगशालाओं से व्यक्तियों के परीक्षण परिणामों की रिपोर्ट करने की जिम्मेदारी को स्थानांतरित किये जाने से रिपोर्टिंग में कमी आ  सकती है जो संक्रमित व्यक्ति की पहचान और संपर्क के बाद संगरोध या क्वारंटाइन  जैसे प्रतिक्रिया उपायों को अधिक  चुनौतीपूर्ण बना सकता है। यदि रोगी आइसोलेशन के मानदंडों का पालन करता है, सही डेटा फीड करता है तथा परिणामों की सही व्याख्या करने में सक्षम है तो सेल्फ-टेस्टिंग प्रभावी हो सकता है। हालाँकि आर टी ए एक त्वरित जन निगरानी उपकरण के रूप में कार्य करता है, लेकिन परीक्षण के लिये इस पर सर्वाधिक निर्भरता ठीक नहीं है। यह व्यक्तिगत के लिये बेहतर हो सकता है, लेकिन बड़े पैमाने पर परीक्षण के लिये नहीं।

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