चंडीगढ़, 6 मई- महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए. एस. मान ने रोहतक में-रिसर्च मैथडोलॉजी विषयक कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि शोधार्थी शोध की मौलिकता, गुणवत्ता, विषय की नवीनता और उपयोगिता पर ध्यान दें। मौलिक चिंतन और नवाचार युक्त, समाज हितकारी तथा समस्या उन्मूलक शोध करें।
एमडीयू के फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज, फैकल्टी ऑफ इंटरडिसिप्लिनरी स्टडीज तथा चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सात दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्यातिथि डीन प्रो. ए.एस. मान ने कहा कि एमडीयू में रिसर्च इको सिस्टम को मजबूत बनाने और शोध संस्कृति को बढ़ावा देने पर विशेष फोकस किया जा रहा है।
प्रो. मान ने कहा कि शोधार्थियों से शोध कार्य में नवाचार का समावेश और शोध निष्कर्षों की उत्कृष्टता और उपयोगिता पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने शोध में एथिकल वैल्यू को महत्वपूर्ण बताते हुए इसका विशेष ख्याल रखने का आह्वान किया। उन्होंने इस शोध कार्यशाला में शामिल शोधार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि इस कार्यशाला में वे शोध के विभिन्न पहलुओं से रूबरू होंगे और शोध कार्य संबंधित अपने प्रश्नों के उत्तर जानेंगे।
डीन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो. अरूण नंदा ने एमडीयू की शोध प्रगति का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि कुलपति प्रो. राजबीर सिंह के दिशा-निर्देशन में एमडीयू में शोध इको सिस्टम को सुदृढ़ किया गया है।
डीन, फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज एवं कार्यशाला कंवीनर प्रो. राजेश धनखड़ समेत अन्य विभागों के शिक्षक गण एवं प्रतिभागी शोधार्थी उपस्थित रहे।